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सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के रिश्ते को मिली सार्वजनिक मान्यता,, सहारनपुर में प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व विधायक ने पत्नी के रूप में स्वीकारा, अभिनेत्री बोलीं – संघर्ष को मिला न्याय,, दशकों पुराना विवाद खत्म, समाज से मिली राहत की सांस, नई शुरुआत का ऐलान

इन्तजार रजा हरिद्वार- सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर के रिश्ते को मिली सार्वजनिक मान्यता,,

सहारनपुर में प्रेसवार्ता के दौरान पूर्व विधायक ने पत्नी के रूप में स्वीकारा, अभिनेत्री बोलीं – संघर्ष को मिला न्याय,,

दशकों पुराना विवाद खत्म, समाज से मिली राहत की सांस, नई शुरुआत का ऐलान

इन्तजार रज़ा, सहारनपुर।
उत्तराखंड की राजनीति और फिल्मी दुनिया में बीते वर्षों से चल रहे एक चर्चित विवाद का आखिरकार सुखद पटाक्षेप हो गया है। उत्तराखंड भाजपा के पूर्व विधायक सुरेश राठौर और अभिनेत्री उर्मिला सनावर के बीच रिश्ते को लेकर चल रही असमंजस और सार्वजनिक विवाद का अंत हो गया है। सहारनपुर के एक प्रतिष्ठित होटल में हुई प्रेसवार्ता में सुरेश राठौर ने उर्मिला को सार्वजनिक रूप से अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया।

सामाजिक मान्यता के लिए उर्मिला का लंबा संघर्ष

अभिनेत्री उर्मिला सनावर ने भावुक होते हुए कहा कि,

“यह केवल एक महिला की नहीं, हर उस महिला की लड़ाई थी जिसे समाज में रिश्तों की पहचान और सम्मान के लिए संघर्ष करना पड़ता है।”

उन्होंने बताया कि इस रिश्ते को सामाजिक मान्यता दिलाने के लिए उन्हें लंबा संघर्ष करना पड़ा। कई बार अपमानित होना पड़ा, मगर उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
उनके शब्दों में भावनात्मक गूंज थी—

“अब जाकर मुझे मेरा अधिकार मिला है। ये मेरी नहीं, न्याय और रिश्तों की जीत है।”

‘अफवाहों और साजिशों ने दूरियां बढ़ाईं’ – सुरेश राठौर

इस मौके पर पूर्व विधायक सुरेश राठौर ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में कई अफवाहों और साजिशों ने उनके और उर्मिला के बीच की दूरी को बढ़ाया।
उन्होंने स्वीकारा:

“मुझसे गलती हुई कि मैंने चुप्पी साधे रखी। इस चुप्पी को गलत अर्थों में लिया गया। मगर अब हम दोनों ने फैसला किया है कि हम अपने रिश्ते को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर नई शुरुआत करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब कोई भ्रम या संदेह की गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने समाज और मीडिया से सहयोग की अपील की।

पारिवारिक और सामाजिक दबाव के चलते खिंचता रहा मामला

इस पूरे मामले में सामाजिक और राजनीतिक समीकरण भी काफी समय तक दबाव का कारण बने रहे। कभी पारिवारिक असहमति, तो कभी राजनीतिक छवि को लेकर उभरी चिंताओं ने दोनों के रिश्ते को खुलकर सामने आने से रोका।
2017 के बाद से राठौर और उर्मिला के रिश्ते को लेकर सोशल मीडिया, लोकल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। एक ओर जहां उर्मिला खुलकर सामने आईं, वहीं सुरेश राठौर अक्सर विवादों से दूरी बनाए रहे।

इस दौरान कुछ वीडियो और सार्वजनिक बयानों ने विवाद को और गहराया, लेकिन रविवार को सहारनपुर में हुए इस ऐलान के साथ दोनों ने अपने रिश्ते की पुष्टि करके इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।

नैतिक और कानूनी पहलू पर भी उठे थे सवाल

उर्मिला द्वारा पहले दिए गए कुछ इंटरव्यू और शिकायतों के आधार पर यह मामला कानूनी पेचों तक पहुंच चुका था। महिलाओं के अधिकारों और विवाह की कानूनी वैधता को लेकर भी सवाल उठाए गए थे। लेकिन अब जब सुरेश राठौर ने उर्मिला को सार्वजनिक मंच से पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया है, तो यह भी माना जा रहा है कि पूर्व में उठे कानूनी विवाद अब स्वत: समाप्त हो जाएंगे।

समाज से सहयोग की अपील, नई शुरुआत की घोषणा

संयुक्त रूप से दिए गए बयान में दोनों ने यह भी कहा कि

“हम अब पीछे नहीं देखना चाहते। हम आगे बढ़ना चाहते हैं, एक-दूसरे के साथ, सम्मान और भरोसे के साथ।”

उन्होंने समाज से अपील की कि उनके इस निर्णय का सम्मान किया जाए और उन्हें एक सामान्य, शांतिपूर्ण जीवन जीने दिया जाए।
इस मौके पर स्थानीय मीडिया के अलावा कई सामाजिक कार्यकर्ता, महिला संगठन की प्रतिनिधियां और उनके समर्थक भी मौजूद रहे, जिन्होंने खुले दिल से इस घोषणा का स्वागत किया।

राजनीतिक गलियारों में हलचल, भाजपा में मिली-जुली प्रतिक्रिया

सुरेश राठौर भले ही इस समय सक्रिय राजनीति से थोड़ी दूरी बनाए हुए हैं, लेकिन भाजपा के पूर्व विधायक के तौर पर उनके इस फैसले को लेकर पार्टी में भी चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
कुछ नेताओं ने इसे व्यक्तिगत मामला बताते हुए चुप्पी साधी है, तो वहीं कुछ ने इसे साहसिक निर्णय बताया है। भाजपा की प्रदेश महिला मोर्चा की एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा,

“यदि दोनों बालिग हैं और आपसी सहमति से साथ रहना चाहते हैं, तो समाज को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”

विवाद की पृष्ठभूमि: सालों से चल रही थी असमंजस की स्थिति

  • 2016-17 में उर्मिला सनावर और सुरेश राठौर के बीच नज़दीकियों की खबरें आईं।
  • 2019 के बाद से उर्मिला ने रिश्ते को सार्वजनिक करने की मांग के साथ कई मंचों पर बयान दिए।
  • 2022-23 में यह विवाद और गहरा हुआ, जब उर्मिला ने सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर आरोप लगाए।
  • 2024 में दोनों के बीच संवादहीनता चरम पर थी।
  • 2025 जून में अब जाकर दोनों ने सार्वजनिक रूप से रिश्ते को स्वीकार कर विवाद को विराम दिया।

 सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता का उदाहरण

सुरेश राठौर और उर्मिला सनावर की इस घोषणा को केवल एक रिश्ते का अंत या नई शुरुआत ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता के प्रतीक के रूप में भी देखा जा सकता है।
जहां एक ओर यह फैसला व्यक्तिगत संतोष का कारण बना, वहीं समाज और राजनीति के स्तर पर भी यह एक अहम संकेत है कि साहसिक फैसलों के लिए समय कभी देर नहीं करता।

 इन्तजार रज़ा, विशेष संवाददाता
Daily Live Uttarakhand

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