काठा पीर उर्स: आध्यात्मिक आस्था का महाकुंभ, 61.50 लाख में छूटा ठेका, वरिश अहमद को लगातार चौथी बार आयोजन की जिम्मेदारी, मांस-मछली पर रहेगा प्रतिबंध, रात्रि लाइटिंग व सुरक्षा के होंगे विशेष इंतजाम

इन्तजार रजा हरिद्वार- काठा पीर उर्स: आध्यात्मिक आस्था का महाकुंभ,
61.50 लाख में छूटा ठेका, वरिश अहमद को लगातार चौथी बार आयोजन की जिम्मेदारी,
मांस-मछली पर रहेगा प्रतिबंध, रात्रि लाइटिंग व सुरक्षा के होंगे विशेष इंतजाम
लक्सर, हरिद्वार।
पथरी के जंगलों में स्थित सूफी संत हज़रत शाह मोहम्मद शाह उर्फ काठा पीर की दरगाह पर हर वर्ष आयोजित होने वाला ऐतिहासिक और श्रद्धा से परिपूर्ण उर्स इस बार 9 जून से 13 जून तक भव्य रूप से मनाया जाएगा। 856वें उर्स के आयोजन की तैयारियां जोरों पर हैं और इसे सफल बनाने के लिए प्रशासन व आयोजक दोनों सक्रिय नजर आ रहे हैं।
इस बार मेले का ठेका 61 लाख 50 हजार रुपये में ग्लोबल इंटरप्राइजेज को मिला है। कंपनी के डॉयरेक्टर वरिश अहमद लगातार चौथी बार इस आयोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जिससे उनके अनुभव व व्यवस्थागत कुशलता पर भरोसा साफ नजर आता है।
उर्स को भव्य और व्यवस्थित बनाने की तैयारी
ग्लोबल इंटरप्राइजेज के मालिक वरिश अहमद ने बताया कि इस बार व्यवस्थाएं और भी सुदृढ़ की जा रही हैं। पिछली बार कुछ स्थानों पर बिजली की समस्या रही थी, जिससे जायरीनों को दिक्कत हुई। इस बार घुंटी चौक से लेकर दरगाह तक की सड़क पर विशेष रात्रि लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है, ताकि शाम होते ही मेले का वातावरण जगमगाता रहे और श्रद्धालुओं को आने-जाने में कोई असुविधा न हो।
वरिश अहमद ने यह भी बताया कि साफ-सफाई, पेयजल, मोबाइल टॉयलेट, फायर सेफ्टी, मेडिकल सुविधा, एंबुलेंस और पार्किंग जैसी व्यवस्थाओं को भी प्राथमिकता दी जा रही है। दरगाह में आने वाले हर श्रद्धालु की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना उनका प्रमुख उद्देश्य है।
प्रशासन सख्त, मांस-मछली और शराब पर रहेगा प्रतिबंध
लक्सर के उप जिलाधिकारी सौरभ असवाल ने स्पष्ट किया कि मेले की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और इस बार ग्लोबल इंटरप्राइजेज को सर्वाधिक बोली के आधार पर ठेका दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मेला क्षेत्र में मांस, मछली व मदिरा से संबंधित सभी व्यंजन, होटल और दुकानें पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगी।
एसडीएम ने बताया कि पिछले वर्ष कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मांसाहारी भोजन की बिक्री को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिससे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ा। इसलिए इस बार किसी भी प्रकार की अशांति और अव्यवस्था को रोकने के लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है।
धार्मिक सौहार्द और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक
एसडीएम सौरभ असवाल ने यह भी कहा कि काठा पीर उर्स केवल एक मजहबी आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक सौहार्द का प्रतीक है। इसमें सभी धर्मों, जातियों और वर्गों के लोग हिस्सा लेते हैं। उनकी भावनाओं और आस्थाओं का सम्मान करते हुए ही यह निर्णय लिया गया है कि मांसाहारी भोजन और नशे से जुड़े सभी प्रकार के पदार्थों को प्रतिबंधित किया जाए।
उर्स के शांतिपूर्ण आयोजन के लिए पुलिस विभाग को भी विशेष निर्देश दिए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे, बम स्क्वायड, क्विक रिस्पॉन्स टीम और महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। साथ ही, स्थानीय स्वयंसेवकों और दरगाह कमेटी के सदस्य भी सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करेंगे।
श्रद्धा, सेवा और व्यवस्था का समन्वय
856वां काठा पीर उर्स आध्यात्मिक श्रद्धा का एक ऐसा पर्व है, जिसमें लाखों की संख्या में जायरीन हर वर्ष भाग लेते हैं। इस दौरान दरगाह में चादरपोशी, कव्वाली, लंगर और विशेष दुआओं का आयोजन होता है। उर्स न सिर्फ धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि स्थानीय व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को भी संबल देता है।
वरिश अहमद की टीम के लिए यह लगातार चौथा मौका है, जब उन्हें यह आयोजन सौंपा गया है। इससे यह भी जाहिर होता है कि उनकी व्यवस्थागत दक्षता, सेवा भाव और अनुभव को जनप्रतिनिधियों व प्रशासन का भरोसा प्राप्त है।
उम्मीद की जा रही है कि इस बार का काठा पीर उर्स भी अपनी परंपरा, गरिमा और श्रद्धा के साथ पूरी भव्यता से संपन्न होगा। शांतिपूर्ण आयोजन के लिए प्रशासन, आयोजक और स्थानीय जन एकजुटता के साथ काम कर रहे हैं