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आतंकियों के खिलाफ हरिद्वार की सड़कों पर गूंजा जनाक्रोश शिवालिक नगर में कैंडल मार्च निकालकर पहलगाम हमले का किया विरोध स्थानीय नेताओं और सैकड़ों नागरिकों ने केंद्र सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग

इन्तजार रजा हरिद्वार- आतंकियों के खिलाफ हरिद्वार की सड़कों पर गूंजा जनाक्रोश

शिवालिक नगर में कैंडल मार्च निकालकर पहलगाम हमले का किया विरोध

स्थानीय नेताओं और सैकड़ों नागरिकों ने केंद्र सरकार से की सख्त कार्रवाई की मांग

हरिद्वार, शिवालिक नगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 28 हिंदू पर्यटकों की नृशंस हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस वीभत्स घटना के विरोध में उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के शिवालिक नगर क्षेत्र में स्थानीय नागरिकों, समाजसेवियों और कांग्रेस नेताओं ने एकजुट होकर विरोध प्रदर्शन किया। हाथों में मोमबत्तियाँ और बैनर लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर उतरे और आतंकवाद के खिलाफ ज़ोरदार नारेबाज़ी की।

इस विरोध रैली का नेतृत्व श्रमिक नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ कार्यकर्ता राजबीर चौहान, महेश प्रताप राणा, समाजसेवक रविराज चौहान, युवा नेता जयवीर त्यागी, सामाजिक कार्यकर्ता दुर्गेश शर्मा और विपिन चौहान ने किया। रैली शिवालिक नगर के मुख्य चौराहे से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई नगर कार्यालय तक पहुंची, जहां लोगों ने शोक व्यक्त करते हुए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम उठाने की अपील की।

“आतंकियों को मिले सजा—पाकिस्तान को सिखाया जाए सबक”: राजबीर चौहान

विरोध प्रदर्शन के दौरान राजबीर चौहान ने कहा कि पाकिस्तान लगातार अपनी नापाक हरकतों से भारत की शांति और अखंडता को चुनौती दे रहा है। उन्होंने कहा, “पहलगाम की घटना मानवता पर हमला है। निहत्थे और निर्दोष पर्यटकों की हत्या सिर्फ आतंकवाद नहीं, बल्कि जघन्य नरसंहार है। पाकिस्तान को इसके लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरा जाना चाहिए और भारत सरकार को आतंकियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करनी चाहिए।”

राजबीर चौहान ने आगे कहा कि जब तक आतंक को पनाह देने वाले मुल्कों को वैश्विक स्तर पर अलग-थलग नहीं किया जाएगा, तब तक इस तरह की घटनाएं रुकेंगी नहीं। उन्होंने प्रदर्शन में शामिल युवाओं को संबोधित करते हुए देशहित में एकजुट रहने का आह्वान किया।

“केंद्र सरकार उठाए निर्णायक कदम”: रविराज चौहान व जयवीर त्यागी

समाजसेवक रविराज चौहान और जयवीर त्यागी ने कहा कि भारत सरकार को अब आतंक के खिलाफ सख्त और स्पष्ट नीति अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारे सैनिक सरहदों पर जान दे रहे हैं, और आतंकी हमारे घरों के भीतर हमला कर रहे हैं। अब वक्त आ गया है कि आतंक को जड़ से उखाड़ फेंका जाए। केंद्र सरकार को चाहिए कि वह पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश दे और आतंक का समर्थन करने वालों को करारा जवाब दे।”

दोनों नेताओं ने कहा कि भारत को आतंक के विरुद्ध न केवल सैन्य मोर्चे पर, बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक स्तर पर भी सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने पहलगाम हमले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की और कहा कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

“देश अब खामोश नहीं बैठेगा”: महेश प्रताप राणा

कांग्रेस नेता महेश प्रताप राणा ने विरोध सभा को संबोधित करते हुए कहा, “यह हमला केवल जम्मू-कश्मीर पर नहीं, बल्कि पूरे भारत पर है। देश अब ऐसे हमलों को सहन नहीं करेगा। यह समय कठोर निर्णय लेने का है। सरकार को चाहिए कि वह न केवल हमले की सच्चाई उजागर करे, बल्कि इस पर कड़ा एक्शन ले ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हो।”

महेश राणा ने कहा कि यह समय राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता की बात करने का है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे अपने स्तर पर भी आतंक के खिलाफ जागरूकता फैलाएं।

स्थानीय लोगों की भारी भागीदारी

इस विरोध प्रदर्शन में शिवालिक नगर ही नहीं, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों के नागरिक भी बड़ी संख्या में शामिल हुए। कुछ प्रमुख नामों में दीपक नगर, नीरज गुप्ता, मोहन राणा, बलराज चौधरी, बिपिन झा, पुष्पेंद्र सिंह, सतवीर सिंह, शुगर सिंह यादव, संजीव कुमार, सतीश चौहान, नितिन कुमार, एडवोकेट आशुतोष, शिवम् सिंह, पंकज शर्मा, सतपाल सिंह, अमरदीप चौधरी, कपिल चौहान, कपिल कुमार, प्रवीण पांडेय, सत्यम जसवाल और सोनू चौहान प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

इन सभी ने सरकार से अपील की कि वह सेना और खुफिया एजेंसियों को पूर्ण स्वतंत्रता दे ताकि आतंक के इस जाल को समूल नष्ट किया जा सके। साथ ही उन्होंने शहीद पर्यटकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और सरकार से पीड़ितों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी की।

नारे और शांति का अद्भुत समन्वय

प्रदर्शन के दौरान ‘आतंकवाद मुर्दाबाद’, ‘पाकिस्तान होश में आओ’, ‘शहीदों अमर रहो’ जैसे नारों से शिवालिक नगर की गलियां गूंज उठीं। मोमबत्तियों की रोशनी में लोगों ने शांति और एकता का संदेश दिया, वहीं भावनाओं का ज्वार भी साफ नजर आया। युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों की भागीदारी ने यह स्पष्ट कर दिया कि देश अब आतंक के खिलाफ एकजुट है।

यह विरोध प्रदर्शन सिर्फ एक घटना के खिलाफ नहीं था, बल्कि भारत की आत्मा पर हुए हमले के खिलाफ जनमानस का जवाब था। हरिद्वार जैसे शांतिपूर्ण शहर में भी जब नागरिक आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की मुखरता दिखाएं, तो यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अब देश आतंकवाद को सहन नहीं करेगा। भारत सरकार से अपेक्षा है कि वह इस जनभावना का सम्मान करते हुए ऐसे आतंकी हमलों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कदम उठाए।

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