कांवड़ मेला-2025 में रेलवे सुरक्षा का आदर्श उदाहरण बनी जीआरपी,, SP GRP तृप्ति भट्ट के एनर्जेटिक नेतृत्व में हुआ 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का सुरक्षित आवागमन,, सुनियोजित सुरक्षा, टीमवर्क और मानवीय संवेदनाओं का परिचय बनी जीआरपी की ड्यूटी

इन्तजार रजा हरिद्वार- कांवड़ मेला-2025 में रेलवे सुरक्षा का आदर्श उदाहरण बनी जीआरपी,,
SP GRP तृप्ति भट्ट के एनर्जेटिक नेतृत्व में हुआ 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं का सुरक्षित आवागमन,,
सुनियोजित सुरक्षा, टीमवर्क और मानवीय संवेदनाओं का परिचय बनी जीआरपी की ड्यूटी
हरिद्वार | 24 जुलाई 2025
श्रावण मास के सबसे पवित्र पर्व महाशिवरात्रि पर कांवड़ मेला-2025 अपने चरम पर रहा। जहां उत्तराखंड पुलिस, प्रशासन और अनेक सुरक्षा एजेंसियों ने इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में दिन-रात एक किया, वहीं रेलवे सुरक्षा बल (जीआरपी) ने सीमित संसाधनों के बावजूद असाधारण कार्य करके पूरे देश में एक मिसाल कायम कर दी।
इस पूरे अभियान की कमान संभाली एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट ने, जिनके दूरदर्शी नेतृत्व, निर्णायक क्षमताओं और टीम मैनेजमेंट की तारीफ अब जनमानस से लेकर उच्चाधिकारियों तक हर ओर हो रही है। उनके नेतृत्व में कार्य कर रही जीआरपी टीम ने 11 जुलाई से 23 जुलाई 2025 तक चले इस विशाल आयोजन के दौरान कोई भी बड़ा हादसा न होने दिया और 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को सकुशल उनके गंतव्यों तक पहुंचाया।
रेलवे क्षेत्र में 24×7 रहा हाई अलर्ट, सभी यूनिटों के साथ मजबूत समन्वय
कांवड़ मेले के दौरान जीआरपी हरिद्वार के नेतृत्व में सभी स्टेशन क्षेत्रों को 02 सुपर जोन, 03 जोन व 06 सेक्टरों में बांटकर हर एक सेक्शन में सुरक्षा, निगरानी और सहायता कार्य सुचारु रूप से संचालित किया गया।
रेलवे के अंतर्गत हरिद्वार, ज्वालापुर, लक्सर, रुड़की जैसे अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखते हुए जीआरपी ने आरपीएफ, रेलवे विभाग, आईआरबी, बीडीएस, एटीएस जैसी सहयोगी यूनिटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ड्यूटी की। पीए सिस्टम के ज़रिए 24 घंटे लगातार यात्रियों को दिशा-निर्देश और सूचना प्रसारित की गईं।
स्मार्ट पुलिसिंग और मानवीयता का समन्वय
मेले के दौरान जीआरपी की कार्यशैली केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं रही। स्मार्ट पुलिसिंग के साथ मानवीयता की मिसाल पेश करते हुए जीआरपी ने न केवल तकनीकी निगरानी व धरपकड़ की बल्कि बुजुर्गों, दिव्यांगों, असहायों व बीमार यात्रियों की भी हर संभव मदद की।
स्टेशनों पर आने वाले 100 से अधिक बुजुर्गों व दिव्यांगों को प्लेटफॉर्म, ट्रेन व कोच तक पहुँचाने में सहायता दी गई। वहीं, बीमार कांवड़ियों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाकर उपचार भी सुनिश्चित किया गया।
लॉस्ट एंड फाउंड: खोए मुसाफ़िरों और सामान की वापसी में जीआरपी रही आगे
मेले में भीड़ की स्थिति में सामान या परिजन का बिछुड़ जाना आम है। लेकिन इस वर्ष जीआरपी की तत्परता ने कई मुस्कुराहटें लौटाईं।
- 70 से अधिक महिला, पुरुष और बच्चों को उनके परिजनों से मिलवाया गया।
- यात्रियों के ₹5 लाख से अधिक मूल्य के कुल 36 मोबाइल फोन बरामद कर लौटाए गए।
- 270 से अधिक बैग, पर्स और अन्य वस्तुएं भारी भीड़ में ढूंढ कर यात्रियों को वापस की गईं।
- यात्रियों द्वारा जीआरपी को तहे दिल से धन्यवाद कहा गया और सोशल मीडिया पर भी उनकी सराहना की गई।
रेलवे ट्रैक पर चल रहे हजारों कांवड़ियों की जान बचाई
हर साल की तरह इस बार भी कुछ कांवड़ यात्री जल्दी पहुंचने की कोशिश में शॉर्टकट लेते हुए रेलवे ट्रैक पर पैदल चलने लगे थे, जिससे जान का जोखिम बना रहता है। लेकिन जीआरपी की मुस्तैदी ने इस बार एक बड़ी संभावित दुर्घटना को टाल दिया।
तृप्ति भट्ट के निर्देश पर जीआरपी कर्मियों ने रेलवे ट्रैक पर गश्त बढ़ाई और हजारों की संख्या में ऐसे यात्रियों को समझाकर सुरक्षित मार्गों से रवाना किया। यह निर्णय समय रहते लिया गया और कोई भी हादसा नहीं होने दिया गया।
40 से अधिक असामाजिक तत्वों की धरपकड़
भीड़ में अपराधियों की मौजूदगी की संभावना बनी रहती है। ऐसे में जीआरपी की सतर्क निगाहों ने रेलवे स्टेशन परिसर में सक्रिय 40 से अधिक असामाजिक एवं आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। इनसे चोरी, पॉकेटमारी व यात्रियों को गुमराह करने जैसे मामलों में पूछताछ जारी है।
SP GRP तृप्ति भट्ट की अगुवाई बनी आदर्श, हर अधिकारी को दी बधाई
मेले की समाप्ति पर SP GRP तृप्ति भट्ट ने बयान जारी कर कहा—
“बिना किसी दुर्घटना के 20 लाख से अधिक कांवड़ियों को सीमित क्षेत्र से पुलिस बल द्वारा सकुशल गंतव्यों तक भेजना बड़ी उपलब्धि है। हमारी पूरी टीम बधाई की पात्र है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह केवल जीआरपी की नहीं, बल्कि रेलवे विभाग, आरपीएफ, आईआरबी, एटीएस, बीडीएस समेत सभी सहयोगी टीमों की सामूहिक सफलता है। उन्होंने सभी ड्यूटी अधिकारियों, सिपाहियों व सहायक कर्मियों को शुभकामनाएं दीं।
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर भी सराहा
इस बार यात्रियों द्वारा जीआरपी की तारीफ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे एक्स (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खुले दिल से की गई। कुछ यात्रियों ने वीडियो बनाकर बताया कि कैसे उनकी खोई चीजें मिलीं या कैसे उन्होंने बुजुर्गों को ट्रेन तक पहुंचाने में पुलिसकर्मियों को मदद करते देखा।
भविष्य के आयोजनों के लिए मॉडल बनी जीआरपी की व्यवस्था
कांवड़ मेला जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में रेलवे सेक्टर सबसे संवेदनशील माना जाता है। सीमित प्लेटफॉर्म, उच्च ट्रैफिक और भीड़भाड़ के कारण किसी भी समय स्थिति बिगड़ सकती है, लेकिन इस बार एसपी जीआरपी तृप्ति भट्ट के नेतृत्व में जिस तरह टीम ने 24×7 ड्यूटी देकर सभी जोखिमों को प्रबंधित किया, वह अपने आप में उत्तराखंड के लिए एक उदाहरण है।
एक संगठित प्रयास, एक सफल आयोजन
कांवड़ मेला 2025 के सफल आयोजन में जीआरपी हरिद्वार की भूमिका को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। इस वर्ष की ड्यूटी केवल एक सुरक्षा कवच नहीं बल्कि मानवता, समर्पण और उत्कृष्ट मैनेजमेंट का उदाहरण बनकर उभरी है।
इस रिपोर्ट के माध्यम से ‘Daily Live Uttarakhand’ टीम एसपी तृप्ति भट्ट एवं उनकी पूरी टीम को इस अतुलनीय सफलता के लिए शुभकामनाएं देती है। हमें गर्व है कि उत्तराखंड की पुलिस व्यवस्था में ऐसे अधिकारी कार्यरत हैं, जिनका उद्देश्य केवल ड्यूटी करना नहीं, बल्कि सेवा और सरोकार से जोड़ना भी है।