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सहकारिता योजनाओं की गहन समीक्षा: जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती,, सदस्यों को सक्रिय करने और बकाएदारों से वसूली के निर्देश,, सहकारिता समितियों के सचिवों को संवेदनशीलता और पारदर्शिता से काम करने की हिदायत

हरिद्वार के जिला कार्यालय सभागार में आज सहकारिता विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि सहकारिता समितियों के माध्यम से चलने वाली योजनाएं किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे व्यवसायियों और आम जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में विशेष रूप से पैक्स कंप्यूटरीकरण के कार्य की प्रगति पर चर्चा

इन्तजार रजा हरिद्वार- सहकारिता योजनाओं की गहन समीक्षा: जिलाधिकारी ने दिखाई सख्ती,,

सदस्यों को सक्रिय करने और बकाएदारों से वसूली के निर्देश,,

सहकारिता समितियों के सचिवों को संवेदनशीलता और पारदर्शिता से काम करने की हिदायत

हरिद्वार, 16 सितंबर 2025।
जनपद हरिद्वार के जिला कार्यालय सभागार में आज सहकारिता विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने विभागीय कार्यों की गहन समीक्षा करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि सहकारिता समितियों के माध्यम से चलने वाली योजनाएं किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे व्यवसायियों और आम जनता के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में विशेष रूप से पैक्स कंप्यूटरीकरण के कार्य की प्रगति पर चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने सभी सहकारिता समितियों के सचिवों को निर्देशित किया कि केंद्र पोषित इस परियोजना को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए और इसमें किसी भी प्रकार का भिन्नता या विलंब न हो। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सहकारिता समितियों की पारदर्शिता ही जनता के विश्वास को बनाए रख सकती है, इसलिए सभी सचिव अपने दायित्व को गंभीरता से निभाएं।

सदस्यों को सक्रिय बनाने पर जोर

जिलाधिकारी ने बैठक में मौजूद सभी सचिवों और अधिकारियों से यह जानकारी मांगी कि समितियों में कितने सदस्य सक्रिय हैं और उन्हें योजनाओं से कितना लाभ मिल रहा है। जब कई सचिव संतोषजनक जवाब नहीं दे सके तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सहकारिता समितियां तभी प्रभावी होंगी जब उनके सदस्य सक्रिय होंगे।
उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिया कि 30 सितंबर को आयोजित होने वाली अगली समीक्षा बैठक में पूरी जानकारी और अद्यतन आंकड़ों के साथ भाग लें। उन्होंने चेतावनी दी कि इस बार अधूरी जानकारी या कमजोर कार्यप्रदर्शन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

बकाएदारों से वसूली को प्राथमिकता

बैठक में ऋण वितरण एवं वसूली की भी विस्तार से समीक्षा की गई। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि सहकारिता समितियों के माध्यम से जिन लोगों को ऋण उपलब्ध कराया गया है, उनसे समय पर धनराशि जमा कराना आवश्यक है।
उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि जिन व्यक्तियों द्वारा समय पर ऋण राशि नहीं चुकाई जा रही है, उनसे प्राथमिकता से वसूली की जाए और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही या ढिलाई न हो। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारिता का उद्देश्य किसानों और जरूरतमंद लोगों को समय पर आर्थिक मदद पहुंचाना है, लेकिन यदि समय पर वसूली नहीं होगी तो योजनाओं की गति प्रभावित होगी।

किसानों को योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करें

जिलाधिकारी ने विशेष रूप से यह भी कहा कि सहकारिता विभाग के माध्यम से जो भी योजनाएं किसानों के लिए संचालित की जा रही हैं, उनका लाभ वास्तविक पात्र किसानों तक प्राथमिकता से पहुंचे। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देशित किया कि योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाई जाए और उन्हें आवेदन व लाभ लेने की प्रक्रिया में पूरी मदद दी जाए।

बैठक में अधिकारियों की व्यापक मौजूदगी

इस समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, जिला सहायक निबंधक सहकारिता पीएस पोखरिया, सचिव डीसीबी बैंक वंदना लखेड़ा, अपर जिला सहकारी अधिकारी प्रेम कुमार, भगवानपुर एडीओ गौरव नागर, डीजीएम बैंक दीपक कुमार, अखिलेश डबराल, सभी सहकारिता समितियों के सचिव, एडीओ ब्लॉक और बैंक शाखाओं के प्रबंधक/प्रतिनिधि सहित संबंधित अधिकारी व कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान कई अधिकारियों ने जिलाधिकारी को अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराया और आवश्यक सुधारात्मक कदमों के सुझाव भी दिए।

पारदर्शिता व संवेदनशीलता पर जोर

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बैठक के समापन पर दोहराया कि सहकारिता समितियां आम जनता की आर्थिक रीढ़ हैं, इसलिए सचिवों को चाहिए कि वे अधिक संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन योजनाओं में तकनीकी या प्रशासनिक दिक्कतें हैं, उनकी रिपोर्ट तुरंत जिला मुख्यालय को भेजी जाए ताकि उनका समय पर समाधान किया जा सके।

बैठक से यह स्पष्ट संदेश गया कि जिला प्रशासन सहकारिता योजनाओं की प्रभावी क्रियान्विति को लेकर पूरी तरह गंभीर है। जिलाधिकारी की सख्त हिदायत और स्पष्ट निर्देशों से सहकारिता समितियों के कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है।
किसानों को समय पर ऋण व लाभ मिलना, बकाएदारों से वसूली और सदस्यों को सक्रिय करना – ये तीनों लक्ष्य यदि समय पर पूरे किए जाते हैं तो जिले में सहकारिता विभाग की योजनाओं के प्रभाव में और वृद्धि होगी।

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