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एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह की अगुवाई में हरिद्वार में गरजा धामी सरकार का बुलडोजर, कुंभ भूमि पर अतिक्रमण किया गया जमींदोज

इन्तजार रजा हरिद्वार-एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह की अगुवाई में हरिद्वार में गरजा धामी सरकार का बुलडोजर, कुंभ भूमि पर अतिक्रमण किया गया जमींदोज

उत्तराखंड के हरिद्वार में देर रात एक बड़ी प्रशासनिक कार्यवाही देखने को मिली, जब जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर अवैध कब्जे के खिलाफ बुलडोजर चलाया। यह कार्रवाई हरिद्वार के उत्तरी क्षेत्र में स्थित दूधाधारी तिराहे पर की गई, जहां कुंभ मेला की पवित्र भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर चाहरदीवारी बना ली गई थी।

इस अभियान का नेतृत्व एसडीएम अजयवीर सिंह ने किया। उनकी अगुवाई में प्रशासन की टीम ने पूरे इलाके को खाली करवाया और अतिक्रमण को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। प्रशासन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अतिक्रमण हटाने के लिए दो दिन का अल्टीमेटम दिया गया है, लेकिन निर्धारित समय बीतने के बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया।

एसडीएम अजयवीर सिंह ने कार्यवाही के बाद साफ शब्दों में कहा कि हरिद्वार में किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह अभियान सिर्फ एक शुरुआत है और आगे भी जो भी व्यक्ति या संगठन सरकारी या धार्मिक भूमि पर कब्जा करेगा, उस पर इसी तरह बुलडोजर चलेगा।

धामी सरकार की यह कार्यवाही यह दिखाती है कि राज्य सरकार अवैध कब्जों के खिलाफ सख्त रुख अपना चुकी है। खासकर धार्मिक नगरी हरिद्वार में, जहां कुंभ जैसे विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आयोजन होते हैं, वहां किसी भी प्रकार का अतिक्रमण आस्था और प्रशासन दोनों के लिए खतरा बन सकता है।

यह कदम धामी सरकार की “बुलडोजर राजनीति” की छवि को भी और मज़बूत करता है, जो कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तर्ज पर कार्य कर रही है। जहां एक ओर यह कार्रवाई कानून व्यवस्था को बनाए रखने का एक मजबूत संकेत है, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक रूप से भी देखा जा रहा है कि सरकार आने वाले चुनावों से पहले ‘सख्त प्रशासक’ की छवि को और मजबूत कर रही है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया भी इस कार्यवाही को लेकर मिली-जुली रही। कुछ लोगों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया, वहीं कुछ ने इसे धार्मिक भावनाओं से जोड़ते हुए संवेदनशीलता दिखाने की मांग की।

फिलहाल प्रशासन का संदेश स्पष्ट है – चाहे सरकारी जमीन हो या धार्मिक, अतिक्रमण करने वालों को किसी तरह की राहत नहीं दी जाएगी। हरिद्वार जैसे धार्मिक महत्व वाले क्षेत्र को अतिक्रमण मुक्त बनाना न केवल कानून व्यवस्था के लिहाज से जरूरी है, बल्कि यह श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों के हित में भी है। अब कोई भी भूमि चाहे जितनी भी संवेदनशील क्यों न हो, यदि उस पर अवैध कब्जा है, तो सरकार चुप नहीं बैठेगी।

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