कोंविड के दौरान उत्तराखंड की जेलों से पैरोल पर रिहा किए गए 500 से ज्यादा कैदी फरार
पैरोल खत्म होने के बाद करीब 300 कैदियों ने तो खुद को किया सरेंडर,लेकिन 500 से ज्यादा कैदी आज भी पैरोल खत्म होने के बाद वापस नहीं लौटे जेल,पुलिस की तलाश जारी,ऐसे में सवाल यही है कि आखिर फरार हुए कैदियों को कैसे पकड़कर वापस जेल में लाया जाए
इन्तजार रजा हरिद्वार-उत्तराखंड की जेलों से फरार हैं 500 से ज्यादा कैदीउ,त्तराखंड में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है जहां कोविड काल के दौरान पैरोल पर रिहा किए गए 550 से ज्यादा कैदी पैरोल पूरी होने के बाद भी फरार बताए जा रहे हैं जिनको पकड़ने के लिए उत्तराखंड पुलिस के कोशिश कर रही है लेकिन अभी तक इन कैदियों की कोई भी खबर नहीं है देखिए इस रिर्पोट में
कोविड के दौरान उत्तराखंड की जेलों में बंद क्षमता से ज्यादा कैदियों को रिहा करने का फैसला सरकार और पुलिस के लिए सर दर्द बना हुआ है, दरअसल कोरोना काल के दौरान साल 2020-21 में उत्तराखंड की जेलों में बंद करीब 800 से ज्यादा कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया था, वही पैरोल खत्म होने के बाद करीब 300 कैदियों ने तो खुद को सरेंडर कर दिया लेकिन 500 से ज्यादा कैदी आज भी पैरोल खत्म होने के बाद वापस जेल में नहीं लौटे हैं जिनमें कई कैदी ऐसे हैं जो गंभीर अपराध की सजा जेलों में काट रहे थे, इन सभी फरार कैदियों की तलाश में पुलिस जगह-जगह दबिश दे रही है जबकि प्रदेश के सभी 13 जिलों के एसएसपी और एसपी को इन फरार कैदियों की धर पकड़ के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं और अपराधियों पर इनाम की घोषणा की भी तैयारी की जा रही है, उत्तराखंड पुलिस के प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि जो कैदी फरार है उनमें से 81 कैदी ऐसे हैं जिनको कोर्ट से बेल मिली थी जबकि कुछ कैदी ऐसे हैं जिनके केस ट्रायल में थे और उन्हें अंतरिम बेल मिली थी, उन्होंने कहा कि फरार कैदियों को पकड़ने के जेल और जिलों की पुलिस प्रयास कर रही है और जल्दी ही फरार कैदियों पकड़कर जेलों में डाला जाएगा।
उत्तराखंड की जेलों से पैरोल पर छूटे जो कैदी आज तक वापस जेलों में नहीं लौटे हैं उन्हें तलाशने की कोशिश पिछले कई महीनो से हो रही है लेकिन आज तक पुलिस के हाथ फरार हुए कैदियों तक नहीं पहुंच पाए हैं और जैसे-जैसे समय बित रहा है पुलिस के लिए अपराधियों को ट्रेस करना उतना ही मुश्किल है ऐसे में सवाल यही है कि फरार हुए कैदियों को कैसे पकड़कर वापस जेल में लाया जाए।