रामपुर क्षैत्र में ड्रग्स विभाग के औचक निरीक्षण में खुली मेडिकल स्टोर्स की पोल,, गंभीर अनियमितताओं पर 5 स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित,, GMP उल्लंघन पर दवा निर्माण इकाई को अंतिम चेतावनी,, टीम ने लिए 5 जीवन रक्षक दवाओं के नमूने

इन्तजार रजा हरिद्वार- रामपुर क्षैत्र में ड्रग्स विभाग के औचक निरीक्षण में खुली मेडिकल स्टोर्स की पोल,,
गंभीर अनियमितताओं पर 5 स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित,,
GMP उल्लंघन पर दवा निर्माण इकाई को अंतिम चेतावनी,, टीम ने लिए 5 जीवन रक्षक दवाओं के नमूने
इन्तजार रजा, हरिद्वार।
रुड़की क्षेत्र के रामपुर चुंगी इलाके में ड्रग्स कंट्रोल विभाग हरिद्वार की टीम ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और दवा निर्माण इकाई पर औचक निरीक्षण अभियान चलाया। यह अभियान अपर आयुक्त के निर्देश पर डिप्टी ड्रग कंट्रोलर (डीडीसी) हेमंत सिंह नेगी के नेतृत्व में चलाया गया, जिसमें कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं।
निरीक्षण में रामपुर चुंगी के आसपास मौजूद दर्जनभर मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और एक निर्माण इकाई को जांच के दायरे में लिया गया। टीम ने 5 जीवन रक्षक दवाओं के नमूने लिए और रिकॉर्ड की गंभीर खामियों, अपंजीकृत फार्मासिस्ट, वेलिड लाइसेंस की अनुपलब्धता जैसी कई गड़बड़ियां पाई गईं। इन आधारों पर विभाग ने 5 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबन की संस्तुति की।
वहीं, एक दवा निर्माण इकाई में GMP (गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस) मानकों की घोर अवहेलना पाए जाने पर उसे अंतिम चेतावनी दी गई है। टीम ने निर्देश दिए कि तय समयसीमा में सभी कमियां दूर नहीं की गईं तो निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
ड्रग्स इंस्पेक्टर हरिद्वार अनीता भारती ने कहा कि
“हम दवाओं की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करेंगे। नकली और अवैध दवाओं के खिलाफ विभाग पूरी तरह सतर्क है और भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रहेंगे।”
निरीक्षण टीम में शामिल अधिकारीगण –
- डीडीसी – श्री हेमंत सिंह नेगी
- वरिष्ठ औषधि निरीक्षक – श्री नीरज कुमार
- वरिष्ठ औषधि निरीक्षक – श्रीमती अनीता भारती
- औषधि निरीक्षक – श्री मनेंद्र सिंह राणा
- औषधि निरीक्षक – श्री हरीश सिंह
- औषधि निरीक्षक – कु. मेघा
- औषधि निरीक्षक – श्रीमती निधि रतूड़ी
- औषधि निरीक्षक – श्रीमती निशा रावत
टीम ने जांच के दौरान दवाओं के स्टॉक, बिलिंग प्रणाली, फार्मासिस्ट की उपलब्धता और भंडारण पद्धति की गहन पड़ताल की। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी स्टोर निर्धारित औषधि कानूनों और लाइसेंस नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
ड्रग्स कंट्रोल विभाग की यह सख्त कार्रवाई यह संदेश देती है कि दवा व्यापार में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जनहित में निरंतर जारी रहेंगे, जिससे जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाएं सुनिश्चित कराई जा सकें।