हरिद्वार में स्कूल बसों पर बड़ा शिकंजा,, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सख्ती से पालन शुरू,, एआरटीओ नेहा झा के नेतृत्व में 50 चालान, 5 बसें सीज छात्रों की सुरक्षा को लेकर हरिद्वार परिवहन प्रशासन सख्त
बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा कदम उठाते हुए एआरटीओ (प्रवर्तन) हरिद्वार नेहा झा के नेतृत्व में दो दिवसीय संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रवर्तन टीम ने जगजीतपुर, बहादराबाद, ज्वालापुर और सिडकुल क्षेत्रों में सैकड़ों स्कूल वाहनों की जांच की

इन्तजार रजा हरिद्वार- हरिद्वार में स्कूल बसों पर बड़ा शिकंजा,,
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का सख्ती से पालन शुरू,,
एआरटीओ नेहा झा के नेतृत्व में 50 चालान, 5 बसें सीज
छात्रों की सुरक्षा को लेकर हरिद्वार परिवहन प्रशासन सख्त
हरिद्वार। बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा बड़ा कदम उठाते हुए एआरटीओ (प्रवर्तन) हरिद्वार नेहा झा के नेतृत्व में दो दिवसीय संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान प्रवर्तन टीम ने जगजीतपुर, बहादराबाद, ज्वालापुर और सिडकुल क्षेत्रों में सैकड़ों स्कूल वाहनों की जांच की।
अभियान में आरआई हरिद्वार आनंद वर्धन, चौकी प्रभारी सुधांशु कौशिक, टीएसआई अश्विनी कुमार, आनंद असवाल, नरेश नेगी, टीएआई अनिल कुमार और टीसी सुभाष कुमार, अनिल कुमार, उत्तम कुमार शामिल रहे।
स्कूल बसों के लिए तय मानक – सुप्रीम कोर्ट गाइडलाइन
जांच के दौरान टीम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया, जिनमें शामिल हैं:
- बस पीले रंग की हो और आगे-पीछे “SCHOOL BUS” लिखा हो।
- खिड़कियों पर आयरन रॉड और जाली लगी हो।
- चालक की आयु 25 वर्ष से कम न हो और 5 साल का अनुभव होना जरूरी।
- वाहन के पास वैध परमिट, फिटनेस, बीमा और प्रदूषण प्रमाणपत्र हो।
- बस में स्पीड गवर्नर (अधिकतम 40 किमी/घंटा), जीपीएस और सीसीटीवी हो।
- फर्स्ट एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर और इमरजेंसी एग्जिट होना चाहिए।
- बच्चों की संख्या सीटिंग क्षमता से अधिक न हो।
- छोटे बच्चों की सुरक्षा के लिए महिला अटेंडेंट अनिवार्य हो।
50 चालान, 5 वाहन सीज – सख्ती से मिला संदेश
अभियान के दौरान 50 स्कूल बसों का चालान किया गया और गंभीर नियम उल्लंघन पर 5 बसों को सीज कर दिया गया। कई वाहनों में जीपीएस और सीसीटीवी नहीं थे, जबकि कुछ में फिटनेस सर्टिफिकेट और बीमा दस्तावेज़ पूरे नहीं पाए गए।
एआरटीओ प्रवर्तन नेहा झा ने साफ चेतावनी दी –
“बच्चों की सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन न करने पर कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।”
अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन को चेतावनी
अभियान के बाद प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों से अपील की कि वे भी सुरक्षा मानकों को लेकर जागरूक रहें। अभिभावक अपने बच्चों की स्कूल बसों की समय-समय पर जांच करें, वहीं स्कूल प्रबंधन सुनिश्चित करें कि हर वाहन निर्धारित गाइडलाइन पर खरा उतरे।