36 घंटे में होटल संचालक के बेटे के अपहरण-हत्या का कलियर पुलिस ने किया पर्दाफाश एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने प्रेसवार्ता के दौरान किया खुलासा,, मुख्य साजिशकर्ता सहित 2 आरोपी दबोचे, क्राइम पेट्रोल देखकर रची थी साजिश,, हत्या के बाद भी जारी रहा फिरौती का खेल

इन्तजार रजा हरिद्वार- 36 घंटे में होटल संचालक के बेटे के अपहरण-हत्या का कलियर पुलिस ने किया पर्दाफाश एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने प्रेसवार्ता के दौरान किया खुलासा,,
मुख्य साजिशकर्ता सहित 2 आरोपी दबोचे, क्राइम पेट्रोल देखकर रची थी साजिश,,
हत्या के बाद भी जारी रहा फिरौती का खेल
हरिद्वार जनपद के थाना पिरान कलियर क्षेत्र में हुई सनसनीखेज अपहरण और हत्या की वारदात को हरिद्वार पुलिस ने 36 घंटे के भीतर सुलझाकर एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कानून के शिकंजे से कोई अपराधी बच नहीं सकता। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की निगरानी और त्वरित एक्शन ने इस मामले को बेहद कम समय में सुलझा दिया। पुलिस ने न केवल होटल संचालक के बेटे अनवर की हत्या की गुत्थी को सुलझाया बल्कि मुख्य साजिशकर्ता सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार कर वारदात का पूरा घटनाक्रम भी उजागर कर दिया।
शिकायत के बाद पुलिस ने शुरू की तफ्तीश
बेड़पुर कलियर निवासी होटल संचालक नसीर ने 7 सितंबर 2025 को थाना कलियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि 6 सितंबर की रात उनके दामाद के मोबाइल पर किसी अज्ञात ने उनके बेटे अनवर के फोन से कॉल कर फिरौती के रूप में 25 लाख रुपये की मांग की है। इस शिकायत के बाद थाना कलियर पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज कर उच्च अधिकारियों को अवगत कराया। मामला बेहद गंभीर था क्योंकि इसमें अपहरण, हत्या और फिरौती जैसे अपराध जुड़े हुए थे।
एसएसपी डोबाल ने खुद सम्भाली कमान
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने स्वयं मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने थाना कलियर और सीआईयू रुड़की की संयुक्त टीम गठित कर साफ निर्देश दिए कि अपहृत युवक को हर हाल में बरामद किया जाए और दोषियों को जल्द बेनकाब किया जाए। पुलिस टीम ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों में लगातार दबिशें दीं और डिजिटल एविडेंस जुटाने के साथ ही संदिग्धों पर कड़ी नजर रखी।
शक की सुई पहुंची किराएदार टेलर और उसके साथी पर
पुलिस टीम ने प्रारंभिक जांच में पाया कि होटल संचालक नसीर के यहां पिछले सात वर्षों से बतौर टेलर किराए पर रह रहा अमजद और उसका दोस्त फरमान उर्फ लालू संदेह के घेरे में हैं। दोनों से सख्ती से पूछताछ करने पर चौंकाने वाले खुलासे हुए। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पैसे के लालच में आकर इस घटना को अंजाम दिया। इतना ही नहीं, दोनों ने अपराध करने के तरीके टीवी शो क्राइम पेट्रोल देखकर सीखे थे।
क्रूर साजिश: हत्या कर शव नहर में फेंका
जांच में सामने आया कि 6 सितंबर को शाम लगभग 4 बजे दोनों आरोपियों ने अनवर को अपनी टेलर की दुकान पर बुलाया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को प्लास्टिक के बोरे में डालकर मोटरसाइकिल की टंकी पर रखकर फरमान शव को ठिकाने लगाने निकला। लेकिन धनौरी रोड पर मोटरसाइकिल पंचर हो गई। इस पर अमजद ने ई-रिक्शा किराए पर लेकर फरमान की मदद की और शव को सुमन नगर के पास नहर में फेंक दिया।
हत्या के बाद भी जारी रहा फिरौती का खेल
लाश को नहर में फेंकने के बाद दोनों आरोपी कलियर मेला घूमने गए और वहां से मृतक का मोबाइल इस्तेमाल करते हुए उसके जीजा जुबैर को कॉल कर 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी। आरोपियों ने फिरौती की रकम वसूलने के लिए पंतजलि फ्लाईओवर और भगवानपुर फ्लाईओवर पर मिलने के लिए संदेश भेजे, लेकिन जब परिजन नहीं पहुंचे तो उन्होंने मोबाइल बंद कर घर लौट गए।
वारदात का पूरा घटनाक्रम
पूछताछ में आरोपियों ने माना कि उन्होंने 6 सितंबर की शाम अनवर को दुकान पर बुलाया और हत्या कर दी। शव को बोरे में बंद कर पहले मोटरसाइकिल और फिर ई-रिक्शा से ले जाकर नहर में फेंका। इसके बाद दोनों आरोपी मेला घूमने गए और वहीं से मृतक के मोबाइल से फिरौती की कॉल की। पुलिस टीम ने आरोपी अमजद और फरमान से पूछताछ कर वारदात की हर परत को उजागर कर दिया।
गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी
पुलिस ने इस वारदात में शामिल दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गिरफ्तार आरोपी:
- अमजद पुत्र सफीक, निवासी मुकर्बपुर थाना कलियर, उम्र 33 वर्ष।
- फरमान उर्फ लालू पुत्र यामीन, निवासी मुस्तफाबाद थाना बहादराबाद, उम्र 32 वर्ष।
बरामद सामान:
- घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल
- घटना में प्रयुक्त ई-रिक्शा
- मृतक का मोबाइल फोन
- शव ले जाने के लिए प्रयुक्त प्लास्टिक बोरा
एसएसपी की सख्ती, पुलिस टीम की मेहनत
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने इस पूरे मामले की मॉनिटरिंग करते हुए पुलिस टीम को लगातार दिशा-निर्देश दिए। उनकी अगुवाई में बनी टीम ने जमीनी स्तर से लेकर तकनीकी साक्ष्यों तक हर पहलू पर काम किया।
मुख्य टीम:
- श्री नरेन्द्र पंत, पुलिस उपाधीक्षक रुड़की
- एसओ रविन्द्र कुमार
- व0उ0नि0 बबलू चौहान
- उ0नि0 उमेश कुमार
- अ0उ0नि0 पुष्कर सिंह चौहान
- अ0उ0नि0 राम अवतार
- हे0कां0 सोनू कुमार
- हे0कां0 जमशेद अली
- हे0कां0 रविन्द्र बालियान
- हे0कां0 संजय सिंह
- कांस्टेबल विक्रम सिंह
- कांस्टेबल आबिद अली
- कांस्टेबल जितेन्द्र सिंह
- चालक नीरज राणा
साथ ही एसओजी टीम रुड़की की भूमिका भी बेहद अहम रही।
36 घंटे में बड़ा खुलासा, परिजनों को इंसाफ की उम्मीद
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और प्रोफेशनल एप्रोच से यह पूरा मामला महज 36 घंटे में सुलझ गया। होटल संचालक परिवार भले ही अपने बेटे को खोने के गम में है, लेकिन पुलिस की सख्त कार्रवाई से उन्हें इंसाफ की उम्मीद जगी है।