देहरादून में लैब अटेंडेंट परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा, फर्जी अभ्यर्थी समेत 20 गिरफ्तार, नवोदय विद्यालय की परीक्षा में सॉल्वर गैंग सक्रिय, CBSE के नाम पर हो रही थी भर्ती, दो स्कूलों से पकड़े गए आरोपी, 21 पर मुकदमा दर्ज

इन्तजार रजा हरिद्वार- देहरादून में लैब अटेंडेंट परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा,
फर्जी अभ्यर्थी समेत 20 गिरफ्तार, नवोदय विद्यालय की परीक्षा में सॉल्वर गैंग सक्रिय,
CBSE के नाम पर हो रही थी भर्ती, दो स्कूलों से पकड़े गए आरोपी, 21 पर मुकदमा दर्ज
देहरादून, ब्यूरो।
राजधानी देहरादून में आयोजित नवोदय विद्यालय समिति की लैब अटेंडेंट भर्ती परीक्षा में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। देहरादून पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में परीक्षा में शामिल एक फर्जी अभ्यर्थी समेत कुल 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपी दो अलग-अलग परीक्षा केंद्रों से गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से एक देहरादून का प्रसिद्ध सोशल बलूनी स्कूल और दूसरा दून इंटरनेशनल स्कूल शामिल है।
CBSE के माध्यम से हो रही थी परीक्षा
यह परीक्षा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के माध्यम से नवोदय विद्यालय समिति द्वारा आयोजित की जा रही थी। परीक्षा का उद्देश्य लैब अटेंडेंट पदों पर भर्ती करना था। इसी दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कुछ परीक्षा केंद्रों पर फर्जी अभ्यर्थी परीक्षा दे रहे हैं। सूचना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने मौके पर दबिश दी और 20 आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ लिया।
फर्जी दस्तावेज, ई-आधार और मोबाइल बरामद
पुलिस को जांच के दौरान आरोपियों के पास से फर्जी पहचान पत्र, ई-आधार कार्ड, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुए हैं। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह एक सॉल्वर गैंग है, जो पैसे लेकर असली अभ्यर्थियों की जगह परीक्षा देने के लिए फर्जी कैंडिडेट्स भेजता है।
21 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
इस मामले में कुल 21 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में परीक्षा देने वाले फर्जी कैंडिडेट्स के अलावा, उन्हें भेजने वाले बिचौलिए और सॉल्वर गिरोह के सदस्य शामिल हैं। पुलिस मामले की तह तक पहुंचने के लिए पूछताछ कर रही है और अन्य संभावित लिंक खंगाले जा रहे हैं।
परीक्षा की निष्पक्षता पर फिर सवाल
इस खुलासे के बाद नवोदय विद्यालय समिति की परीक्षा की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह मामला न केवल भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि इससे यह भी साफ होता है कि परीक्षा माफिया अब स्कूलों तक घुसपैठ कर चुके हैं।
एसटीएफ कर रही है विस्तृत जांच
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने इस मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधीक्षक (STF) नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों के मोबाइल डेटा और सोशल मीडिया अकाउंट खंगाले जा रहे हैं ताकि पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके।
शिक्षा विभाग और CBSE की भूमिका पर भी नजर
इस मामले के बाद अब शिक्षा विभाग और CBSE की जिम्मेदारी भी तय करने की मांग उठने लगी है। सवाल यह है कि आखिर इतनी बड़ी संख्या में फर्जी अभ्यर्थी कैसे परीक्षा केंद्रों में दाखिल हो गए और उनकी पहचान क्यों नहीं हो पाई?
फिलहाल सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है ताकि गैंग से जुड़े और भी नाम सामने लाए जा सकें।
यह मामला एक बार फिर उत्तराखंड की भर्ती परीक्षाओं में हो रहे फर्जीवाड़े की गंभीरता को उजागर करता है, जिस पर अब सख्त कार्रवाई की मांग उठने लगी है।