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देहरादून में सरकार की आंखों के नीचे चला करोड़ों का फर्जीवाड़ा!,, 9428 आयुष्मान और 3323 राशन कार्ड रद्द, 2 FIR—but असली मास्टरमाइंड कौन?,, क्या सरकारी योजनाएं अब दलालों और गिरोहों का चारागाह बन चुकी हैं?

इन्तजार रजा हरिद्वार- देहरादून में सरकार की आंखों के नीचे चला करोड़ों का फर्जीवाड़ा!,,

9428 आयुष्मान और 3323 राशन कार्ड रद्द, 2 FIR—but असली मास्टरमाइंड कौन?,,

क्या सरकारी योजनाएं अब दलालों और गिरोहों का चारागाह बन चुकी हैं?


स्पेशल रिपोर्ट: इंतज़ार रज़ा | ‘Daily Live Uttarakhand’ | देहरादून

देहरादून में सरकारी योजनाओं के नाम पर करोड़ों की लूट का भंडाफोड़ हुआ है। राजधानी की छत्रछाया में बैठे अधिकारियों की नाक के नीचे 9428 आयुष्मान कार्ड और 3323 राशन कार्ड फर्जीवाड़े के जरिए बना दिए गए। और जब तक प्रशासन की आंख खुलती, सैकड़ों अपात्र लोग सरकारी सुविधाओं का मज़ा ले चुके थे।

अब जब दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, सवाल यह उठता है—क्या यह सिर्फ ‘अज्ञात लोगों’ का खेल है या इसमें अंदरूनी मिलीभगत भी है?


🟥 मुख्यमंत्री के आदेश, पर क्या दोषी पकड़ में आएंगे?

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी और एसएसपी देहरादून को मामले की गंभीरता से जांच कर दोषियों को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। लेकिन यह सवाल अभी भी लटका है कि—

“क्या कार्रवाई सिर्फ कागज़ों में रह जाएगी, या कोई बड़ा नाम भी कटघरे में खड़ा होगा?”


🟧 राशन कार्ड की आड़ में घोटाला, आयुष्मान का टूल बना ‘फर्जी परिवार’

जिलाधिकारी सविन बंसल ने खुलासा किया कि जिले में 136676 निष्क्रिय राशन कार्ड पाए गए, जिनमें से 9428 आयुष्मान कार्ड तैयार किए गए। ये कार्ड सीधे आयुष्मान भारत योजना को चूना लगाने के लिए बनाए गए थे। मतलब साफ है—

👉 पहले फर्जी राशन कार्ड, फिर उससे आयुष्मान कार्ड – और फिर सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के नाम पर सरकारी धन की लूट!


🟥 कौन हैं असली गुनहगार—दलाल, डाटा ऑपरेटर या विभागीय अधिकारी?

फिलहाल FIR अज्ञात लोगों के खिलाफ है। लेकिन क्या सिर्फ जनता ने फर्जी दस्तावेज दिए या फिर विभागों में बैठे कर्मचारी और डाटा ऑपरेटर भी इस खेल में शामिल थे?

क्या ये संभव है कि बिना अंदरूनी मदद के कोई हजारों फर्जी कार्ड तैयार कर ले?


🟨 12 लाख में 9 हजार फर्जी—देहरादून ही नहीं, राज्यभर में जांच जरूरी

देहरादून जिले में 12 लाख आयुष्मान कार्ड बने हैं। यदि सिर्फ एक जिले में 9 हजार फर्जी निकले हैं, तो पूरे प्रदेश में क्या हाल होगा?

✅ ये एक जिले की कहानी नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की पोल खोलती मिसाल है।


🟩 कार्ड बनाने की पात्रता की खुली धज्जियां

सरकारी योजनाओं की पात्रता तय है, लेकिन फर्जी दस्तावेजों से इन नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं:

योजना आय सीमा
अंत्योदय योजना ₹15,000/वर्ष से कम
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना ₹1.80 लाख/वर्ष से कम
राज्य खाद्य योजना ₹5 लाख/वर्ष से कम

इन सीमाओं के बावजूद कार्ड उन लोगों के नाम पर भी बने हैं, जिनकी आय लाखों में थी। इसका मतलब है—या तो फर्जी आय प्रमाणपत्र बने, या फिर जानबूझकर आंख मूंदकर मंजूरी दी गई।


🟥 आयुष्मान फर्जीवाड़ा—लोगों की जान नहीं, लाभ देखा गया!

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण (SHA) ने साफ तौर पर कहा है कि एक संगठित गिरोह फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाने में लिप्त है। SHA ने इस आशंका की सूचना एसएसपी अजय सिंह को दी है।

अब देखना ये होगा कि क्या ये जांच केवल छोटे कैफे चलाने वालों पर ही खत्म होगी, या फिर पर्दे के पीछे के असली स्क्रिप्ट राइटर भी बेनकाब होंगे?


🟧 सत्यापन की सच्चाई: आंकड़े चौंकाने वाले हैं

देहरादून में कुल 3,87,954 राशन कार्ड हैं, लेकिन सत्यापन केवल 75,576 का ही हुआ है। इसका मतलब—लाखों कार्ड अब भी संदेह के घेरे में हैं।

⚠️ क्या सिस्टम में अभी भी हजारों फर्जी कार्ड छिपे बैठे हैं?


📢 जनता की आवाज़: गरीब रह गया वंचित, अमीरों ने लूटा योजना!

“किसी की मां कैंसर से जूझ रही हैं, लेकिन हर बार आयुष्मान कार्ड ‘निष्क्रिय’ बताकर इलाज से मना कर दिया गया। अब पता चला कि हमारे जैसे असली लाभार्थियों का हक फर्जीवाड़े में डुबो दिया गया।”


🔴 अब क्या चाहिए?—सिर्फ FIR नहीं, फास्ट ट्रैक सजा!

  1. फर्जी कार्डधारकों की सार्वजनिक सूची जारी हो।
  2. कार्ड बनाने में शामिल कर्मचारियों पर मुकदमा चले।
  3. राज्य स्तर पर विशेष सत्यापन अभियान हो।
  4. साइबर कैफे, जन सेवा केंद्रों की लाइसेंसिंग प्रणाली कड़ी की जाए।
  5. जनता से ओपन टिप्स मांगे जाएं—गिरोहों की पहचान के लिए।

🔚 सिस्टम की सड़ांध को साफ करने का समय अब है

यह घटना सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के अधिकारों की डकैती है। यदि सरकार अब भी ढीली कार्रवाई करती है, तो ये तय मानिए—जनता का भरोसा सिस्टम से उठ जाएगा।

अब वक्त आ गया है कि कागज़ी आदेशों से निकलकर सरकार सख़्त, तेज़ और निष्पक्ष कार्रवाई करे—वरना कल कोई और योजना किसी और गिरोह का ‘ATM’ बन जाएगी।


🖊️ रिपोर्टर: इंतज़ार रज़ा
📍 स्थान: देहरादून
🗓️ प्रकाशन तिथि: 8 जुलाई 2025
📰 ‘Daily Live Uttarakhand’

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