कारगिल विजय दिवस पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि,, जिलाधिकारी ने दी शहीदों को पुष्पांजलि, वीर नारियों को किया सम्मानित,, जनपद हरिद्वार में हर्षोल्लास से मनाया गया शौर्य दिवस,, एनसीसी कैडेटों और छात्र-छात्राओं ने भी दिखाई सहभागिता

इन्तजार रजा हरिद्वार- कारगिल विजय दिवस पर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि,,
जिलाधिकारी ने दी शहीदों को पुष्पांजलि, वीर नारियों को किया सम्मानित,,
जनपद हरिद्वार में हर्षोल्लास से मनाया गया शौर्य दिवस,, एनसीसी कैडेटों और छात्र-छात्राओं ने भी दिखाई सहभागिता
हरिद्वार, 26 जुलाई 2025 –
कारगिल युद्ध की 26वीं वर्षगांठ को जनपद हरिद्वार में शौर्य दिवस के रूप में गरिमामय और भावनात्मक माहौल में मनाया गया। जिला सैनिक कल्याण कार्यालय एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रमों की शृंखला में, मुख्य कार्यक्रम कलेक्ट्रेट परिसर में हुआ, जहां जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कारगिल युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम की शुरुआत कारगिल शहीदों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पण और दो मिनट के मौन के साथ हुई। इसके पश्चात गार्ड ऑफ ऑनर देकर वीरों को सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने शहीद सैनिकों की वीर नारियों एवं उनके परिजनों को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिक, छात्र-छात्राएं, एनसीसी कैडेट, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
वीरों के सम्मान में प्रशासन तत्पर
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 26 जुलाई का दिन हर भारतवासी के लिए गौरव और श्रद्धा का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध में देश ने अपने 500 से अधिक वीर सपूत खोए थे, जिनमें उत्तराखंड के भी 75 जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी। हरिद्वार जनपद के राइफल मैन मान सिंह गोसाई ने भी 29 जून 1999 को वीरगति प्राप्त की थी। ऐसे सपूतों को युगों-युगों तक याद किया जाता रहेगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि सीमा पर डटे सैनिकों की वीरता और उनके परिवारों के त्याग को प्रशासन सदैव नमन करता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वीर नारियों, सीमा पर तैनात सैनिकों के परिजनों एवं भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता से किया जाएगा। यदि कोई सैनिक परिवार किसी प्रकार की समस्या से जूझ रहा है, तो वह जिला सैनिक कल्याण अधिकारी या प्रत्येक सोमवार को आयोजित जनता दरबार में आकर अपनी बात रख सकता है।
सम्मान और प्रतियोगिताओं से बढ़ा उत्साह
इस गरिमामयी कार्यक्रम में शहीद मान सिंह गोसाई के परिजनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। जिलाधिकारी द्वारा उन्हें शॉल और प्रशस्ति चिन्ह प्रदान कर समाज की ओर से श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया गया। इसी क्रम में जनपद के 13 अन्य वीर शहीदों की वीर नारियों और परिजनों को भी मंच पर बुलाकर समान रूप से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दौरान एनसीसी कैडेट्स एवं शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित निबंध और स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। खेल विभाग की ओर से आयोजित हॉकी प्रतियोगिता के विजेताओं को भी जिलाधिकारी ने ट्रॉफी देकर प्रोत्साहित किया।
शहीदों की स्मृति में भावुक क्षण
जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सरिता पॉवर ने अपने संबोधन में कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि रखते हुए बताया कि यह युद्ध 08 मई 1999 से 26 जुलाई 1999 तक चला और 78 दिनों तक पाकिस्तान की सेना को पीछे हटाने के लिए भारत के जांबाज सैनिकों ने कठिन भू-भाग और प्रतिकूल मौसम में लड़ाई लड़ी। इस दौरान उत्तराखंड के 75 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने जनपद हरिद्वार के राइफल मैन मान सिंह गोसाई को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और शहीदों के परिजनों, वीर नारियों एवं भूतपूर्व सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने इस कार्यक्रम को गौरवपूर्ण बनाया।
प्रशासनिक अधिकारी भी रहे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर के सिंह, जिला क्रीड़ा अधिकारी शैफाली गुरांग, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, जिला सूचना अधिकारी अहमद नदीम, ऑर्डिनरी कैप्टन डीएस गुसाईं, सूबेदार सुधीर चंद्र, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वीरेंद्र सिंह रावत एवं दीपचंद्र पांडे सहित कई अन्य अधिकारी व कार्मिक उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के अंत में भारत माता की जय और शहीदों अमर रहें के नारों से वातावरण गूंज उठा। शौर्य दिवस का यह आयोजन न केवल शहीदों के बलिदान की याद दिलाने वाला था, बल्कि युवा पीढ़ी को देशभक्ति का संदेश देने वाला भी साबित हुआ। जनपद में आयोजित इस आयोजन ने यह स्पष्ट कर दिया कि हरिद्वार अपने वीरों को कभी नहीं भूलेगा और उनके सम्मान में हरसंभव प्रयास करता रहेगा।