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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरिद्वार में ऐतिहासिक वैश्विक संवाद,, मेक्सिको, रूस, नेपाल, श्रीलंका सहित 8 देशों के राजदूत हुए शामिल,, उत्तराखंड में निवेश, पर्यटन, संस्कृति और आयुष के अवसरों पर रखे गए विस्तारपूर्वक विचार

इन्तजार रजा हरिद्वार- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर हरिद्वार में ऐतिहासिक वैश्विक संवाद,,

मेक्सिको, रूस, नेपाल, श्रीलंका सहित 8 देशों के राजदूत हुए शामिल,,

उत्तराखंड में निवेश, पर्यटन, संस्कृति और आयुष के अवसरों पर रखे गए विस्तारपूर्वक विचार

Daily Live Uttarakhand | हरिद्वार, 21 जून 2025

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के शुभ अवसर पर हरिद्वार ने इतिहास रचते हुए एक ऐसा वैश्विक मंच तैयार किया, जहाँ उत्तराखंड के पर्यटन, संस्कृति, आयुष और निवेश संभावनाओं को लेकर विदेशी राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ एक उच्चस्तरीय संवाद स्थापित हुआ। यह कार्यक्रम न केवल योग के संदेश को दुनिया तक पहुंचाने वाला रहा, बल्कि इसने उत्तराखंड को एक वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में भी प्रस्तुत किया।

इस विशेष बैठक में भारत में मेक्सिको के राजदूत श्री फेडेरिको सालास, फिजी के उच्चायुक्त श्री जगन्नाथ सामी, नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, सूरीनाम के राजदूत श्री अरुणकोमर हार्डियन, मंगोलिया के राजदूत श्री डंबाजाविन गैंबोल्ड, लातविया के डिप्टी हेड ऑफ मिशन श्री मार्क्स डीतॉन्स, श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर श्री लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, और रूसी दूतावास की प्रथम सचिव सुश्री क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव सुश्री कैटरीना लज़ारेवा सहित कई वरिष्ठ प्रतिनिधि मौजूद रहे।

राज्य सरकार की ओर से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विनय रुहेला, सचिव श्री सचिन कुर्वे, श्री धीराज गबर्याल, श्री जुगल किशोर पंत, अपर सचिव श्री अभिषेक रोहिल्ला, श्री विजय कुमार जोगदंडे, और निदेशक उद्योग श्री जी. एम. चंदोला सहित पर्यटन, आयुष, संस्कृति और उद्योग विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पर्यटन: उत्तराखंड बना निवेशकों की पहली पसंद

कार्यक्रम की शुरुआत सचिव पर्यटन श्री सचिन कुर्वे द्वारा किए गए प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण से हुई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन विकास की दृष्टि से एक व्यापक आधारभूत ढांचा तैयार किया जा चुका है। राज्य में देहरादून, पंतनगर और पिथौरागढ़ तीन परिचालन हवाई अड्डे कार्यरत हैं, साथ ही 8 हेलीपोर्ट्स भी क्रियाशील हैं, जो दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंच को आसान बनाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के पास 46000 किलोमीटर से अधिक लंबा सड़क नेटवर्क है, जो तीर्थ और सीमावर्ती क्षेत्रों को साल भर जोड़ता है।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार रोपवे निर्माण पर भी विशेष ध्यान दे रही है। मसूरी, यमुनोत्री और पूर्णागिरी जैसे प्रमुख स्थानों पर रोपवे परियोजनाएं प्रारंभ की गई हैं। टिहरी झील को जल क्रीड़ा और हवाई खेलों का हब बनाया जा रहा है, वहीं जॉर्ज एवरेस्ट एस्टेट का पुनर्विकास भी दर्शनीय बना है। केदारनाथ और बद्रीनाथ को प्लास्टिक विनियमित क्षेत्र घोषित कर पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी गई है।

इसके साथ ही बायो-डाइजेस्टर शौचालयों की स्थापना, कचरा प्रबंधन, और साफ-सुथरे पर्यटन स्थल जैसी योजनाएं राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती हैं। कौशल विकास योजना के अंतर्गत 5500 से अधिक युवाओं को आतिथ्य और पर्यटन क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया गया है।

साहसिक पर्यटन: रोमांच प्रेमियों का नया ठिकाना उत्तराखंड

सचिन कुर्वे ने साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को भी उजागर किया। उत्तराखंड में स्कीइंग, बंजी जंपिंग, ट्रेकिंग, पैराग्लाइडिंग और राफ्टिंग जैसे साहसिक खेलों को बढ़ावा दिया जा रहा है। केदारकांठा, फूलों की घाटी और हरकीदून ट्रेकिंग के प्रमुख आकर्षण हैं, जबकि नौकुचियाताल, दयारा बुग्याल और धनोल्टी पैराग्लाइडिंग के लिए विकसित किए जा रहे हैं।

ऋषिकेश, टोंस, अलकनंदा, काली और धौलीगंगा नदियों में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। मछली पकड़ने के लिए कोसी, सुपिन और टोंस नदियों में गोल्डन महशीर और ट्राउट मछलियों की उपस्थिति पर्यटकों को आकर्षित करती है।

जिम कॉर्बेट समेत 6 राष्ट्रीय उद्यान और 7 वन्यजीव अभयारण्यों ने सफारी पर्यटन को भी लोकप्रिय बनाया है। इसके अतिरिक्त खगोल पर्यटन की नई पहल “नक्षत्र सभा” और जायरोकॉप्टर सवारी जैसे अभिनव प्रयोगों से उत्तराखंड की विशिष्टता बढ़ी है।

आयुष: उत्तराखंड बना ‘वेलनेस हब’

कार्यक्रम में अपर सचिव श्री विजय कुमार जोगदंडे ने राज्य में आयुष एवं वेलनेस सेक्टर की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक संपदा, हिमालयी जलवायु और आध्यात्मिक परिवेश इसे आयुष चिकित्सा के लिए आदर्श बनाते हैं। यहाँ की शुद्ध वायु, औषधीय पौधों से समृद्ध वनों और शांत वातावरण ने इसे ‘हीलिंग डेस्टिनेशन’ के रूप में ख्याति दिलाई है।

राज्य सरकार ने आयुष क्षेत्र में उत्कृष्ट अवसंरचना का विकास किया है। पारदर्शी नीतियों, कानून व्यवस्था और प्रशिक्षित जनशक्ति के साथ उत्तराखंड ने आयुष और वेलनेस उद्योग के लिए एक मजबूत आधार तैयार किया है। योग, पंचकर्म, आयुर्वेदिक उपचार, और प्राकृतिक चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में निजी और विदेशी निवेश के लिए राज्य में पर्याप्त अवसर हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज स्वास्थ्य चाहने वालों और स्वास्थ्य व्यवसायियों दोनों के लिए स्वर्ग के समान है।

उद्योग: निवेशकों के लिए खुला मंच

निदेशक उद्योग श्री जी एम चंदोला ने बताया कि उत्तराखंड सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए लचीली और पारदर्शी औद्योगिक नीतियां बनाई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम, बिजली रियायतें, भूमि बैंक और लॉजिस्टिक हब जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, जिससे विदेशी निवेशकों के लिए यहाँ उद्योग लगाना सरल और लाभकारी है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि विदेशी निवेशकों को न केवल एक अनुकूल वातावरण मिले, बल्कि उनके द्वारा लाए गए तकनीकी, नवाचार और पूंजी से उत्तराखंड की आर्थिक प्रगति को भी बल मिले।


राजनयिकों की सराहना: योग की भूमि अब अवसरों की भूमि

बैठक में भाग लेने वाले विदेशी प्रतिनिधियों ने उत्तराखंड सरकार के प्रयासों की सराहना की। मेक्सिको के राजदूत श्री फेडेरिको सालास ने कहा कि उत्तराखंड पर्यटन और आयुष के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बन सकता है। नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा ने सांस्कृतिक और भौगोलिक निकटता पर प्रकाश डालते हुए संयुक्त परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशी।

रूस और श्रीलंका के प्रतिनिधियों ने हवाई, जल और योग पर्यटन में साझेदारी की संभावनाओं पर रुचि दिखाई। मंगोलिया और लातविया के अधिकारियों ने उत्तराखंड के युवाओं के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान की इच्छा जाहिर की।


निष्कर्ष: वैश्विक मंच पर उत्तराखंड की मजबूत उपस्थिति

हरिद्वार में आयोजित यह संवादात्मक बैठक उत्तराखंड को वैश्विक निवेश मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुई है। योग दिवस जैसे वैश्विक अवसर पर राज्य ने एक बहुआयामी रणनीति को प्रस्तुत कर यह दर्शा दिया कि उत्तराखंड न केवल आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि यह पर्यटन, आयुष, संस्कृति और निवेश के लिए भी एक उभरता हुआ गंतव्य है।

यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उस सोच को भी साकार करती है, जिसमें वोकल फॉर लोकल के साथ-साथ ग्लोबल कनेक्ट को जोड़ने का प्रयास किया गया है।

–Daily Live Uttarakhand

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