आईजी राजीव स्वरूप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया बड़ा खुलासा,, 92 करोड़ की निवेश ठगी का खुलासा, LUCC सोसाइटी पर सीबीआई जांच की सिफारिश,, मुख्य आरोपी दुबई फरार, उत्तराखंड में बिना अनुमति खोली थीं 35 शाखाएं,, मुख्यमंत्री धामी ने लिया संज्ञान, 15 मुकदमे दर्ज, 12 आरोपी गिरफ्त में,, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर CBI जांच की संस्तुति,, गृह मंत्रालय को पत्राचार

इन्तजार रजा हरिद्वार- आईजी राजीव स्वरूप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किया बड़ा खुलासा,,
92 करोड़ की निवेश ठगी का खुलासा, LUCC सोसाइटी पर सीबीआई जांच की सिफारिश,,
मुख्य आरोपी दुबई फरार, उत्तराखंड में बिना अनुमति खोली थीं 35 शाखाएं,,
मुख्यमंत्री धामी ने लिया संज्ञान, 15 मुकदमे दर्ज, 12 आरोपी गिरफ्त में,,
मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर CBI जांच की संस्तुति,, गृह मंत्रालय को पत्राचार
देहरादून।
गढ़वाल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक श्री राजीव स्वरूप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में “लोनी अर्बन मल्टी-स्टेट केडिट एण्ड थ्रिप्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (LUCC)” द्वारा किए गए बहु-राज्यीय निवेश घोटाले का पर्दाफाश करते हुए बताया कि यह संस्था उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में हजारों निवेशकों को “पैसा दोगुना” करने का लालच देकर करीब 92 करोड़ रुपये की ठगी कर चुकी है।
इस घोटाले की गूंज अब केंद्र सरकार तक पहुंच गई है, और उत्तराखण्ड सरकार ने सभी मामलों की जांच CBI से कराने की संस्तुति गृह मंत्रालय को भेज दी है।
नकली रिटर्न का झांसा, अवैध शाखाओं का संचालन
IG श्री स्वरूप ने बताया कि LUCC नामक सहकारी संस्था ने उत्तराखण्ड में आम लोगों को 4 से 5 वर्षों में पैसे दोगुना करने का झांसा दिया। इसके तहत संस्था ने बिना किसी वैधानिक अनुमति के 35 शाखाएं उत्तराखण्ड में खोल दीं। इन शाखाओं में हजारों निवेशकों ने अपनी जीवनभर की जमापूंजी जमा कर दी।
धीरे-धीरे जब निवेशकों को उनकी मैच्योर राशि वापस नहीं मिली और संस्था के प्रतिनिधि गायब होने लगे, तब लोगों ने पुलिस में शिकायतें दर्ज करानी शुरू कीं।
15 केस दर्ज, 20 आरोपी नामजद, 12 गिरफ्त में
पुलिस जांच में पता चला कि उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में LUCC के खिलाफ 15 अभियोग दर्ज किए गए, जिनमें 20 आरोपियों को नामजद किया गया। इनमें से अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है या फिर वारंट-बी पर तलब किया गया है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि संस्था के प्रमुख समीर अग्रवाल निवासी मुंबई इस ठगी के मास्टरमाइंड हैं, जो वर्तमान में दुबई में छिपा हुआ है। समीर ने देशभर में कुल 6 मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज़ बनाई थीं, जिनका कार्यक्षेत्र विभिन्न राज्यों में फैला हुआ था:
सोसाइटी का नाम | कार्यक्षेत्र |
---|---|
LUCC | उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा |
LJCC | मध्य प्रदेश |
SSV | महाराष्ट्र |
SS | गुजरात, राजस्थान |
फोर ह्यूमन | बिहार, हरियाणा |
विश्वास | पंजाब |
उत्तराखण्ड में संचालन का जिम्मा बिष्ट दंपति पर
राज्य में LUCC का संचालन उर्मिला बिष्ट एवं जगमोहन बिष्ट द्वारा किया जा रहा था। इन दोनों के माध्यम से उत्तराखण्ड में निवेशकों का विश्वास जीता गया और करोड़ों रुपये जमा कराए गए। वर्तमान में दोनों के खिलाफ जांच चल रही है।
IG राजीव स्वरूप ने कहा कि विवेचना में 92 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी का अब तक खुलासा हो चुका है, और यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
CM धामी ने लिया संज्ञान, CBI जांच की मांग
मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने व्यक्तिगत रूप से सभी प्रकरणों का संज्ञान लिया। उन्होंने राज्य के उच्च पुलिस अधिकारियों से रिपोर्ट मंगवाई, और ठगे गए निवेशकों को न्याय दिलाने की बात कही।
राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि मामले की जांच CBI से कराई जाए, जिससे अपराधियों को कड़ी सजा मिले और ठगे गए निवेशकों को राहत मिल सके। इसके लिए उत्तराखण्ड शासन ने गृह मंत्रालय को पत्राचार भी किया है।
अंतरराज्यीय ठगी का संगठित नेटवर्क
यह घोटाला सिर्फ उत्तराखण्ड ही नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब तक फैला हुआ है। समीर अग्रवाल के नेतृत्व में इन सोसायटियों ने देशभर के लाखों निवेशकों को झांसे में लिया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह एक संगठित वित्तीय अपराध नेटवर्क है, जो कानून की कमजोरियों का फायदा उठाकर आमजन की गाढ़ी कमाई को हड़पता रहा। कई मामलों में तो लोगों ने अपने PF, ग्रेच्युटी और जीवनभर की बचत इसमें लगा दी।
Uttarakhand Police का ‘Zero Tolerance’ एक्शन मोड
राज्य पुलिस ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाया है। IG श्री राजीव स्वरूप ने स्पष्ट किया कि ऐसे वित्तीय अपराधों पर “Zero Tolerance” नीति अपनाई जाएगी। साथ ही दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
मुख्य आरोपी समीर अग्रवाल की गिरफ्तारी हेतु इंटरपोल के माध्यम से कार्रवाई की संभावना भी तलाशी जा रही है। आने वाले दिनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की भी भूमिका बढ़ सकती है।
निवेशकों से अपील: रखें संयम, कार्रवाई जारी है
राज्य पुलिस ने सभी निवेशकों से अपील की है कि वे किसी अफवाह में न आएं और संयम बनाए रखें। सरकार इस मामले को लेकर गंभीर और सक्रिय है। जांच और न्यायिक प्रक्रिया में कुछ समय जरूर लग सकता है, लेकिन हर पीड़ित को न्याय दिलाया जाएगा।
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