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कलियर पुलिस को सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता,, तीन माह के मासूम की चोरी का एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने किया सनसनीखेज खुलासा,, 72 घंटे में बच्चा बरामद, आधा दर्जन आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे,, सोती मां की गोद से उठा लिया तीन माह का मासूम,, टेक्निकल टीम की सटीक पड़ताल से खुली ‘चोरी की चेन’

इन्तजार रजा हरिद्वार-कलियर पुलिस को सनसनीखेज मामले में बड़ी सफलता,,
तीन माह के मासूम की चोरी का एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने किया सनसनीखेज खुलासा,,
72 घंटे में बच्चा बरामद, आधा दर्जन आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे,,

सोती मां की गोद से उठा लिया तीन माह का मासूम,,

टेक्निकल टीम की सटीक पड़ताल से खुली ‘चोरी की चेन’

हरिद्वार। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के नेतृत्व में हरिद्वार पुलिस ने अपनी तेजतर्रार कार्यशैली से एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कानून के शिकंजे से कोई अपराधी बच नहीं सकता। थाना कलियर क्षेत्र से तीन माह के मासूम की चोरी का मामला जिसने पूरे जिले में सनसनी फैला दी थी, उस पर 72 घंटे के भीतर हरिद्वार पुलिस ने पर्दा उठा दिया है। पुलिस ने इस पूरे बच्चा चोरी गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए मासूम को सकुशल बरामद किया और आधा दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

टेक्निकल टीम की सटीक पड़ताल से खुली ‘चोरी की चेन’

11 अक्टूबर 2025 को अमरोहा निवासी जहीर अंसारी ने थाना कलियर पहुंचकर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। उन्होंने बताया कि वह अपनी पत्नी और तीन माह के बेटे के साथ जियारत के लिए कलियर आए थे। रात में दुकान के पास विश्राम के दौरान दो महिलाएं उनसे मिलीं, जिन्होंने खुद को परेशान बताकर उनके पास रुकने की अनुमति मांगी। धीरे-धीरे बातचीत बढ़ी और फिर मौका पाकर एक महिला जहीर को चाय पिलाने के बहाने साथ ले गई, जबकि दूसरी महिला उनकी पत्नी की गोद से बच्चा चुराकर फरार हो गई।यह मामला सुनकर पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने और बच्चे की बरामदगी के लिए विशेष टीमों के गठन के आदेश दिए।

टेक्निकल टीम की सटीक पड़ताल से खुली ‘चोरी की चेन’

एसएसपी के निर्देशन में कलियर थाना पुलिस, सीआईयू रुड़की टीम और एसओजी ने तकनीकी और मैनुअल साक्ष्यों के आधार पर जांच शुरू की। जल्द ही पुलिस मेरठ पहुंची, जहां इस केस की पहली बड़ी कड़ी आस मोहम्मद उर्फ लंगड़ा के रूप में सामने आई। पूछताछ में आस मोहम्मद की पत्नी शहनाज और उसकी साथी सलमा का नाम सामने आया, जिन पर सीधे बच्चा चोरी का आरोप सिद्ध हुआ। इन दोनों से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि इस गिरोह का असली मास्टरमाइंड नेहा शर्मा है, जो मेरठ के एक प्रसिद्ध आईवीएफ सेंटर में पेशेंट कोऑर्डिनेटर के रूप में काम करती थी। नेहा ने बच्चे की चोरी करवाने के लिए अंचन तिवारी को हायर किया था, जबकि अंचन ने आगे आस मोहम्मद को यह जिम्मेदारी दी।

बच्चा चोरी में बना ‘प्रॉफिट चेन’ का खेल

पुलिस जांच में सामने आया कि बच्चा चोरी के बाद गिरोह के सदस्यों ने इसे पैसे कमाने के जरिये के रूप में इस्तेमाल किया। आस मोहम्मद ने बच्चा 3 लाख रुपये में अंचन तिवारी को बेचा।

  • अंचन ने वही बच्चा 3.90 लाख रुपये में नेहा शर्मा को दिया।
  • नेहा शर्मा ने एक लाख का फायदा कमाते हुए बच्चे को 4.90 लाख रुपये में विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची को बेच दिया। विशाल गुप्ता की शादी को 10 साल हो चुके थे, लेकिन उन्हें संतान सुख प्राप्त नहीं हुआ था। इलाज के दौरान वह नेहा शर्मा के संपर्क में आया और वहीं से इस अवैध सौदे की शुरुआत हुई।

55 घंटे में पुलिस ने खोला ब्लाइंड केस का ताला

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डोबाल की सीधी मॉनिटरिंग में कलियर थाना प्रभारी रविन्द्र कुमार, एसओजी निरीक्षक प्रदीप बिष्ट व सीआईयू टीम ने लगातार तीन दिन तक मेरठ, मुजफ्फरनगर और रुड़की के बीच सर्च अभियान चलाया। मुखबिर तंत्र की मदद से पुलिस विशाल गुप्ता के घर पहुंची, जहां चोरी किया गया बच्चा सकुशल बरामद हो गया। जब पुलिस बच्चे को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर रही थी, तो वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम थीं। मासूम को गोद में लेकर जहीर अंसारी और उनकी पत्नी भावुक हो उठे और हरिद्वार पुलिस का आभार जताया।

एसएसपी डोबाल ने दी चेतावनी – “अंजान लोगों पर न करें विश्वास”

एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल ने कहा कि यह खुलासा बेहद संवेदनशील और मानवीय पहलू से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आम जनता से अपील की कि भीड़भाड़ वाले धार्मिक स्थलों या यात्राओं में अंजान व्यक्तियों पर भरोसा न करें। थोड़ी सी असावधानी, बड़ा नुकसान साबित हो सकती है।

गिरफ्तार आरोपी और बरामदगी

अभियुक्तों के नाम:

  1. आस मोहम्मद उर्फ लंगड़ा (36)
  2. शहनाज (35)
  3. सलमा (26)
  4. अंचन तिवारी (40)
  5. नेहा शर्मा (35)
  6. विशाल गुप्ता उर्फ अच्ची (39) बरामद:
  • तीन माह का शिशु (सुरक्षित)
  • एक लाख रुपये नकद
  • एक लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांजैक्शन राशि (फ्रीज की गई)

पुलिस टीम जिनकी मेहनत ने लिखा सफलता का अध्याय

थानाध्यक्ष कलियर रविन्द्र कुमार के नेतृत्व में व0उ0नि0 बबलू चौहान, उ0नि0 पुष्कर सिंह चौहान, हे0का0 जमशेद अली, रविन्द्र बालियान, नूर हसन, का0 जितेन्द्र सिंह, का0 प्रकाश मनराल, महिला कांस्टेबल सोफिया अंसारी व सरीता राणा समेत SOG टीम के निरीक्षक प्रदीप बिष्ट और उनकी टीम ने इस केस को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आईवीएफ सेंटर पर भी जांच की नजर

पुलिस अब मास्टरमाइंड नेहा शर्मा की कुंडली खंगाल रही है। आईवीएफ सेंटर और उससे जुड़े अन्य संदिग्धों को भी रडार पर लिया गया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं पहले भी इस तरह के सौदे तो नहीं हुए।

हरिद्वार पुलिस का इकबाल बुलंद

थाना कलियर की इस त्वरित कार्रवाई ने फिर यह साबित किया कि कप्तान डोबाल की कमान में हरिद्वार पुलिस अपराधियों के लिए भय और आमजन के लिए विश्वास का पर्याय बन चुकी है। 55 घंटे में खुलासा, सकुशल बरामद मासूम और सलाखों में गिरोह — यह सफलता हरिद्वार पुलिस की दक्षता और संवेदनशीलता का जीता-जागता प्रमाण है।

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