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सेवा, समर्पण और श्रद्धा की त्रिवेणी,, कांवड़ मेला 2025 में बालेंद्र चौधरी, दीपक बेनीवाल और राजवीर चौहान के नेतृत्व में सिडकुल कंपनियों द्वारा विशाल भंडारा,, श्रमिक सेवा संघ की पहल ने हरिद्वार में फिर रचा सेवा का नया अध्याय, हजारों शिवभक्तों ने पाया लाभ

इन्तजार रजा हरिद्वार- सेवा, समर्पण और श्रद्धा की त्रिवेणी,,
कांवड़ मेला 2025 में बालेंद्र चौधरी, दीपक बेनीवाल और राजवीर चौहान के नेतृत्व में सिडकुल कंपनियों द्वारा विशाल भंडारा,,
श्रमिक सेवा संघ की पहल ने हरिद्वार में फिर रचा सेवा का नया अध्याय, हजारों शिवभक्तों ने पाया लाभ

हरिद्वार, 20 जुलाई। कांवड़ मेला 2025 के पावन अवसर पर हरिद्वार के बहादराबाद हाईवे पर एक बार फिर सेवा, समर्पण और सहयोग की अनूठी मिसाल कायम की गई। सिडकुल स्थित नामचीन फार्मा कंपनियों और श्रमिक सेवा संघ के संयुक्त प्रयास से एक भव्य भंडारे का आयोजन किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए न केवल भोजन और विश्राम का केंद्र बना, बल्कि धार्मिक भावनाओं और मानवीय मूल्यों का जीवंत उदाहरण भी प्रस्तुत कर गया।

इस भंडारे की कमान संभाली सायनोकेम फार्मा के प्रोडक्शन वाइस प्रेसिडेंट श्री बालेंद्र चौधरी, क्वालिटी हेड श्री दीपक बेनीवाल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता व इंटेक महासचिव श्री राजवीर सिंह चौहान ने। इन तीनों व्यक्तित्वों के नेतृत्व और सेवा भावना ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।

श्रद्धालुओं को मिली मनभावन सेवा

भंडारे में दूर-दराज़ से आए हजारों शिवभक्तों के लिए कड़ी-चावल, हलवा, केले, चाय और शीतल जल की व्यवस्था की गई थी। वहीं यात्रियों के लिए विश्राम स्थल और प्राथमिक चिकित्सा सहायता भी उपलब्ध कराई गई, जिससे कोई भी कांवड़िया थका हुआ या असहज महसूस न करे

सेवा स्थल पर लगे टेंट, कुर्सियों और साफ-सफाई की व्यवस्थाओं को देखकर श्रद्धालु न केवल संतुष्ट नजर आए, बल्कि सेवा संघ और सिडकुल की टीम को धन्यवाद भी दिया। कई श्रद्धालुओं ने कहा, “इतने अच्छे इंतजाम हर जगह नहीं मिलते। यहां सेवा भाव है, दिखावा नहीं।”

श्रमिक सेवा संघ की पांच वर्षों से अनवरत सेवा परंपरा

इस आयोजन की बुनियाद रखने वाले श्रमिक सेवा संघ की यह सेवा परंपरा पिछले पांच वर्षों से निरंतर जारी है। इस वर्ष इसने और भी व्यापक रूप धारण किया, जब सिडकुल की कई बड़ी फार्मा कंपनियों ने इसमें सहभागी बनकर धार्मिक आयोजनों में कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) का आदर्श प्रस्तुत किया।

इस आयोजन में मैस्कॉट फार्मा के जीएम श्री जयबीर त्यागी, रविराज चौहान, पुष्पेंद्र सिंह, दुर्गेश शर्मा, नीरज सिंह, कपिल चौहान, नीरज गुप्ता, देवेंद्र राणा, अजय चौधरी, बलराज चौधरी, रजत धीमान, शिशिर उपाध्याय, परवीन पांडे, सत्य प्रकाश दुबे, विपिन चौहान और सतीश चौहान जैसे सामाजिक कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

इन सभी ने न केवल दिन-रात मेहनत करके व्यवस्थाएं संभालीं, बल्कि खुद श्रद्धालुओं को भोजन परोसा, पानी बांटा और उनकी आवश्यकताओं का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखा।

कॉर्पोरेट-समाज की साझेदारी का आदर्श उदाहरण

इस आयोजन ने एक नई सोच को जन्म दिया है — धार्मिक आयोजनों में निजी संस्थानों की सहभागिता केवल चंदे तक सीमित न रहे, बल्कि वे सेवा के सक्रिय भागीदार बनें। इस सोच को साकार किया सायनोकेम फार्मा और मैस्कॉट फार्मा जैसी कंपनियों ने, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को सेवा कार्य में शामिल होने की प्रेरणा दी।

श्री बालेंद्र चौधरी ने कहा, “कांवड़ मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं, यह मानवता की परीक्षा भी है। जब लाखों लोग एक साथ सड़क पर होते हैं, तब हर हाथ मदद के लिए आगे आना चाहिए।” 

वहीं श्री दीपक बेनीवाल ने इसे टीम भावना और समाज सेवा के मेल की संज्ञा दी। श्री राजवीर सिंह चौहान ने कहा, “धार्मिक आयोजनों के साथ सेवा भाव जुड़ जाए तो समाज में सद्भाव और एकता की भावना और मजबूत होती है।”

समाजसेवा की भावना का जागरण

यह आयोजन महज भोजन वितरण नहीं था, बल्कि एक सामाजिक आंदोलन का स्वरूप ले चुका है। सेवा में भाग ले रहे स्वयंसेवकों की आंखों में चमक थी, उनके हाथों में ऊर्जा थी और उनके शब्दों में अपनत्व झलक रहा था।

कांवड़ यात्रा में आए श्रद्धालुओं ने भी इस पहल की मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थल पर जब स्थानीय उद्योग और कर्मचारी कंधे से कंधा मिलाकर सेवा में जुटते हैं, तो अनुभव अविस्मरणीय हो जाता है।

सेवा भाव से ही बनता है धर्म प्रभावशाली

हरिद्वार कांवड़ मेला 2025 में बालेंद्र चौधरी, दीपक बेनीवाल और राजवीर चौहान जैसे व्यक्तित्वों के नेतृत्व में जो सेवा की मिसाल प्रस्तुत हुई, वह आने वाले वर्षों के लिए एक प्रेरणा है। धार्मिक आयोजनों को केवल उत्सव नहीं, समाज और मानवता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का अवसर समझना चाहिए।

सिडकुल की कंपनियों, श्रमिक सेवा संघ और सामाजिक कार्यकर्ताओं का यह समर्पण भविष्य में उत्तराखंड की सेवा परंपरा को नई ऊंचाई देगा। कांवड़ यात्रा केवल जल लाने की प्रक्रिया नहीं, समाज को जोड़ने और सेवा से जोड़ने का माध्यम भी है — और यही सच्चा धर्म है।


रिपोर्ट: Intzar Raza Journalist
 Daily Live Uttarakhand

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