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जनपद में स्थानीय उत्पादों को मिलेगा नया बाजार,, निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हरिद्वार में बनी कार्ययोजना,, सीडीओ आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति की अहम बैठक

इन्तजार रजा हरिद्वार- जनपद में स्थानीय उत्पादों को मिलेगा नया बाजार,,
निर्यात को बढ़ावा देने के लिए हरिद्वार में बनी कार्ययोजना,,
सीडीओ आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति की अहम बैठक

हरिद्वार, 6 अगस्त 2025:
हरिद्वार जनपद के उत्पादों और प्रोडक्ट्स को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहचान दिलाने के उद्देश्य से जिला निर्यात प्रोत्साहन समिति की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन जिला कार्यालय सभागार में किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोण्डे ने की। बैठक में जनपद की औद्योगिक इकाइयों, कृषि, बागवानी, डेयरी और अन्य क्षेत्रों में हो रहे उत्पादन को निर्यात के अनुकूल बनाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई।

निर्यात को लेकर बनाई गई व्यापक कार्ययोजना

बैठक के दौरान निर्यात से जुड़ी एक कार्ययोजना प्रस्तुत की गई, जिसमें जिले में पहले से चल रही औद्योगिक गतिविधियों, फार्मों और संस्थानों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की जानकारी प्रस्तुत की गई। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने संबंधित विभागों को निर्देश देते हुए कहा कि जनपद में उत्पादित सभी वस्तुओं का समुचित और सटीक डाटा एकत्रित किया जाए। इससे न केवल संभावित निर्यात वस्तुओं की पहचान होगी, बल्कि उन्हें सही तरीके से बाजार उपलब्ध कराने की दिशा में भी सार्थक पहल की जा सकेगी।

सीडीओ ने कहा कि हरिद्वार जैसे धार्मिक और औद्योगिक दृष्टिकोण से समृद्ध जिले में कृषि, बागवानी, आयुष, फूड प्रोसेसिंग और क्राफ्ट उत्पादों के क्षेत्र में निर्यात की असीम संभावनाएं मौजूद हैं। इन्हें संगठित करने, ब्रांडिंग करने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने की आवश्यकता है।

एक माह में मांगा विस्तृत डाटा, प्रशिक्षण पर भी जोर

बैठक में सीडीओ ने उद्यान, कृषि, डेयरी विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि वे एक माह के भीतर अपने-अपने विभागों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का विस्तृत डाटा प्रस्तुत करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय स्तर पर उत्पादन कर रहे लोगों को प्रशिक्षित करने के लिए अनुभवी ट्रेनरों की नियुक्ति की जाए और उन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाए। इससे उत्पादों की गुणवत्ता सुधरेगी और निर्यात योग्य वस्तुओं की श्रेणी में इनका समावेश सुनिश्चित किया जा सकेगा।

FEIO की भूमिका पर दी गई प्रस्तुति

इस अवसर पर उपनिदेशक एफआईओ (FEIO) मनीष झा द्वारा संस्था की भूमिका और निर्यात को लेकर की जा रही अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों पर पीपीटी के माध्यम से एक प्रस्तुति दी गई। उन्होंने बताया कि एफआईओ 45 देशों में सक्रिय है और अब तक 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेलों, वर्चुअल बैठकों और आयोजनों का संचालन कर चुका है। इसके अलावा एक डिजिटल मंच विकसित किया गया है जो भारतीय उत्पादकों और अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को जोड़ने का कार्य करता है।

जिला उद्योग महाप्रबंधक का स्लाइड शो

महाप्रबंधक जिला उद्योग उत्तम कुमार तिवारी ने जिले में निर्यात को बढ़ावा देने हेतु बनाई गई कार्ययोजना का स्लाइड शो प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जिले में कई ऐसे उत्पाद हैं जो वैश्विक मानकों पर खरे उतरते हैं और यदि इन्हें नीति व सहयोग के तहत बढ़ावा दिया जाए तो हरिद्वार निर्यात का एक बड़ा केंद्र बन सकता है।

प्रमुख अधिकारी और उद्यमी भी रहे मौजूद

बैठक में मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल सिंह भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, एलडीएम दिनेश कुमार गुप्ता, परियोजना अधिकारी ग्राम उत्थान (रिप) संजय सक्सेना, लघु औद्योगिक इकाई के प्रेसिडेंट हिमेश कपूर, चेतन भारद्वाज, हरेंद्र कुमार गर्ग, विदुषी सैनी सहित विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। इन सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्रों से जुड़े सुझाव और चिंताएं साझा कीं, जिन्हें कार्ययोजना में समाहित करने का आश्वासन अधिकारियों द्वारा दिया गया।

हरिद्वार को बनेगा निर्यात का मॉडल जिला

बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि अगर स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं की गुणवत्ता सुधार दी जाए, ब्रांडिंग और पैकेजिंग को दुरुस्त किया जाए और निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाया जाए तो हरिद्वार राज्य का एक प्रमुख निर्यात केंद्र बन सकता है। इसके लिए नीति निर्धारण के साथ-साथ प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और वित्तीय सहयोग भी आवश्यक होगा।

मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा, “जनपद में बहुआयामी संभावनाएं हैं। यदि हम इनका समन्वित रूप से उपयोग करें तो न केवल जिले की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि हजारों लोगों को रोजगार भी मिलेगा। हमारी कोशिश है कि हर छोटे-बड़े उद्यमी को निर्यात की मुख्यधारा से जोड़ा जाए।”

इस बैठक को जनपद के निर्यात भविष्य की एक मजबूत नींव माना जा रहा है। इससे जुड़े प्रस्तावों और योजनाओं को शीघ्र ही अंतिम रूप देकर क्रियान्वयन की दिशा में कदम बढ़ाया जाएगा। बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों ने सहयोग और तत्परता का आश्वासन दिया।

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