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राज्य में उद्योगों को मिलेगी नई रफ्तार,, हर निवेशक को मिलेगा ‘निवेश मित्र’, सिंगल विंडो सिस्टम होगा और सरल,, पर्वतीय जिलों में होमस्टे, एग्रो-बेस्ड और हैंडलूम उद्योगों को प्राथमिकता

इन्तजार रजा हरिद्वार- राज्य में उद्योगों को मिलेगी नई रफ्तार,,
हर निवेशक को मिलेगा ‘निवेश मित्र’, सिंगल विंडो सिस्टम होगा और सरल,,
पर्वतीय जिलों में होमस्टे, एग्रो-बेस्ड और हैंडलूम उद्योगों को प्राथमिकता

देहरादून, 22 जुलाई।
उत्तराखंड सरकार निवेश और औद्योगिक विकास को लेकर पूरी तरह सक्रिय हो गई है। सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उद्योग विभाग की गेमचेंजर योजनाओं की गहन समीक्षा की गई। बैठक में राज्य में औद्योगिक माहौल को सुदृढ़ करने, इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त निवेश प्रस्तावों की ग्राउंडिंग को तेज़ करने और राज्य के युवाओं को रोजगार व स्वरोजगार के अधिक अवसर देने के लिए कई अहम निर्देश दिए गए।

बैठक की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि निवेशकों को हर जरूरी सुविधा एक ही छत के नीचे उपलब्ध होनी चाहिए। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम को और अधिक प्रभावी एवं पारदर्शी बनाने की आवश्यकता जताई गई। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि राज्य में निवेश कर रहे शीर्ष 50 निवेशकों से निजी स्तर पर नियमित संपर्क स्थापित किया जाएगा। प्रत्येक निवेशक के लिए एक “निवेश मित्र” (Investment Mitra) की नियुक्ति की जाएगी, जो उनके प्रोजेक्ट्स की समन्वय और सहायता में सहयोग करेगा।

निवेशकों के लिए समर्पित संपर्क प्रणाली

‘निवेश मित्र’ व्यवस्था के तहत हर बड़े निवेशक को एक व्यक्तिगत अधिकारी उपलब्ध कराया जाएगा जो निवेश से संबंधित अनुमतियों, संसाधनों, ज़मीन, बिजली, पानी और अन्य सेवाओं में निवेशक की मदद करेगा। इससे सरकारी व्यवस्था की पारदर्शिता बढ़ेगी और निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा। अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान दिए गए आश्वासनों को जमीनी स्तर पर लागू करना अनिवार्य है।

ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर सख्त निर्देश

बैठक में ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के सभी मापदंडों पर राज्य की स्थिति की समीक्षा की गई। अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि उद्यम पंजीकरण से लेकर भूमि आवंटन तक की पूरी प्रक्रिया को डिजिटल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाया जाए। इसके तहत ऑनलाइन अप्रूवल सिस्टम, स्वचालित ट्रैकिंग मैकेनिज्म और रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम को और सुदृढ़ किया जाएगा।

साथ ही, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अधिक से अधिक युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने की योजना बनाई गई है। वर्तमान में इस योजना के तहत कई उद्यमी सफलतापूर्वक अपना व्यवसाय चला रहे हैं और अब इस योजना को और अधिक विस्तार देने की रणनीति बनाई गई है।

राज्यीय उत्पादों को मिलेगा वैश्विक बाजार

बैठक में एक्सपोर्ट पॉलिसी के अंतर्गत राज्य के विशिष्ट उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने की दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित हर्बल उत्पाद, अंगीकृत जैविक कृषि उत्पाद, हैंडलूम, हस्तशिल्प, और हॉमस्टे सेवाएं विश्वभर में पहचान बना सकते हैं। अधिकारियों से कहा गया कि ऐसे उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केट एक्सेस को बेहतर बनाने की दिशा में शीघ्र काम शुरू किया जाए।

पर्वतीय जिलों पर विशेष फोकस

समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया गया कि राज्य के पर्वतीय जनपदों की विशिष्ट भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं को ध्यान में रखते हुए हैंडलूम, होमस्टे, एग्रो-बेस्ड लघु उद्योगों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए एक ज़िला-स्तरीय कार्य योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए। यह भी तय किया गया कि संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर पर्वतीय क्षेत्र में उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार किया जाए।

युवाओं के लिए स्टार्टअप और इनक्यूबेशन सेंटर

बैठक में स्टार्टअप पॉलिसी को उद्योग विभाग के साथ मिलकर लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत युवाओं के लिए यूथ इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन सेंटरों के माध्यम से नवाचार करने वाले युवाओं को मेंटरशिप, प्रशिक्षण, फंडिंग, मार्केटिंग और नेटवर्किंग की सुविधाएं एक ही स्थान पर दी जाएंगी। यह पहल युवाओं को नौकरियां मांगने वाले से नौकरियां देने वाला बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।

निगरानी तंत्र होगा और मजबूत

बैठक के अंत में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे इन सभी योजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। हर निवेश प्रस्ताव की प्रगति की रिपोर्ट नियत अंतराल पर उच्चाधिकारियों को भेजी जाए। साथ ही जिलों में तैनात औद्योगिक विकास अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया कि वे स्थानीय स्तर पर निवेश परियोजनाओं की टाइमलाइन आधारित समीक्षा करें और किसी भी प्रकार की देरी पर तत्काल समाधान सुझाएं।


, सचिवालय में हुई इस व्यापक समीक्षा बैठक से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार निवेश, स्वरोजगार और युवाओं के उद्यम विकास को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यदि निर्धारित योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू होती हैं, तो उत्तराखंड न केवल निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनेगा, बल्कि यहां के युवाओं को भी अपने ही राज्य में बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

 

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