हरिद्वार में सुबह ही अवैध मजार पर चला प्रशासन का बुलडोजर, एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह और तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका रानी की अगुवाई में की गई कार्रवाई, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल किया गया तैनात

इन्तजार रजा हरिद्वार-हरिद्वार में सुबह ही अवैध मजार पर चला प्रशासन का बुलडोजर, एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह और तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका रानी की अगुवाई में की गई कार्रवाई, सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस बल किया गया तैनात
हरिद्वार में अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई तेज हो गई है। आज रविवार, 6 अप्रैल 2025 को हरिद्वार के सराय क्षेत्र स्थित हरि लोग कॉलोनी में एक अवैध मजार को प्रशासन द्वारा बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। यह कार्रवाई जिला प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री के निर्देश पर की जा रही है, जिसके तहत अवैध धार्मिक संरचनाओं को हटाने का अभियान जारी है। एसडीएम अजवीर सिंह के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई, जिसमें भारी पुलिस बल भी मौजूद था। प्रशासन के इस कदम को लेकर क्षेत्र में चर्चा का माहौल है, क्योंकि यह पहली बार नहीं है जब अवैध धार्मिक संरचनाओं को तोड़ा जा रहा हो।
हरिद्वार, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है, यहां पर धार्मिक गतिविधियों और संरचनाओं का महत्व अत्यधिक है। लेकिन कुछ समय से अवैध रूप से बनाई गई धार्मिक संरचनाओं को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा था। इन अवैध संरचनाओं में मजारें, मंदिर, और अन्य धार्मिक स्थल शामिल हैं, जो न केवल स्थानीय कानूनों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि नगर निगम के नियमानुसार भी अवैध माने जाते हैं। इन अवैध धार्मिक संरचनाओं की वजह से स्थानीय प्रशासन और सरकार पर दबाव था कि इन पर कार्रवाई की जाए।हरिद्वार के एसडीएम अजवीर सिंह ने बताया कि इस मजार को तोड़ने से पहले संबंधित लोगों को नोटिस भेजा गया था। नोटिस का जवाब न मिलने पर जिलाधिकारी की ओर से मजार को हटाने का आदेश जारी किया गया था। प्रशासन ने पहले सभी कानूनी प्रक्रिया को पूरा किया और फिर यह कदम उठाया। एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरे उत्तराखंड में अवैध धार्मिक संरचनाओं के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है।
प्रशासन का कहना है कि इन अवैध धार्मिक संरचनाओं से शहर की व्यवस्था और विकास प्रभावित हो रहे थे। इन संरचनाओं के निर्माण में कोई अनुमति नहीं ली जाती, जिससे न केवल धार्मिक संप्रदायों में मतभेद उत्पन्न होते हैं, बल्कि स्थानीय समुदाय की समस्याओं का भी समाधान नहीं होता। एसडीएम अजवीर सिंह ने कहा कि इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि प्रशासन किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा और सभी को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
इस कार्रवाई के बाद कई स्थानीय लोग प्रशासन के कदम का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इस पर विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचती है। हालांकि प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी कार्रवाई केवल अवैध निर्माणों तक सीमित है, और इसे धार्मिक स्थल के रूप में कोई पहचान नहीं दी जा सकती है
