हरिद्वार के इस क्षैत्र में गड्ढों में समा रही है ज़िंदगियाँ,, सुमन नगर गंगनहर पटरी सड़क बनी मौत का रास्ता ट्रक गड्ढे में फंसा, गंगनहर में गिरने से बाल बाल बचा ट्रक, बड़ा हादसा टला,, कार्यवाहक विभागों और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, मौत का बुलावा बन गई है सुमन नगर गंगनहर पटरी सड़क,, जनता ने दी आंदोलन की चेतावनी

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार के इस क्षैत्र में गड्ढों में समा रही है ज़िंदगियाँ,, सुमन नगर गंगनहर पटरी सड़क बनी मौत का रास्ता
ट्रक गड्ढे में फंसा, गंगनहर में गिरने से बचा, बड़ा हादसा टला,, कार्यवाहक विभागों और प्रशासन की चुप्पी पर सवाल, मौत का बुलावा बन गई है सुमन नगर गंगनहर पटरी सड़क,, जनता ने दी आंदोलन की चेतावनी
हरिद्वार की गंगनहर पटरी सड़क आज फिर एक बड़े हादसे की गवाह बनते-बनते रह गई। सुमन नगर क्षेत्र में गंगनहर पटरी पर बने गहरे गड्ढों में आज एक ट्रक फंस गया। कुछ ही इंच का फासला था, वरना ट्रक सीधा गंगनहर में समा जाता और एक भीषण हादसा सामने आता। चालक की सतर्कता और स्थानीयों की मदद से एक बड़ी दुर्घटना टल गई, लेकिन यह घटना प्रशासन की नाकामी और अनदेखी को साफ उजागर कर गई।
मौत का बुलावा बन गई है सड़क
गंगनहर पटरी मार्ग कभी सुंदर और सुव्यवस्थित मार्गों में गिना जाता था, लेकिन आज यह रास्ता मौत का बुलावा बन चुका है। जगह-जगह उधड़ी हुई सड़कें, गड्ढों में तब्दील डामर और बिना किसी चेतावनी संकेत के खुले जाल जैसे हालातों ने इसे बेहद खतरनाक बना दिया है। हरियाणा, पंजाब,उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशों सहित स्थानीय सुमन नगर, गढमीरपुर ,ज्वालापुर, इंद्रलोक कॉलोनी, प्रेमनगर व कलियर ,रुड़की,भीमगोडा , भगवानपुर सहित जैसे इलाके इससे रोज़ाना प्रभावित हो रहे हैं।
स्थानीय निवासी मौ.नफीस कहते हैं, “हर रोज़ यहां हादसे होते हैं। बाइक सवार गिरते हैं, रिक्शे पलटते हैं। लेकिन ना नगर निगम जाग रहा है, ना सिंचाई विभाग और ना ही जनप्रतिनिधि। अब ट्रक गिरने को आया तो क्या किसी की जान जाने के बाद ही मरम्मत होगी?”
विभागों की नींद अब भी नहीं टूटी
हैरत की बात यह है कि यह मार्ग सिंचाई विभाग, लोक निर्माण विभाग और जिला प्रशासन की ज़िम्मेदारी में आता है, लेकिन इन तीनों ही विभागों की कार्यशैली में कोई समन्वय नहीं दिखता। वर्षों से इस मार्ग की मरम्मत नहीं हुई, और न ही किसी प्रकार की कोई वैकल्पिक योजना बनाई गई है।
जनप्रतिनिधियों ने भी इस मामले पर पूरी तरह मौन साध रखा है। लोगों का कहना है कि चुनाव के समय वादे किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में कोई सुधार नहीं होता।
जनता में आक्रोश, आंदोलन की चेतावनी
घटना के बाद मौके पर जुटे स्थानीय निवासियों में भारी आक्रोश देखा गया। लोग बुरी तरह झल्लाए हुए थे और प्रशासन के खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे। उन्होंने साफ कहा कि यदि जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो वे धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम जैसे कदम उठाएंगे।
स्थानीय निवासी मौ हसीन ठेकेदार ने कहा:
“यह सिर्फ ट्रक की बात नहीं है। यहां स्कूल बसें, एंबुलेंस और आम जनता रोज़ गुजरती है। एक दिन कोई बड़ी दुर्घटना होगी और तब प्रशासन जवाबदेही से नहीं बच पाएगा।”
सवालों के घेरे में शासन-प्रशासन
इस पूरे मामले में कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं:
- आखिर सड़कों की निगरानी के लिए जिम्मेदार विभाग क्या कर रहे हैं?
- क्या गंगनहर पटरी मार्ग को लेकर कोई मास्टर प्लान है?
- क्या किसी की जान जाना ही विभागों को कार्रवाई के लिए मजबूर करेगा?
- जनप्रतिनिधियों की चुप्पी किसकी सहमति है?
एक ट्रक का गिरने से बचना सौभाग्य था, लेकिन यह सौभाग्य हमेशा साथ नहीं देता। आज ट्रक था, कल स्कूली बस हो सकती है, या कोई एंबुलेंस। क्या तब भी यही चुप्पी रहेगी?
जनता की मांग – हो तत्काल मरम्मत और पुनर्निर्माण
स्थानीय जनता और सामाजिक संगठनों ने स्पष्ट मांग रखी है कि:
- गंगनहर पटरी मार्ग की तत्काल मरम्मत कराई जाए।
- सड़क किनारे सुरक्षा रेलिंग, चेतावनी बोर्ड और रोड मार्किंग की जाए।
- जिम्मेदार विभागों पर कार्रवाई की जाए।
- सड़क के रखरखाव की नियमित मॉनिटरिंग हो।
अब और इंतज़ार नहीं
हरिद्वार एक तीर्थनगरी है, जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। यदि यहां की सड़कों का यह हाल रहा तो यह न सिर्फ़ आम जनता के लिए खतरनाक है, बल्कि शहर की छवि पर भी गंभीर असर डालेगा।
प्रशासन को अब सिर्फ़ फाइलों में नोटिंग करने के बजाय धरातल पर काम दिखाना होगा। यदि अब भी नींद नहीं टूटी तो अगली खबर किसी की मौत की हो सकती है। और तब शायद आंदोलन की आग को कोई नहीं बुझा पाएगा।
रिपोर्टर: इंतज़ार रज़ा
संवाददाता, Daily Live Uttarakhand