पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने दिए सख्त निर्देश: गुणवत्ता और समयबद्धता से हो कार्य,, बद्रीनाथ, माणा और औली में विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण,, वाइब्रेंट विलेज, रोपवे, झीलें और मास्टर प्लान के प्रोजेक्ट्स पर विशेष फोकस

इन्तजार रजा हरिद्वार- पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने दिए सख्त निर्देश: गुणवत्ता और समयबद्धता से हो कार्य,, बद्रीनाथ, माणा और औली में विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण,,
वाइब्रेंट विलेज, रोपवे, झीलें और मास्टर प्लान के प्रोजेक्ट्स पर विशेष फोकस
चमोली – 10 जुलाई 2025
उत्तराखंड शासन के पर्यटन एवं धर्मस्व सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने गुरुवार को चमोली जनपद के प्रमुख पर्यटन स्थलों बद्रीनाथ, माणा और औली का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पर्यटन विकास की दिशा में चल रहे प्रमुख निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों को गुणवत्ता, पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ कार्यों को पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए।
बद्रीनाथ धाम – मास्टर प्लान की निगरानी में कोई लापरवाही नहीं
बद्रीनाथ धाम पहुंचकर सचिव गर्ब्याल ने भगवान बद्रीविशाल के दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने बद्रीनाथ मास्टर प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित और निर्माणाधीन परियोजनाओं जैसे –
- रिवर फ्रंट डेवलपमेंट,
- एराइवल प्लाजा,
- आईएसबीटी (बस अड्डा),
- बैकुंठ द्वार,
- सिविक एमेनिटी भवन,
- नया अस्पताल भवन,
- एनपीसीसी द्वारा निर्मित मल्टीस्टोरी पार्किंग
का विस्तार से निरीक्षण किया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी कार्यदायी संस्थाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर कार्यों को पूर्ण करें और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। इस निरीक्षण के दौरान सचिव ने बद्रीश झील और शेषनेत्र झील का भी दौरा किया और नगर पंचायत को झीलों की नियमित सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
साथ ही उन्होंने बद्रीनाथ क्षेत्र के ड्रेनेज सिस्टम को सुदृढ़ और प्रभावी बनाने पर भी विशेष जोर दिया, ताकि मानसून के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
माणा गांव – वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत होगा बहुआयामी विकास
माणा गांव, जिसे भारत का ‘प्रथम गांव’ कहा जाता है, वहां सचिव गर्ब्याल ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत प्रस्तावित विभिन्न परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। इसमें
- माणा एराइवल प्लाजा,
- केशव प्रयाग,
- भीमपुल
जैसे प्रमुख विकास स्थलों का निरीक्षण शामिल था।
उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि यहां पर सभी कार्य स्थानीय संस्कृति, जनभावनाओं और परंपराओं का सम्मान करते हुए जनसहमति से संपादित किए जाएं।
गौरतलब है कि माणा को वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत विकसित कर सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा, रोजगार और पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकारें विशेष रूप से काम कर रही हैं।
औली – विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाओं की दिशा में बड़ा कदम
औली भ्रमण के दौरान सचिव गर्ब्याल ने वहां स्थित
- पर्यटक आवास गृह,
- चेयर लिफ्ट,
- स्कीइंग स्लोप,
- और औली रोपवे
का निरीक्षण किया और गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) के अधिकारियों से बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने औली में स्थित तीनों पर्यटक आवास गृहों के उच्चीकरण के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) बनाकर शीघ्र शासन को भेजने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही, 600 मीटर लंबी अप्रोच रोड की मरम्मत के लिए लोक निर्माण विभाग से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजे जाने के निर्देश भी दिए गए। सचिव ने औली में पर्यटन को सस्टेनेबल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रमोट करने की जरूरत पर भी बल दिया।
तपोवन – गर्म जल स्रोत और पर्यटन संभावनाओं पर फोकस
धीरज गर्ब्याल अपने दौरे के अंतर्गत तपोवन भी पहुंचे। उन्होंने वहां के प्राकृतिक गर्म जल स्रोत का निरीक्षण किया और इसके संरक्षण हेतु एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर शासन को भेजने को कहा।
साथ ही उन्होंने वहां स्थित पर्यटक आवास गृह के संचालन और रखरखाव को लेकर भी जिम्मेदार विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक और प्राकृतिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए स्थानीय जनसहभागिता और पारंपरिक ज्ञान को सम्मिलित कर विकास योजनाएं तैयार की जाएं।
“जनसहभागिता और गुणवत्ता से बनेगा उत्तराखंड मॉडल” – सचिव
सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने निरीक्षण के दौरान कहा –
“चारधाम यात्रा और पर्यटन विकास केवल ढांचागत निर्माण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण से सीधे जुड़े मुद्दे हैं। सभी कार्यों में जनसहभागिता, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाए।”
उन्होंने अधिकारियों को दोहराया कि राज्य सरकार का उद्देश्य उत्तराखंड को एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और साहसिक पर्यटन का आदर्श राज्य बनाना है।
प्रमुख अधिकारी रहे साथ
निरीक्षण के दौरान एसडीएम जोशीमठ चन्द्रशेखर वशिष्ठ, पेयजल एवं निर्माण इकाई के अधिशासी अभियंता योगेश मनराल, जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी सुनील पुरोहित, गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक रावत, सहायक अभियंता संजय गुप्ता सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
पर्यटन सचिव का यह निरीक्षण चमोली जनपद में हो रहे पर्यटन विकास कार्यों की गंभीरता, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के साथ समावेशी दृष्टिकोण को दर्शाता है। बद्रीनाथ, माणा और औली जैसे प्रमुख स्थलों पर योजनाबद्ध विकास से न केवल तीर्थाटन को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और विकास के नए अवसर प्राप्त होंगे।