सीएम हेल्पलाइन 1905 समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश,, जनता की शिकायतों का नो पेंडेंसी आधार पर समाधान करें अधिकारी,, पुरानी शिकायतें ‘क्रिटिकल केटेगरी’ में चिन्हित होंगी, निगरानी होगी साप्ताहिक

इन्तजार रजा हरिद्वार- सीएम हेल्पलाइन 1905 समीक्षा बैठक में सख्त निर्देश,,
जनता की शिकायतों का नो पेंडेंसी आधार पर समाधान करें अधिकारी,,
पुरानी शिकायतें ‘क्रिटिकल केटेगरी’ में चिन्हित होंगी, निगरानी होगी साप्ताहिक
देहरादून, 26 जून 2025 —
राज्य सचिवालय में आयोजित सीएम हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा बैठक में शासन स्तर पर एक बार फिर जनसुनवाई तंत्र को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और समयबद्ध बनाने पर जोर दिया गया। बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि जनता की शिकायतों का ‘नो पेंडेंसी’ के सिद्धांत पर त्वरित और प्रभावी समाधान किया जाए, जिससे आमजन को राहत मिल सके और शासन-प्रशासन में विश्वास मजबूत हो।
शिकायतकर्ताओं से सीधा संवाद, फीडबैक लिया गया
बैठक के दौरान अधिकारियों ने हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत दर्ज कराने वाले नागरिकों से फोन पर सीधा संवाद कर उनकी संतुष्टि और फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संचालित यह कवायद इस उद्देश्य से की गई कि अधिकारियों की कार्यप्रणाली और निस्तारण की गुणवत्ता को परखा जा सके।
“क्रिटिकल केटेगरी” में चिन्हित होंगी गंभीर और लंबित शिकायतें
बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए गए कि जनहित से जुड़ी पुरानी और गंभीर शिकायतों को ‘क्रिटिकल केटेगरी’ में चिन्हित किया जाए और उनकी उच्च स्तरीय निगरानी सुनिश्चित हो। संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि ऐसी शिकायतों का प्राथमिकता के आधार पर समाधान कर तत्काल निस्तारण रिपोर्ट पोर्टल पर अपडेट की जाए।
नेगेटिव फीडबैक पर होगी साप्ताहिक मॉनिटरिंग
बैठक में पोर्टल पर प्राप्त हो रहे नकारात्मक फीडबैक को लेकर चिंता व्यक्त की गई और अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि ऐसे मामलों पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही हर सप्ताह इस पर मॉनिटरिंग रिपोर्ट तैयार की जाए, ताकि समस्याओं की जड़ तक पहुंचा जा सके और उनकी पुनरावृत्ति न हो।
सीएम हेल्पलाइन को 24×7 करने पर जोर
मुख्यमंत्री कार्यालय ने स्पष्ट किया कि सीएम हेल्पलाइन नंबर 1905 को 24×7 (चौबीसों घंटे, सातों दिन) कार्यशील बनाने हेतु आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक व्यवस्थाएं तुरंत लागू की जाएं। इसके लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग और प्रशासनिक तंत्र को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
पोर्टल पर ‘स्थिति रिपोर्ट’ में कोई लापरवाही नहीं चलेगी
अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी गई कि जनशिकायतों से संबंधित मामलों की जो स्थिति पोर्टल पर अपडेट की जाती है, वह तथ्यात्मक और वास्तविक होनी चाहिए। किसी भी प्रकार की गुमराह करने वाली या गलत जानकारी देने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
तहसील दिवस को बनाया जाए भरोसेमंद जनमंच
बैठक में जनता से प्रत्यक्ष संवाद के लिए जनता मिलन और तहसील दिवस कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी और समाधानपरक बनाने पर बल दिया गया। निर्देश दिए गए कि ये कार्यक्रम केवल औपचारिकता नहीं बल्कि जनविश्वास अर्जित करने वाले मंच बनें, जहां शिकायतों का मौके पर समाधान किया जाए।
मुख्य सचिव स्तर से यह भी निर्देशित किया गया कि हर माह एक दिन पूरे प्रदेश में एक साथ तहसील दिवस का आयोजन सुनिश्चित किया जाए, जिससे एकरूपता के साथ जनसुनवाई हो और सरकार की प्रतिबद्धता का संदेश गांव-गांव तक पहुंचे।
संक्षेप में प्रमुख निर्देश:
क्रमांक | निर्देश | विवरण |
---|---|---|
1 | नो पेंडेंसी | सभी शिकायतों का समयबद्ध समाधान |
2 | क्रिटिकल केटेगरी | गंभीर/पुरानी शिकायतों की विशेष निगरानी |
3 | नेगेटिव फीडबैक | आवश्यक कार्रवाई व साप्ताहिक समीक्षा |
4 | 24×7 हेल्पलाइन | सीएम हेल्पलाइन को चौबीस घंटे कार्यशील बनाना |
5 | सही स्टेटस रिपोर्ट | पोर्टल पर सही जानकारी देना अनिवार्य |
6 | तहसील दिवस | प्रति माह पूरे राज्य में एकसाथ आयोजन |
सरकार की प्राथमिकता में पारदर्शिता और जवाबदेही
सीएम हेल्पलाइन 1905 की यह समीक्षा बैठक शासन की उस नीति की पुनर्पुष्टि है, जिसमें जनता की शिकायतों को प्राथमिकता देना और उसके समाधान में देरी न करना मूल उद्देश्य है। यह भी स्पष्ट हुआ कि उत्तराखंड सरकार, शिकायतकर्ता के दृष्टिकोण से काम करने वाली शासन प्रणाली विकसित कर रही है, जिसमें सुनवाई भी हो, समाधान भी हो और संतुष्टि भी मिले।
इस संदर्भ में शासन स्तर पर तकनीकी उन्नयन, प्रक्रिया में तेजी, और जिम्मेदार अधिकारियों की व्यक्तिगत जवाबदेही तय करने जैसे महत्वपूर्ण कदम भी जल्द लिए जाएंगे।
रिपोर्ट: Intzar Raza
Daily Live Uttarakhand