हरिद्वार में रिश्वतखोरी का फिर पर्दाफाश,, विजिलेंस टीम ने चकबंदी विभाग के कानूनगो को पकड़ा रंगे हाथ,, बीस हजार की रिश्वत लेते समय हुआ गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में रिश्वतखोरी का फिर पर्दाफाश,,
विजिलेंस टीम ने चकबंदी विभाग के कानूनगो को पकड़ा रंगे हाथ,,
बीस हजार की रिश्वत लेते समय हुआ गिरफ्तार, विभाग में मचा हड़कंप

उत्तराखंड के लक्सर तहसील क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रहे अभियान को एक और बड़ी सफलता मिली है। देहरादून से आई सतर्कता (विजिलेंस) टीम ने बुधवार को एक कानूनगो को बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धर दबोचा। यह कार्रवाई उस समय की गई जब आरोपी कानूनगो पीड़ित से रुपये लेने के लिए पहले से तय स्थान पर पहुंचा था।
जानकारी के अनुसार आरोपी पहले लेखपाल के पद पर कार्यरत था और हाल ही में पदोन्नति के बाद उसे कानूनगो बनाया गया था। पदोन्नति की खुशी अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि भ्रष्टाचार की भूख ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
रिश्वत की रकम तय थी, पीड़ित की शिकायत पर हुई कार्रवाई
पूरा मामला चकबंदी विभाग से जुड़ा है। पीड़ित व्यक्ति ने विजिलेंस टीम को शिकायत दी थी कि संबंधित कानूनगो उससे भूमि संबंधी कार्यों की फाइल पास करने के एवज में 20,000 रुपये की मांग कर रहा है। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस ने मामले की तहकीकात की और जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ने की रणनीति बनाई।
शिकायतकर्ता को निर्धारित दिन पर रुपये लेकर बुलाया गया और जैसे ही आरोपी ने पैसे हाथ में लिए, विजिलेंस की टीम ने तत्काल उसे गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई लक्सर में उसके कार्यालय के पास एक दुकान के बाहर हुई, जहां आरोपी पैसे लेने पहुंचा था।
प्रमोशन के तुरंत बाद भ्रष्टाचार में फंसा अफसर
सूत्रों की मानें तो आरोपी का नाम सुभाष है, जो पहले लेखपाल था। कुछ ही दिन पहले उसे कानूनगो के पद पर प्रमोट किया गया था। प्रमोशन के बाद विभागीय प्रभाव का गलत उपयोग करते हुए उसने भ्रष्ट तरीके से काम करने का सिलसिला शुरू किया, जिसका अंत विजिलेंस की गिरफ्त में जाकर हुआ।
आरोपी के प्रमोशन के बाद क्षेत्र के कुछ ग्रामीणों और किसानों में पहले से ही असंतोष था। बताया जा रहा है कि वह अपने पद का गलत फायदा उठाते हुए कई लोगों से फाइल आगे बढ़ाने, सीमांकन और नक्शा स्वीकृति जैसे सामान्य कार्यों के लिए अवैध धन की मांग करता था।
विभाग में हड़कंप, अफसरों ने साधी चुप्पी
विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद चकबंदी विभाग में हड़कंप मच गया है। हालांकि, कोई भी वरिष्ठ अधिकारी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। विभागीय कर्मचारियों में चर्चा है कि आरोपी के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें थीं, लेकिन हर बार मामला दबा दिया गया था।
अब जब विजिलेंस ने आरोपी को रंगे हाथों पकड़ लिया है, तब पूरे विभाग में भय और असहजता का माहौल है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस की टीम देर शाम तक पूछताछ और दस्तावेजी कार्रवाई में जुटी रही। आरोपी के कार्यालय और घर की भी तलाशी ली जा सकती है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता में दिखा आक्रोश
घटना की जानकारी जैसे ही आम लोगों तक पहुंची, स्थानीय नागरिकों में आक्रोश देखने को मिला। लोग एक स्वर में कहने लगे कि यह अकेला मामला नहीं है, बल्कि इस तरह की रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार चकबंदी, राजस्व व पंचायत विभागों में आम बात बन चुकी है।
एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, “जब तक ऐसे रिश्वतखोर अधिकारियों को सख्त सजा नहीं मिलेगी, तब तक नीचे से लेकर ऊपर तक ये भ्रष्टाचार की श्रृंखला चलती रहेगी। ये कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह सिलसिला यहीं नहीं रुकना चाहिए।”
विजिलेंस की प्रारंभिक कार्रवाई के बाद अब आरोपी सुभाष को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसके रिमांड की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। विजिलेंस द्वारा आरोपी के मोबाइल फोन, दस्तावेज, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों की भी जांच की जा सकती है, जिससे यह पता चल सके कि उसने और किन-किन लोगों से पैसे वसूले हैं।
इसके साथ ही विजिलेंस द्वारा विभाग के अन्य संदिग्ध अधिकारियों पर भी नजर रखी जा रही है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में इस नेटवर्क के अन्य चेहरे भी सामने आएं।
निष्कर्ष
हरिद्वार जिले में विजिलेंस की यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सकारात्मक कदम है। यह घटना यह साबित करती है कि चाहे कोई भी पद हो, अगर किसी भी अधिकारी ने कानून का उल्लंघन किया है और जनता का शोषण किया है, तो उसे अब बचने का मौका नहीं मिलेगा।
सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय और कठोर सजा की व्यवस्था हो, ताकि सरकारी व्यवस्था में जनता का विश्वास बना रहे और भविष्य में कोई अधिकारी रिश्वत लेने से पहले सौ बार सोचे।
रिपोर्ट – इन्तजार रजा हरिद्वार
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