वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम रोशनाबाद हरिद्वार का नाम बदलने की कोशिश पर सियासी घमासान, हरिद्वार में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन, ‘वंदना के सम्मान में, कांग्रेस मैदान में’ — विपक्ष का सरकार को दो टूक संदेश, नाम बदलने की कोशिश या पहचान मिटाने की साजिश?

इन्तजार रजा हरिद्वार- वंदना कटारिया स्टेडियम का नाम बदलने की कोशिश पर सियासी घमासान,
हरिद्वार में कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन, राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन,
‘वंदना के सम्मान में, कांग्रेस मैदान में’ — विपक्ष का सरकार को दो टूक संदेश, नाम बदलने की कोशिश या पहचान मिटाने की साजिश?
हरिद्वार के रोशनाबाद स्थित वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलने की चर्चाओं के बीच राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इस फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेस पार्टी ने आज प्रदर्शन किया और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर सरकार से नाम न बदलने की मांग की। इस प्रदर्शन की अगुवाई कांग्रेस नेता वरुण वालियान ने की, जिसमें पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी वीरेंद्र रावत, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, लालढांग विधायक फुरकान अहमद और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए।
प्रदर्शनकारियों ने नारेबाज़ी करते हुए सरकार पर वंदना कटारिया की उपलब्धियों को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया और चेतावनी दी कि यदि स्टेडियम का नाम बदलने का निर्णय वापस नहीं लिया गया, तो कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक विरोध करेगी। मौके पर लगे नारे—”वंदना के सम्मान में, कांग्रेस मैदान में“—ने विरोध को भावनात्मक और जनभावनाओं से जुड़ा बना दिया।
वीरेंद्र रावत का तीखा हमला: “ये हरिद्वार की अस्मिता पर चोट”
कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी वीरेंद्र रावत ने इस मुद्दे पर सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा:
“वंदना कटारिया का नाम सिर्फ एक खिलाड़ी का नाम नहीं है, ये एक जज़्बे, संघर्ष और पहचान का प्रतीक है। वो लड़की जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया, आज उसके नाम को मिटाने की कोशिश की जा रही है। ये हरिद्वार की अस्मिता पर चोट है। अगर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया, तो हम बिल्कुल भी चुप नहीं बैठेंगे। जनआंदोलन होगा, और हम इसे हर हाल में रोकेंगे।”
रावत ने कहा कि सरकार की यह मंशा न केवल खेल भावना का अपमान है, बल्कि महिला खिलाड़ियों के हौसले को भी ठेस पहुंचाने वाली है। उन्होंने इस लड़ाई को जनभावना की लड़ाई करार दिया।
ममता राकेश विधायक भगवानपुर का ब्यान: “बेटियों के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला”
भगवानपुर विधायक ममता राकेश ने स्टेडियम का नाम बदलने को महिला सशक्तिकरण के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा:
“ये कोई मामूली नाम नहीं है, ये बेटियों के हौसले, मेहनत और आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है। वंदना कटारिया ने पूरे देश को गौरव दिलाया, और आज उसी की पहचान को मिटाने की बात की जा रही है। सरकार को चेतावनी देते हैं—इस फैसले को जल्द से जल्द बदला जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम महिलाएं और जनसामान्य मिलकर सड़कों पर उतरेंगे, आंदोलन होगा और सरकार को झुकना पड़ेगा।”
ममता राकेश ने कहा कि यह संघर्ष सिर्फ वंदना के नाम के लिए नहीं, बल्कि भविष्य की हर बेटी के आत्मसम्मान के लिए है।
वरुण वालियान ने दी कानूनी लड़ाई की चेतावनी
वरुण वालियान, जो इस विरोध की अगुवाई कर रहे हैं, ने सरकार को चेताया कि यह केवल राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक और कानूनी लड़ाई भी है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा:
“वंदना कटारिया पर न सिर्फ हरिद्वार बल्कि पूरे उत्तराखंड को गर्व है। ये नाम मेहनत, संघर्ष और सफलता की मिसाल है। जो लोग इस नाम को बदलने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें बता दें कि ये हरगिज़ नहीं होने देंगे। हर स्तर पर इसका विरोध किया जाएगा—सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी तौर पर भी। हरिद्वार की जनता इसके खिलाफ एकजुट है और ये नाम मिटाने वालों को करारा जवाब देगी।”
वालियान ने यह भी कहा कि स्टेडियम को वंदना के नाम से जोड़ना युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, और यह किसी भी हालत में बदला नहीं जाना चाहिए।
महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जन समर्थन जुटाने की रणनीति तैयार
कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सरकार इस फैसले को तुरंत रद्द करे। नेताओं ने चेतावनी दी कि अगर नाम बदलने की कोशिश जारी रही, तो यह आंदोलन ज़िले से निकलकर राज्यभर में फैल जाएगा।
कांग्रेस अब जनसमर्थन जुटाने के लिए धरना-प्रदर्शन, पदयात्राएं और हस्ताक्षर अभियान चलाने की तैयारी में है। पार्टी के भीतर यह मांग भी उठ रही है कि इस विषय को विधानसभा में भी जोरशोर से उठाया जाए और अगर जरूरत पड़ी तो विधानसभा सत्र का बहिष्कार भी किया जा सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया: “हमारे गौरव के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं”
स्थानीय लोगों ने भी इस विरोध को समर्थन दिया। स्टेडियम के आसपास के इलाकों में कई युवाओं और महिलाओं ने कांग्रेस के साथ प्रदर्शन में भाग लिया। एक स्थानीय युवती ने कहा, “वंदना कटारिया हमारी प्रेरणा हैं, उनका नाम मिटाने की कोशिश हमारे लिए व्यक्तिगत अपमान जैसा है।”
वहीं, कुछ वरिष्ठ नागरिकों ने भी सरकार से अपील की कि वंदना कटारिया जैसी खिलाड़ी, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद देश का नाम रोशन किया, उनके नाम पर राजनीति न की जाए।
नाम बदलने की कोशिश या पहचान मिटाने की साजिश?
वंदना कटारिया स्पोर्ट्स स्टेडियम का नाम बदलने की यह खबर अब एक गंभीर राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है। कांग्रेस ने इसे महिला सशक्तिकरण, स्थानीय पहचान और खेल प्रतिभाओं के सम्मान से जोड़ दिया है। आने वाले दिनों में यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाया, तो हरिद्वार में बड़ा जनांदोलन खड़ा हो सकता है।
कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है—“वंदना के सम्मान में, कांग्रेस मैदान में”—और सरकार के लिए यह मुद्दा अब एक साधारण प्रशासनिक निर्णय से कहीं अधिक, जनभावनाओं का विस्फोटक विषय बन गया है।