मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित होंगे इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक,, जीआरपी कप्तान तृप्ति भट्ट ने दी बधाई व शुभकामनाएं,, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति मुकेश अंबानी भी कर चुके हैं सराहना

इन्तजार रजा हरिद्वार- मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित होंगे इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक,,
जीआरपी कप्तान तृप्ति भट्ट ने दी बधाई व शुभकामनाएं,,
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति मुकेश अंबानी भी कर चुके हैं सराहना
देहरादून/हरिद्वार, 15 अगस्त — भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के गौरवशाली अवसर पर राजधानी देहरादून स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय भव्य समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा “मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक (सेवा के आधार पर)” से जीआरपी में तैनात 2002 बैच के इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक को सम्मानित किया जाएगा। यह पदक उन्हें पुलिस विभाग में लंबे समय से किए जा रहे उत्कृष्ट, ईमानदार और समर्पित कार्यों के लिए प्रदान किया जा रहा है।
जीआरपी की एसपी तृप्ति भट्ट ने इस अवसर पर खुशी जताते हुए कहा कि इंस्पेक्टर पाठक न केवल विभाग के लिए बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने कहा, “इंस्पेक्टर पाठक का कार्य पुलिस सेवा की सर्वोच्च मान्यताओं और आदर्शों का उदाहरण है। उनके द्वारा किए गए कार्य आने वाली पीढ़ियों के लिए भी मार्गदर्शन का कार्य करेंगे।”
सेवा का अनुकरणीय सफर
इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक का पुलिस सेवा में सफर वर्ष 2002 में प्रारंभ हुआ। अपने करियर के शुरुआती दिनों से ही उन्होंने कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों को स्वीकार करते हुए हर जिम्मेदारी को सफलता से निभाया।
- 2014 और 2022 में उन्हें सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह से नवाजा गया।
- 2016 में उन्हें उत्कृष्ट सेवा सम्मान चिन्ह प्राप्त हुआ।
- 2018 में मुख्यमंत्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जो उनकी प्रशासनिक दक्षता और जनता के हित में किए गए उल्लेखनीय प्रयासों का परिणाम था।
इन सम्मानों की श्रृंखला यह दर्शाती है कि इंस्पेक्टर पाठक की कार्यशैली में निरंतरता, अनुशासन और उच्च मानकों का पालन हमेशा प्राथमिकता में रहा।
केदारनाथ आपदा के बाद का ऐतिहासिक योगदान
वर्ष 2013 में आई केदारनाथ की भीषण आपदा ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस आपदा के बाद वहां की व्यवस्थाओं को संभालना किसी भी अधिकारी के लिए बड़ी चुनौती थी। इंस्पेक्टर पाठक ने न केवल इस चुनौती को स्वीकार किया, बल्कि इसे एक सेवा के अवसर के रूप में लिया।
- लगातार 6 वर्षों तक श्री केदारनाथ धाम में प्रभारी के रूप में सेवा दी।
- विषम भौगोलिक परिस्थितियों में भी देशभर से आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए सुव्यवस्था, सुरक्षा और सुगम यात्रा का माहौल बनाया।
- स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों के बीच भरोसे का माहौल कायम किया।
इंस्पेक्टर पाठक ने अपने कार्यकाल में न केवल कानून-व्यवस्था पर ध्यान दिया, बल्कि प्राकृतिक संतुलन और पर्यावरण संरक्षण पर भी महत्वपूर्ण कार्य किए। उनके द्वारा शुरू किए गए कई प्रयास आज भी वहां पर्यावरण को बेहतर बनाए रखने में सहायक हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तिगत सराहना
केदारनाथ में किए गए उनके उत्कृष्ट कार्यों ने राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया। वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ दौरे के दौरान स्वयं उनका हाथ पकड़कर शाबाशी दी। यह क्षण न केवल इंस्पेक्टर पाठक के लिए, बल्कि पूरे उत्तराखंड पुलिस बल के लिए गर्व का विषय था।
उद्योगपति मुकेश अंबानी से विशेष सम्मान
इंस्पेक्टर पाठक की कार्यशैली से प्रभावित होकर देश के प्रसिद्ध उद्योगपति मुकेश अंबानी ने उन्हें अपने घर मुंबई में विशेष रात्रिभोज का निमंत्रण दिया। यह अवसर इस बात का प्रमाण था कि उनकी सेवाएं और योगदान केवल सरकारी दायरे तक सीमित नहीं हैं, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में भी उनकी सराहना होती है।
मानवता और कर्तव्य का संगम
इंस्पेक्टर पाठक के सहकर्मी बताते हैं कि वे हर परिस्थिति में शांत, संयमित और समाधान केंद्रित रहते हैं। चाहे किसी आपदा के बाद राहत कार्य हो या भीड़ नियंत्रण, वे हमेशा अग्रिम पंक्ति में नजर आते हैं।
एक भावुक बचाव अभियान की कहानी
2014 में केदारनाथ में उनकी पोस्टिंग के दौरान एक घटना ने सभी को भावुक कर दिया था। एक दिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण यात्रा मार्ग अवरुद्ध हो गया। उसी समय सूचना मिली कि रास्ते में एक 75 वर्षीय वृद्ध महिला और उसका 10 वर्षीय पोता फंसे हुए हैं, जिनके पास भोजन और दवाई खत्म हो चुकी है।
इंस्पेक्टर पाठक ने तुरंत अपनी टीम के साथ बिना समय गंवाए पैदल यात्रा शुरू की। रास्ता फिसलन भरा और बेहद खतरनाक था, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। करीब 6 घंटे की पैदल यात्रा और बीच-बीच में पहाड़ी नालों को पार करते हुए वे उस स्थान तक पहुंचे।
- उन्होंने सबसे पहले महिला को प्राथमिक उपचार दिलाया और बच्चे को अपने कंधे पर बैठाकर सुरक्षित स्थान तक लाए।
- इस बचाव अभियान में उनकी टीम भीग चुकी थी, लेकिन किसी ने हार नहीं मानी।
इस घटना के बाद स्थानीय लोग और श्रद्धालु उन्हें “धरती का देवदूत” कहकर बुलाने लगे। इंस्पेक्टर पाठक कहते हैं, “उस महिला और बच्चे की आंखों में राहत के जो भाव थे, वही मेरे जीवन का सबसे बड़ा पुरस्कार है।”
विभाग में प्रेरणास्रोत
जीआरपी के सभी अधिकारी और कर्मचारी इंस्पेक्टर पाठक को एक आदर्श अधिकारी के रूप में देखते हैं। उनकी कार्यशैली में टीम भावना और सभी को साथ लेकर चलने की प्रवृत्ति साफ झलकती है।
जीआरपी कप्तान तृप्ति भट्ट ने कहा, “हम गर्व महसूस करते हैं कि हमारे विभाग में इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक जैसे अधिकारी हैं, जिनका योगदान पुलिस सेवा को नई ऊंचाइयों तक ले जाता है।”
15 अगस्त का विशेष महत्व
आज 15 अगस्त को देहरादून के परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह होगा। मुख्यमंत्री ध्वजारोहण के बाद राज्यभर से चयनित अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित करेंगे। इस मौके पर प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि और हजारों की संख्या में नागरिक मौजूद रहेंगे।
इंस्पेक्टर पाठक के लिए यह दिन केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह उस मेहनत, ईमानदारी और त्याग का सम्मान है, जो उन्होंने बीते दो दशकों में किया है।
व्यक्तिगत अनुभव और भावनाएं
सम्मान की खबर मिलने के बाद इंस्पेक्टर पाठक ने कहा, “यह पदक मेरे लिए केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि मेरी पूरी टीम, मेरे वरिष्ठ अधिकारियों और उन सभी लोगों का सम्मान है जिन्होंने मेरे कार्यकाल में मेरा सहयोग किया। यह सम्मान मुझे और अधिक निष्ठा और समर्पण के साथ काम करने की प्रेरणा देगा।”
उन्होंने अपने केदारनाथ कार्यकाल को याद करते हुए बताया, “वहां की परिस्थितियां कठिन थीं, लेकिन श्रद्धालुओं के चेहरे पर मुस्कान और उनकी सुरक्षित वापसी ही हमारी सबसे बड़ी सफलता थी।”
भविष्य के लिए संकल्प
इंस्पेक्टर पाठक का कहना है कि वे भविष्य में भी पुलिस सेवा को केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि जनसेवा का माध्यम मानकर कार्य करते रहेंगे। उनका उद्देश्य है कि पुलिस और जनता के बीच भरोसे का पुल और मजबूत हो।
इंस्पेक्टर बिपिन चंद्र पाठक की यात्रा यह साबित करती है कि अगर कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और मानवता को प्राथमिकता दी जाए, तो सेवा केवल दायित्व नहीं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा बन जाती है। आज जब उन्हें मुख्यमंत्री सराहनीय सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा, तो यह न केवल उनका, बल्कि पूरे पुलिस बल और उत्तराखंड का गौरव बढ़ाने वाला क्षण होगा।