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एनडीआरएफ का ‘शौर्य’ पर्वतारोहण अभियान रवाना, मुख्यमंत्री धामी ने दिखाई हरी झंडी, साहसिक पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का संकल्प, आपदा प्रबंधन में मजबूती और युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा यह अभियान

इन्तजार रजा हरिद्वार- एनडीआरएफ का ‘शौर्य’ पर्वतारोहण अभियान रवाना,
मुख्यमंत्री धामी ने दिखाई हरी झंडी, साहसिक पर्यटन को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का संकल्प,
आपदा प्रबंधन में मजबूती और युवाओं के लिए प्रेरणा बनेगा यह अभियान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन, देहरादून से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के तृतीय पर्वतारोहण अभियान ‘शौर्य’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह अभियान उत्तरकाशी से कीर्ति ग्लेशियर होते हुए 6,832 मीटर ऊंची केदार डोमश चोटी को फतह करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एनडीआरएफ के 44 सदस्यीय दल को शुभकामनाएं दी और इसे राज्य के साहसिक पर्यटन और आपदा प्रबंधन क्षमताओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को साहसिक पर्यटन और ईको-टूरिज्म का अंतरराष्ट्रीय हब बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि टिहरी वाटर स्पोर्ट्स, नयार महोत्सव जैसी प्रतियोगिताएं युवाओं को न केवल अवसर देती हैं, बल्कि उन्हें प्राकृतिक संसाधनों से जोड़ने का कार्य भी करती हैं। उन्होंने एनडीआरएफ के जवानों को युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बताया जो न केवल आपदाओं में अपनी सेवाएं देते हैं बल्कि पर्वतारोहण जैसे कठिन अभियानों में भाग लेकर साहस और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रबंधन की दिशा में निरंतर काम कर रही है। अत्याधुनिक तकनीक, संसाधन और प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जा रही है ताकि आपदा के समय प्रतिक्रिया समय को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड डिजास्टर प्रीपेयर्डनेस एंड रेसीलियेंट प्रोजेक्ट के अंतर्गत 1480 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जो राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

एनडीआरएफ के डीजी पीयूष आनंद ने जानकारी दी कि यह ट्रैकिंग अभियान उच्च हिमालय क्षेत्रों में रेस्क्यू मिशनों के लिए जवानों की दक्षता बढ़ाने में सहायक होगा। इस अभियान से जवानों की क्षमता में इजाफा होगा और समय रहते प्रभावी प्रतिक्रिया देना संभव हो सकेगा।

कार्यक्रम में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहेला और सचिव विनोद सुमन समेत कई अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम का उद्देश्य साहसिकता, सेवा और सुरक्षा को एक सूत्र में पिरोते हुए राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाना रहा।

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