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भ्रष्टाचार के आरोप में डीजीएम(वित्त) निलंबित,, विजिलेंस की जांच में उजागर हुई अनियमितताएं,, सीएम की मंजूरी के बाद हुई बड़ी कार्रवाई

इन्तजार रजा हरिद्वार- भ्रष्टाचार के आरोप में डीजीएम(वित्त) निलंबित,,
विजिलेंस की जांच में उजागर हुई अनियमितताएं,,
सीएम की मंजूरी के बाद हुई बड़ी कार्रवाई

देहरादून, 10 अगस्त 2025।
उत्तराखंड परिवहन निगम के उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। निगम प्रबंधन ने यह कार्रवाई सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून में दर्ज मुकदमा संख्या 9/2025 के आधार पर की है, जिसमें उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) की धारा 7, 13(1)(बी) और 13(2) के तहत मामला दर्ज है।

सेवा नियमों के तहत निलंबन, भत्तों पर शर्तें
परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी द्वारा 8 अगस्त को जारी आदेश में बताया गया कि निलंबन उत्तराखंड परिवहन निगम अधिकारी सेवा (सामान्य) विनियमावली, 2009 के भाग-पांच के विनियम 77 के तहत किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता, अर्द्ध वेतन के बराबर अवकाश वेतन तथा पात्रता के आधार पर महंगाई व अन्य प्रतिकर भत्ते मिलेंगे, बशर्ते वे लिखित में प्रमाणित करें कि इस दौरान किसी अन्य सेवा, व्यापार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं।

रिश्वत मांगने और अवैध संपत्ति का आरोप
विजिलेंस की जांच में खुलासा हुआ कि भूपेंद्र कुमार अनुबंधित बस ऑपरेटरों और ढाबा संचालकों से भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग करते थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद ही उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति व भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया। यह प्रकरण बीते दो वर्षों से चर्चा में था और 17 जुलाई 2025 को उनके खिलाफ आधिकारिक तौर पर मुकदमा दर्ज हुआ।

अदालत से नहीं मिली अग्रिम जमानत
गिरफ्तारी से बचने के लिए भूपेंद्र कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली। अदालत ने निर्देश दिया कि वे जांच में सहयोग करें और बिना अनुमति देश से बाहर न जाएं। विजिलेंस के मुताबिक, भूपेंद्र और उनके परिवार के खातों में 59 लाख 82 हजार 300 रुपये की अवैध जमाएं पाई गई हैं।

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