सीएम धामी संग देहरादून में उमड़ा जनसैलाब: भव्य तिरंगा यात्रा का अद्भुत नज़ारा,, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और सीएम धामी के संकल्प से गुमनाम वीरों को मिली पहचान,, एकता, सम्मान और आज़ादी के अमृत काल का ऐतिहासिक संगम

इन्तजार रजा हरिद्वार- सीएम धामी संग देहरादून में उमड़ा जनसैलाब: भव्य तिरंगा यात्रा का अद्भुत नज़ारा,,
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और सीएम धामी के संकल्प से गुमनाम वीरों को मिली पहचान,,
एकता, सम्मान और आज़ादी के अमृत काल का ऐतिहासिक संगम
देहरादून की धरती आज देशभक्ति के रंग में सराबोर हो उठी, जब हजारों की संख्या में देवतुल्य नागरिकों ने हाथों में तिरंगा थामकर भव्य तिरंगा यात्रा में भाग लिया। यह केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि भारत की एकता, गौरव और स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानियों को नमन करने का अनुपम अवसर था।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी के दूरदर्शी और सशक्त नेतृत्व के साथ-साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के संकल्प ने पिछले वर्षों में देश और प्रदेश को न केवल विकास के नए आयाम दिए हैं, बल्कि भारत की स्वतंत्रता गाथा के उन गुमनाम और उपेक्षित नायकों को भी सम्मान की रोशनी में लाया है, जिनके योगदान के बिना आज का भारत संभव न था। इस दृष्टिकोण ने स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों को केवल औपचारिकता से ऊपर उठाकर, जन-जन की आस्था और भावनाओं का महापर्व बना दिया है।
“हर घर तिरंगा” अभियान के साथ-साथ राज्यभर में चल रही तिरंगा यात्राएं आज़ादी के अमृत काल में एकता, साहस और देशभक्ति का अद्भुत संदेश दे रही हैं। देहरादून की यह यात्रा इसी अभियान का जीवंत प्रतीक बनी, जहां युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे—सभी उम्र के लोग एक ही स्वर में भारत माता की जयकार कर रहे थे।
तिरंगा यात्रा के दौरान वातावरण में देशभक्ति के गीत गूंज रहे थे, सड़कों पर तिरंगे की लहराती कतारें मानो आसमान से संवाद कर रही हों। इस अवसर पर आदरणीय राज्यसभा सांसद श्री Naresh Bansal जी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) श्री Ajaey Kumar जी समेत अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। उनके उद्बोधनों ने स्वतंत्रता संग्राम के महत्व, तिरंगे की गरिमा और नागरिकों के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला।
यह यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का संदेश भी है। तिरंगे की छांव में चलने वाले हर कदम ने इस बात को पुष्ट किया कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है और यह विविधता तभी सार्थक होती है, जब हम एकजुट होकर देशहित में कार्य करें।
अंत में, देहरादून की इस तिरंगा यात्रा ने साबित किया कि जब देशभक्ति हृदय में उमड़ती है तो न कोई भौगोलिक सीमा मायने रखती है, न कोई मतभेद। आज का दिन स्वतंत्रता, सम्मान और एकता के उस भाव को पुनर्जीवित करने का दिन था, जो भारत को विश्व में अद्वितीय बनाता है।