हरकी पौड़ी पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शाम हुई ऐतिहासिक,, गंगा आरती में शामिल हुए आठ देशों के राजनयिक, मां गंगा की दिव्यता से हुए अभिभूत,, उत्तराखंड सरकार और गंगा सभा ने दी सांस्कृतिक विरासत की अनूठी प्रस्तुति

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरकी पौड़ी पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शाम हुई ऐतिहासिक,,
गंगा आरती में शामिल हुए आठ देशों के राजनयिक, मां गंगा की दिव्यता से हुए अभिभूत,,
उत्तराखंड सरकार और गंगा सभा ने दी सांस्कृतिक विरासत की अनूठी प्रस्तुति
हरिद्वार, 21 जून 2025।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हरिद्वार की ऐतिहासिक हरकी पौड़ी पर एक अलौकिक दृश्य देखने को मिला, जब विश्व के विभिन्न देशों के राजनयिकों ने गंगा तट पर दीप जलाकर मां गंगा की आरती में भाग लिया। योग, संस्कृति और आध्यात्मिक एकता का यह संगम हरकी पौड़ी पर एक स्मरणीय क्षण बन गया।मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस के राजनयिकों व उच्च अधिकारियों की इस भव्य सहभागिता ने हरिद्वार के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को वैश्विक मंच पर और अधिक सुदृढ़ किया।
राजनयिकों ने अनुभव किया आध्यात्मिक सौंदर्य
इस कार्यक्रम में विशेष रूप से उत्तराखंड सरकार की ओर से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष श्री विनय रुहेला, स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारी मौजूद रहे। सभी अतिथियों ने सूर्यास्त के समय आरती की दिव्यता में लीन होकर मां गंगा के चरणों में आस्था के दीप प्रज्वलित किए।
राजनयिकों ने मां गंगा की महिमा, भारतीय संस्कृति और हरिद्वार की धार्मिक परंपराओं को करीब से देखा और अनुभव किया। कई विदेशी प्रतिनिधियों ने इसे “आध्यात्मिक रूप से प्रेरक” बताया।
गंगा सभा ने किया ऐतिहासिक महत्व का परिचय
गंगा सभा के पदाधिकारियों ने विशेष रूप से आए अतिथियों को मां गंगा के धरती पर अवतरण की पौराणिक कथा, सामाजिक और धार्मिक भूमिका, और भारतीय अर्थव्यवस्था में गंगा की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
सभा के पदाधिकारियों ने बताया कि किस प्रकार मां गंगा केवल एक नदी नहीं, बल्कि करोड़ों भारतीयों की जीवनरेखा, आस्था की धारा और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत हैं। गंगा आरती का महत्व, उसकी विधि और इसके पीछे छिपे सांस्कृतिक भाव को भी साझा किया गया।
योग और संस्कृति का वैश्विक समागम
इस अवसर को उत्तराखंड सरकार द्वारा एक रणनीतिक अवसर के रूप में भी देखा गया, जहाँ आयुष, पर्यटन और सांस्कृतिक निवेश को लेकर चर्चा हुई। राजनयिकों के इस धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव को उत्तराखंड की छवि को विश्व स्तर पर सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है।
राजनयिकों ने उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य, धार्मिक स्थलों और योग की भूमि के रूप में इसकी भूमिका की सराहना की। कई प्रतिनिधियों ने भविष्य में राज्य में पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को लेकर रुचि दिखाई।हरकी पौड़ी पर आयोजित यह गंगा आरती न केवल आध्यात्मिक अनुभव का प्रतीक बनी, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को गहराने का भी माध्यम बनी। योग दिवस के अवसर पर संस्कृति, आध्यात्म और सहयोग का यह संगम उत्तराखंड की वैश्विक पहचान को और अधिक मजबूत करता है।