जनसुनवाई में डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन,, सीएम हेल्पलाइन शिकायतों में लापरवाही पर अधिकारियों पर गिरी गाज,, 3 अधिकारियों को नोटिस, 2 कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनसुनवाई में डीएम हरिद्वार मयूर दीक्षित का बड़ा एक्शन,,
सीएम हेल्पलाइन शिकायतों में लापरवाही पर अधिकारियों पर गिरी गाज,,
3 अधिकारियों को नोटिस, 2 कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी
हरिद्वार।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मंगलवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित जनसुनवाई एवं सीएम हेल्पलाइन पोर्टल की समीक्षा बैठक में प्रशासनिक लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में समीक्षा के दौरान पाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों ने 36 दिन से लेकर 90 दिन तक की शिकायतें लंबित रखी हैं, जबकि कुछ पोर्टलों पर 180 दिन से अधिक पुरानी शिकायतें भी दर्ज मिलीं। डीएम ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और तत्काल जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
डीएम ने खंड शिक्षा अधिकारी भगवानपुर, नारसन और अधिशासी अभियंता यूपीसीएल लक्सर को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के दो ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों का वेतन रोकने के आदेश दिए गए। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी विभाग की शिकायत 36 दिन से अधिक लंबित नहीं रहनी चाहिए और यदि किसी समस्या के समाधान में जटिलता हो तो शिकायतकर्ता से सीधे संवाद कर निस्तारण सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन और जनसुनवाई जैसी व्यवस्थाएं जनता को त्वरित राहत देने के लिए हैं, इसलिए अधिकारियों की लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी विभागों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए, अन्यथा कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित
“सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा में लापरवाही सामने आई। इसके क्रम में शोकॉज नोटिस जारी किए गए और कुछ के वेतन रोके गए हैं। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि शिकायतों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित करें, अन्यथा कठोर कार्रवाई होगी।”
इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि जिलाधिकारी जनता की शिकायतों को लेकर कितने गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि शासन की मंशा जनता को बेहतर और पारदर्शी व्यवस्था देने की है, और इसमें कोताही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य है।
- 36 दिन से 180 दिन तक लंबित शिकायतों पर सख्त कार्रवाई
- 3 अधिकारियों को नोटिस, 2 का वेतन रोका
- जिलाधिकारी ने समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए