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जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा आईएसआई नेटवर्क से जुड़ी?, गजाला की गिरफ्तारी से खुला राज, देशभर में छापेमारी तेज

 इन्तजार रजा हरिद्वार- जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़,
ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा आईएसआई नेटवर्क से जुड़ी?,
गजाला की गिरफ्तारी से खुला राज, देशभर में छापेमारी तेज

चंडीगढ़ | विशेष रिपोर्ट
देश की सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से जुड़े एक बड़े जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस मामले में सबसे चौंकाने वाला नाम हिसार की ट्रैवल यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का सामने आया है। ज्योति को पंजाब के मलेरकोटला से पकड़ी गई एक महिला गजाला की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया। प्रारंभिक जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियाँ सामने आई हैं, जिनमें ज्योति की पाकिस्तान यात्रा, वहां के खुफिया अधिकारियों से मुलाकात और सोशल मीडिया पर भारत विरोधी प्रचार शामिल हैं।

पंजाब और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान में यह गिरफ्तारी हुई, जो आईएसआई के गुप्त नेटवर्क को बेनकाब करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। ज्योति को “ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट” और भारतीय दंड संहिता की धारा 152 (गोपनीय जानकारी का खुलासा) के तहत हिरासत में लिया गया है। अदालत में पेशी के बाद उन्हें पांच दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

ट्रैवल व्लॉगर से देश विरोधी साजिश तक का सफर

ज्योति मल्होत्रा एक ट्रैवल यूट्यूबर के रूप में जानी जाती हैं, जिनके हजारों फॉलोअर्स हैं। लेकिन जांच एजेंसियों का दावा है कि उन्होंने अपनी पहचान का इस्तेमाल देश की सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने और उसे दुश्मन देश तक पहुंचाने के लिए किया। डीएसपी कमलजीत के अनुसार, ज्योति के मोबाइल फोन और लैपटॉप से कुछ संदिग्ध दस्तावेज और डेटा मिले हैं। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि वह लगातार पाकिस्तान के एक नागरिक के संपर्क में थी।

सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, ज्योति ने पिछले दो वर्षों में तीन बार पाकिस्तान, एक बार चीन, और इसके अलावा यूएई, बांग्लादेश, भूटान और थाईलैंड की यात्राएं की हैं। खास बात यह है कि उनकी पाकिस्तान यात्रा के दौरान वह इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी ‘दानिश’ के संपर्क में आई थीं। बाद में उन्होंने वहां के खुफिया अधिकारियों और संदिग्ध व्यक्तियों से मुलाकात की, जिसकी पुष्टि उनके यात्रा विवरण और ईमेल संचार से हुई है।

गजाला की गिरफ्तारी से खुली परतें

पंजाब पुलिस ने मलेरकोटला से एक महिला गजाला और उसके साथी यामीन मोहम्मद को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में गजाला ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि वह पाकिस्तान से पैसे लेकर उन्हें भारत में सक्रिय जासूसों तक पहुंचाती थी। गजाला के अनुसार, उसका सीधा संपर्क पाकिस्तानी अधिकारी दानिश से था, और वह लंबे समय से भारत में आईएसआई के लिए काम कर रही थी।

गजाला की निशानदेही पर ही ज्योति मल्होत्रा का नाम सामने आया। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने हिसार में छापेमारी कर ज्योति को हिरासत में लिया। अब पुलिस उसकी यात्रा हिस्ट्री, बैंक लेनदेन और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहराई से जांच कर रही है।

सोशल मीडिया पर संदिग्ध गतिविधियाँ

जांच एजेंसियों को शक है कि ज्योति ने न केवल संवेदनशील सूचनाएं लीक कीं, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तान के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश भी की। उनके यूट्यूब चैनल पर मौजूद कुछ वीडियो में भारत की सुरक्षा नीतियों की आलोचना और पाकिस्तान की “सांस्कृतिक छवि” को बढ़ावा देने की कोशिश दिखाई देती है। इन वीडियो की अब गहन जांच की जा रही है।

सुरक्षा एजेंसियों के एक अधिकारी ने बताया, “ज्योति ने ट्रैवल कंटेंट के नाम पर भारत के सीमावर्ती इलाकों की रेकी की, और उन वीडियो को पाकिस्तान के खुफिया तंत्र के साथ साझा किया। इसके बदले उन्हें विदेशी खातों में पैसा ट्रांसफर किया गया, जिसकी पुष्टि उनके बैंक विवरणों से हो रही है।”

देशभर में छापेमारी, कई अन्य नाम रडार पर

गजाला और ज्योति की गिरफ्तारी के बाद पंजाब और हरियाणा समेत देश के अन्य हिस्सों में भी छापेमारी तेज कर दी गई है। सूत्रों के अनुसार, इस जासूसी रैकेट से जुड़े कई और नाम सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। इनमें कुछ पत्रकार, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और सीमावर्ती इलाकों के लोग शामिल हैं जो आईएसआई के संपर्क में थे या उनके लिए काम कर रहे थे।

पुलिस का कहना है कि इस नेटवर्क का उद्देश्य भारत की सुरक्षा व्यवस्था, सैन्य गतिविधियों और सामरिक सूचनाओं को पाकिस्तान तक पहुंचाना था। इसके अलावा, भारत में धार्मिक और सामाजिक वैमनस्य फैलाने वाले कंटेंट का प्रचार भी इस नेटवर्क के माध्यम से किया जाता था।

ज्योति मल्होत्रा की गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सोशल मीडिया की आड़ में देश विरोधी ताकतें किस तरह अपने मंसूबों को अंजाम देने की कोशिश कर रही हैं। यह मामला न केवल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चेतावनी है, बल्कि देश के नागरिकों के लिए भी एक सीख है कि वे किस प्रकार की सूचनाएं साझा कर रहे हैं और किसके संपर्क में हैं। आने वाले दिनों में इस पूरे नेटवर्क के और भी तार खुलने की संभावना है।

जांच एजेंसियाँ इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही हैं और जल्द ही इससे जुड़े अन्य चेहरों को भी बेनकाब किया जा सकता है।

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