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ऑपरेशन कालनेमि में फर्जी साधुओं की धरपकड़ जारी,, जीआरपी का statewide सत्यापन अभियान सफल,, तृप्ति भट्ट एसपी जीआरपी के नेतृत्व में कार्रवाई,, 🔴 हरिद्वार और काठगोदाम से पकड़े गए 5 भेषधारी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्ज हुई एफआईआर

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऑपरेशन कालनेमि में फर्जी साधुओं की धरपकड़ जारी,,
जीआरपी का statewide सत्यापन अभियान सफल,, तृप्ति भट्ट एसपी जीआरपी के नेतृत्व में कार्रवाई,,
🔴 हरिद्वार और काठगोदाम से पकड़े गए 5 भेषधारी, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दर्ज हुई एफआईआर

हरिद्वार/काठगोदाम। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों पर जीआरपी (Government Railway Police) द्वारा पूरे उत्तराखंड में चलाए जा रहे “ऑपरेशन कालनेमि” ने एक बार फिर फर्जी साधुओं के भेष में घूम रहे संदिग्धों का पर्दाफाश कर दिया है। हरिद्वार और काठगोदाम रेलवे स्टेशनों पर चलाए गए इस अभियान के दौरान कुल 5 भेषधारी लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो संत की वेशभूषा में आम जनता को गुमराह कर रहे थे।

इस पूरे अभियान की अगुवाई एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट द्वारा की जा रही है, जिनके निर्देशन में पुलिस टीम ने साधु-वेशधारी व्यक्तियों के दस्तावेजों की सघन जांच की और उनकी पहचान की पुष्टि करते हुए सख्त कार्रवाई को अंजाम दिया।

हरिद्वार से 2 और काठगोदाम से 3 फर्जी साधु गिरफ्तार

ऑपरेशन कालनेमि के अंतर्गत जीआरपी ने हरिद्वार रेलवे स्टेशन क्षेत्र में 2 संदिग्ध भेषधारियों को पकड़ा, जो खुद को साधु बता रहे थे, लेकिन न उनके पास कोई सत्यापन योग्य दस्तावेज थे और न ही उनका कोई स्थाई ठिकाना। पूछताछ में इनकी पहचान संदिग्ध मिली। वहीं काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर 3 अन्य ऐसे साधु पकड़े गए जिनके आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज या तो जाली पाए गए या फिर पहचान छिपाने की साजिश में इस्तेमाल किए जा रहे थे।

एसपी तृप्ति भट्ट की अगुवाई में हुई बड़ी कार्रवाई

इस सत्यापन अभियान को सफल बनाने में एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन कालनेमि के तहत राज्य के विभिन्न तीर्थस्थलों और रेलवे स्टेशनों पर साधु वेशधारी व्यक्तियों की पहचान और उनके दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जनता की आस्था को ठेस पहुंचाने वाले तत्वों को बेनकाब करना है।

🗣️ तृप्ति भट्ट, एसपी जीआरपी ने कहा कि

 

“ऑपरेशन कालनेमि एक सुरक्षा और सतर्कता अभियान है। इसका उद्देश्य है ऐसे लोगों को चिन्हित करना जो साधु का वेश धरकर समाज में भ्रम फैला रहे हैं या आपराधिक गतिविधियों से जुड़े हैं। सत्यापन के दौरान जिनकी पहचान संदिग्ध मिली, उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है।”

साधु की आड़ में अपराध नहीं बर्दाश्त

रामचरितमानस में वर्णित कालनेमि की भांति ये भेषधारी भी आस्था का मुखौटा पहनकर कानून और व्यवस्था के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस का यह कदम समाज को ऐसे छद्मवेशियों से मुक्त करने का ठोस प्रयास है।पुलिस का कहना है कि आगे भी जीआरपी के नेतृत्व में ऑपरेशन कालनेमि जारी रहेगा और तीर्थनगरी की आस्था को भेषधारियों से मुक्त रखा जाएगा। इस अभियान के अंतर्गत जिन संदिग्धों को पकड़ा गया है, उनके खिलाफ IPC की संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है और पूछताछ के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जीआरपी का यह ऑपरेशन आम जनता की सुरक्षा और धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक मजबूत कदम है। भविष्य में यह अभियान और भी कड़े रूप में सामने आएगा।

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