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अधजले शव मामले में हरिद्वार श्यामपुर पुलिस ने क़त्ल का 48 घंटे में किया खुलासा,गला घोंट की गई थी हत्या,पहचान छुपाने के लिए शराब डालकर जलाया गया था शव,फंसाए जा रहे खोका स्वामी को श्यामपुर पुलिस ने दिलाई राहत

पत्नी निकली निर्दोष लालच व गुस्से के चलते दोस्तो ने खेला मौत का खेल,निर्दोष को फंसाने की साजिश नाकाम,असली हत्यारो को भेजा गया जेल, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र के तालमेल से सुलझी गुत्थी

इन्तजार रजा हरिद्वार-अधजले शव मामले में हरिद्वार श्यामपुर पुलिस ने क़त्ल का 48 घंटे में किया खुलासा,गला घोंट की गई थी हत्या,पहचान छुपाने के लिए शराब डालकर जलाया गया था शव,फंसाए जा रहे खोका स्वामी को श्यामपुर पुलिस ने दिलाई राहत

पत्नी निकली निर्दोष लालच व गुस्से के चलते दोस्तो ने खेला मौत का खेल,निर्दोष को फंसाने की साजिश नाकाम,असली हत्यारो को भेजा गया जेल, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर तंत्र के तालमेल से सुलझी गुत्थी

*कप्तान के सफल नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस का फिर एक शानदार खुलासा,श्यामपुर ‘अधजले शव मामले’ का किया पर्दाफाश,जली लाश के पीछे की परतों को पलट, हरिद्वार पुलिस ने क़त्ल का 48 घंटे में किया खुलासा,डीप क्राइम स्टडी और वर्कआउट से सामने आई दोस्तों की नापाक कारस्तानी,लगातार शानदार खुलासे कर पूरे प्रदेश में नाम कमा रही हरिद्वार पुलिस, हरिद्वार पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के कुशल नेतृत्व में अपनी दक्षता को लगातार साबित कर रही हरिद्वार पुलिस,ईमानदार पुलिसिंग की लिखी इबारत, फंसाए जा रहे खोका स्वामी को दिलाई राहत*

*शराब के नशे में किए गए इस नृशंस हत्याकांड के खुलासे में कई उलझनें थीं, श्यामपुर पुलिस ने किया बढ़िया वर्क आउट :: एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल*

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*क्या था वाक्या–*

दिनांक 03.11.2024 की प्रातः डॉयल 112 हरिद्वार के माध्यम से मिली सूचना पर श्यामपुर पुलिस उमेश्वर धाम के सामने कांगडी पहुंची तो एक अज्ञात पुरुष का अधजला शव सडक किनारे पडा हुआ मिला। फील्ड यूनिट टीम को मौके पर बुलाकर भौतिक एवं वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र किये गये।

विभिन्न माध्यमों से भरसक प्रयास करने पर मृतक की पहचान गोपाल पुत्र शंकरलाल निवासी महमूद खान सराय जनपद सम्भल उ0प्र0, हाल निवासी- ग्राम कांगड़ी थाना श्यामपुर जनपद हरिद्वार उम्र 33 वर्ष के रुप में मृतक की पत्नी अनिता द्वारा की गई। मृतक के भाई नीरज कुमार की लिखित तहरीर पर थाना श्यामपुर पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा मु0अ0सं0-124/2024 धारा 103(1) बी.एन.एस. दर्ज किया गया।

*एसएसपी द्वारा मौका मुआयना, टीमें गठित-*

घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा एसपी सिटी, एसपी क्राइम एवं अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

कप्तान द्वारा एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार सिंह को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी देते हुए सीओ सिटी जूही मनराल की लीडरशिप में टीमें गठित की गईं एवं विवेचना थानाध्यक्ष श्यामपुर नितेश शर्मा को प्रदान करते हुए घटना के शीघ्र अनावरण व अज्ञात अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

*शक के घेरे में थी मृतक की पत्नी–*

पुलिस जांच अपराधी तक पहुंचने के लिए हर एंगल टटोलती है। इस केस में शुरुआती जानकारी जुटाने पर सामने आया कि शराब पीने के चलते मृतक की अपनी पत्नी से अनबन रहती है और अक्सर झगड़ा होता रहता है। जिस कारण मृतक अपने घर पर कम आता था। थाना श्यामपुर पुलिस द्वारा मालूमात करने पर मृतक की पत्नी की इस वारदात में किसी प्रकार की संलिप्तता नही मिली।

*एंगल बदला तो मिली महत्वपूर्ण लीड–*

इलैक्ट्रोनिक एवं डिजिटल डाटा एकत्र करने पर प्रकाश में आया कि दिनाँक 02.11.2024 की सुबह 03 व्यक्ति मो0सा0 पर कांगड़ी शराब के ठेके पर आते हुये दिखाई दिये। उक्त बाइक सवार युवकों में मृतक गोपाल भी सम्मिलित था जिससे अन्य दो व्यक्तियो की बहस बाजी व खींचातानी होना सामने आया। ठेका कर्मचारीगण से पूछताछ में मृतक से झगड़ रहे युवकों की पहचान रविन्द्र व मोहित के रुप में हुई।

दोनों ही युवक शराब पीने के आदी थे लेकिन रविन्द्र के पहचान वाले लोगों एवं आसपास से उसके बारे में जानकारी करने पर उसकी आम छवि बेहद खराब होना प्रकाश में आया। रविन्द्र अक्सर नशे में बुज़ुर्गों/बड़ों से बदतमीजी करता था और ज्यादा नशे में होने पर कभी किसी के छिटपुट पैसे भी निकाल लेता था।

*दबिश का दौर हुआ शुरु, पकड़े गए आरोपी–*

प्रकाश में आए दोनों संदिग्धों की तलाश करने के भरसक प्रयास किये गये परन्तु दोनों अपने ठिकाने बार-बार बदलकर छुप रहे थे। इसी बीच दिनाँक 05.11.2024 को थाना श्यामपुर पुलिस को मिले इनपुट पर पुलिस टीम ने भागने की फिराक में तैयार, दोनों आरोपियों को घटना में प्रयुक्त मोटरसाइकिल सहित थाना श्यामपुर क्षेत्रांतर्गत स्थान कांगडी से दबोच लिया।

*बेकसूर को फंसाने की थी साजिश, हरिद्वार पुलिस ने बचाया–*

 

पूछताछ में दोनों आरोपियों ने दिनांक 02.11.2024 को मृतक गोपाल के साथ शराब पीने और नशा ज्यादा होने पर मृतक की हत्या करने की बात तो स्वीकारी लेकिन ठेके के बराबर में खोका लगाकर नमकीन, सोडा आदि छुटपुट सामान बेचने वाले राजन नामक व्यक्ति के भी हत्या में शामिल होने की बात कही लेकिन कई तरीकों से क्रॉस चेक करने पर सभी बातें झूठी साबित हुईं और एक निर्दोष खोका संचालक राजन जेल जाने से बच गया।

*मशक्कत से हत्या करने का सच आया सामने-*

मृतक की अपनी पत्नी से अनबन होने के कारण कई कई महीनो बाद अपने घर जाता था। इस कारण उसकी पत्नी घर की जरूरत के हिसाब से अभियुक्त रविंदर, जिसकी एक परचूनी की दुकान है, से घरेलू सामान ले लिया करती थी जिसका कुछ रुपया अभी बकाया था जिस कारण रविन्दर अक्सर उसकी पत्नी को टोकता था।

हत्या के दिन गोपाल के पास पांच सौ के नोटों में लगभग 18 से 20 हजार की नगदी पड़ी हुई थी। नशा होने पर जब मृतक गोपाल ने रविन्द्र और मोहित को उसकी पत्नी को टोके जाने पर गालियां दीं तो गुस्से और नगदी के लालच में दोनों ने गोपाल को ठिकाने लगाने का विचार कर लिया और सुबह से शाम तक कुछ कुछ घंटों के अंतराल में बैठकर शराब पी।

2 तारीख की रात को लगभग 10:30 बजे जब पूरे इरादे के साथ आए अभीयुक्त द्वारा तीसरी बार मिल-बैठकर शराब पी जा रही थी तो गोपाल ने फिर से इनके साथ गाली गलौज शुरू कर दी और मौका देखकर पहले अभियुक्त रविन्दर द्वारा गोपाल को मुख्य सड़क से धक्का देकर नीचे गिराया फिर नीचे झाड़ियां के पास गिरे गोपाल तक पहुंचकर दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। दोनों ने मिलकर गोपाल के पैसे और आधार कार्ड चुरा लिया और ये सोचकर कि गोपाल यहां का रहने वाला नही है इसलिए अगर इसकी पहचान छुपा देंगे तो कोई पहचान नहीं पाएगा तब पहचान मिटाने के लिए शराब छिड़ककर लाश को आग लगा दी। आग की ऊंची लपटें देखकर उन्हें लगा कि शरीर पूरा जल जाएगा और पहचान छुप जाएगी इसलिए वो दोनों मृतक के बैग से आधार कार्ड और नगदी लेकर वहां से भाग गए।

सुबह शव के सिर्फ आधा जलने व धीरे-धीरे पुलिस की छानबीन और ज्यादा चलने की बात पता चलने पर दोनों भागने के इरादे से घर से निकले थे लेकिन पुलिस ने योजना विफल करते हुए उन्हे धर लिया।

*बेकसूर को फंसाने के पीछे ये थी मंशा-*

खोका संचालक राजन की पड़ताल करने पर वह किसी भी तरह घटना में शामिल नही पाया गया। सबूतों के आधार पर दोनों हत्यारोपियों से पुनः पूछताछ करने पर सामने आया कि पकड़े जाने पर दोनों ने राजन का नाम बस इस वजह से लिया क्योंकी राजन की वित्तीय हालत इन दोनों से काफी बेहतर थी इसलिए इनका सोचना ये था कि जेल चले गए तो जमानत लेने के लिए राजन एक सीढ़ी साबित हो सकता है।

*सच सामने लाने पर आमजन कर रहे प्रशंसा-*

कम समय “मात्र 48 घंटे के भीतर” इस जघन्य हत्याकांड के सफल खुलासे पर स्थानीय जनता द्वारा कप्तान के कुशल नेतृत्व एवं हरिद्वार ‘श्यामपुर’ पुलिस की कार्यशैली की सराहना की गई।

*विवरण आरोपित-*
1. रविन्द्र पुत्र स्व0 ओमप्रकाश निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर जनपद हरिद्वार
(आठवीं फेल है और जोमैटो, देहरादून में काम कर चुका है)

2. मोहित पुत्र प्रभु दयाल निवासी ग्राम कांगडी थाना श्यामपुर जनपद हरिद्वार
(पांचवी पास है जो 7 – 8 साल से ग्रीन पंजाबी ढाबा, श्यामपुर में काम कर रहा है)

*बरामदगी-*
1. मृतक का आधार कार्ड
2. मृतक गोपाल की नगदी ₹15,200/-
3. घटनाक्रम में प्रयुक्त मोटरसाइकिल

*पुलिस टीम-*
1- CO जूही मनराल
2- S.O. श्यामपुर नितेश शर्मा
3- S.I. विक्रम सिंह बिष्ट (प्रभारी चौकी चण्डीघाट)
4- SI अंजना चौहान
5- ASI इरशाद
6- ASI रणजीत चौहान
7- HC अनिल कुमार
8- C. सुशील चौहान
9- C. राजेंद्र नेगी
10- C. रमेश सिंह
11- C. अनिल रावत
12- C. वसीम (CIU हरिद्वार)

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