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रुड़की तहसील में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, अपर तहसीलदार का पेशकार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, महिला अधिवक्ता की सतर्कता और विजिलेंस की कार्रवाई से खुला भ्रष्टाचार का खेल

इन्तजार रजा हरिद्वार- रुड़की तहसील में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़,
अपर तहसीलदार का पेशकार रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार,
महिला अधिवक्ता की सतर्कता और विजिलेंस की कार्रवाई से खुला भ्रष्टाचार का खेल

हरिद्वार जिले की रुड़की तहसील से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां भ्रष्टाचार में लिप्त एक सरकारी कर्मचारी को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों धर दबोचा। आरोपी कोई और नहीं, बल्कि अपर तहसीलदार का पेशकार है, जो आम जनता के काम के बदले खुलेआम रिश्वत की मांग करता था। लेकिन इस बार उसकी किस्मत ने साथ नहीं दिया, क्योंकि इस बार सामने थी एक सतर्क और साहसी महिला अधिवक्ता, जिसने न केवल इस भ्रष्टाचार का विरोध किया बल्कि पूरे मामले को विजिलेंस तक पहुंचाकर आरोपी को जेल की दहलीज तक ले गई।

अधिवक्ता की शिकायत पर बिछाया गया था जाल

जानकारी के अनुसार, एक महिला अधिवक्ता किसी कानूनी कार्यविधि से जुड़े काम के सिलसिले में तहसील कार्यालय पहुंची थीं। आरोप है कि वहां मौजूद अपर तहसीलदार का पेशकार उस कार्य के बदले उनसे अवैध रूप से पैसे मांगने लगा। यह स्थिति जब हद पार कर गई तो महिला अधिवक्ता ने बिना देरी किए इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग से की।

विजिलेंस टीम ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल योजना बनाई और पूरा ऑपरेशन प्लान किया गया। अधिवक्ता के सहयोग से पेशकार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने के लिए पूरी रणनीति तैयार की गई। जैसे ही तयशुदा रकम पेशकार ने महिला अधिवक्ता से ली, विजिलेंस टीम ने मौके पर धावा बोल दिया और आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया।

तहसील परिसर में मचा हड़कंप, अधिकारी सकते में

इस कार्रवाई की भनक लगते ही तहसील परिसर में हड़कंप मच गया। विजिलेंस टीम ने न केवल आरोपी से पूछताछ की बल्कि मौके पर ही दस्तावेजों की जांच भी शुरू कर दी। तहसील परिसर में मौजूद अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों में भी खलबली मच गई, क्योंकि यह मामला अब महज एक पेशकार तक सीमित नहीं रहा। विजिलेंस टीम द्वारा की जा रही दस्तावेजी जांच में और भी नाम उजागर होने की आशंका जताई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस को इस पेशकार की गतिविधियों पर पहले से ही संदेह था। कई दिनों से उस पर निगरानी रखी जा रही थी, लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं मिल पा रहा था। महिला अधिवक्ता की शिकायत ने विजिलेंस को न केवल कार्रवाई का अवसर दिया, बल्कि एक बड़े भ्रष्टाचार तंत्र की परतें खोलने की शुरुआत भी कर दी।

तहसील परिसर में विजिलेंस की मौजूदगी से अधिकारियों में दहशत, आगे हो सकते हैं बड़े खुलासे

पेशकार को हिरासत में लेकर विजिलेंस टीम ने उससे सघन पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में यह भी पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या यह रिश्वतखोरी का मामला अकेले उसी तक सीमित है, या फिर इसमें उच्च अधिकारियों की भी संलिप्तता है। विजिलेंस टीम अभी भी तहसील परिसर में मौजूद है और दस्तावेजों की गहन जांच चल रही है।

इस कार्रवाई के बाद आम जनता में भी एक सकारात्मक संदेश गया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अब आवाज़ उठाने पर कार्रवाई संभव है। महिला अधिवक्ता की बहादुरी और विजिलेंस टीम की तत्परता ने यह साबित कर दिया कि यदि नागरिक जागरूक हों और सिस्टम सक्रिय, तो भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म किया जा सकता है।

 क्या सवालों के घेरे में तहसील प्रशासन ?.

इस घटनाक्रम के बाद तहसील प्रशासन की भूमिका पर भी कई सवाल खड़े हो गए हैं। एक पेशकार यदि खुलेआम रिश्वत मांग रहा था, तो क्या उसके उच्चाधिकारियों को इसकी भनक नहीं थी? क्या यह संभव है कि यह अकेले की करतूत हो? या फिर तहसील के भीतर एक संगठित भ्रष्टाचार का तंत्र वर्षों से सक्रिय है, जो आम जनता को लूट रहा है?

इन सभी सवालों का जवाब विजिलेंस की आगामी जांच में सामने आने की उम्मीद है। यदि जांच निष्पक्ष और गहराई से की गई, तो संभव है कि यह मामला उत्तराखंड के प्रशासनिक ढांचे में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार को बेनकाब कर दे।

रुड़की तहसील में रिश्वतखोरी के इस खुलासे ने यह तो साफ कर दिया है कि सरकारी दफ्तरों में बैठे कुछ कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों को ताक पर रखकर अवैध कमाई में जुटे हैं। लेकिन अब समय बदल रहा है—लोग जागरूक हो रहे हैं और कानून की एजेंसियां भी सतर्क। ऐसे में यह घटना न केवल एक भ्रष्ट कर्मचारी की गिरफ्तारी है, बल्कि प्रशासनिक तंत्र में बदलाव की एक शुरुआत भी है।

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