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शांतरशाह क्षैत्र में जमीन कब्जाने की साजिश पर बहादराबाद में मुकदमा दर्ज,, मृत महंत के नाम पर फर्जी रसीद बनाने वाले आरोपी नामजद,, न्यायालय के आदेश पर बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर शुरू हुई जांच

इन्तजार रजा हरिद्वार- शांतरशाह क्षैत्र में जमीन कब्जाने की साजिश पर बहादराबाद में मुकदमा दर्ज,,

मृत महंत के नाम पर फर्जी रसीद बनाने वाले आरोपी नामजद,,

न्यायालय के आदेश पर बहादराबाद थाने में मुकदमा दर्ज कर शुरू हुई जांच

हरिद्वार। आखिरकार लंबे संघर्ष के बाद जमीन कब्जाने की साजिश का मामला मुकदमे में तब्दील हो गया है। मृत महंत के नाम पर फर्जी रसीद बनाकर जमीन हड़पने की कोशिश करने वाले आरोपियों के खिलाफ थाना बहादराबाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मृत महंत के नाम पर फर्जीवाड़ा

ग्राम शांतरशाह के महंत जोगेंद्र दास ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल कर आरोप लगाया था कि गांव के ही तेजपाल सिंह, उसके बेटे अजय प्रताप व तेज प्रताप, रविंद्र पुत्र संदल, धर्म सिंह पुत्र इलमचंद और शकील अहमद ने 10 रुपये के स्टाम्प पर दिनांक 23 जून 2004 की एक फर्जी रसीद तैयार की। इसमें दर्शाया गया कि महंत राजेंद्र दास ने जमीन 50 हजार रुपये में बेच दी थी। लेकिन बड़ा खुलासा यह हुआ कि महंत राजेंद्र दास का 23 जनवरी 2004 को ही स्वर्गवास हो चुका था। यानी उनकी मृत्यु के पांच महीने बाद ही उनके नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज तैयार किया गया।

पुलिस टालती रही, कोर्ट से मिला न्याय

महंत जोगेंद्र दास ने पहले थाना बहादराबाद और फिर एसएसपी हरिद्वार को तहरीर भेजी, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। मजबूर होकर उन्होंने एसीजेएम न्यायालय, हरिद्वार का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने मामले को गंभीर मानते हुए थाना बहादराबाद को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।

नामजद आरोपियों पर मुकदमा

न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने तेजपाल सिंह, अजय प्रताप, तेज प्रताप, रविंद्र, धर्म सिंह और शकील अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन सभी पर कूटरचित दस्तावेज बनाने, धोखाधड़ी और जमीन कब्जाने की साजिश के गंभीर आरोप लगे हैं।

गद्दी और जमीन का विवाद

यह विवाद सिर्फ जमीन का ही नहीं बल्कि धार्मिक गद्दी से भी जुड़ा है। महंत महेंद्र दास के ब्रह्मलीन होने के बाद उनके चेले महंत जोगेंद्र दास गद्दीनशीन बने। आरोप है कि इसी बीच कुछ लोगों ने गद्दी की जमीन पर कब्जा करने का खेल शुरू कर दिया।

ग्रामीणों में आक्रोश

मामले के उजागर होने के बाद शांतरशाह गांव और आसपास में रोष फैल गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि ऐसे फर्जीवाड़े पर कार्रवाई न हुई तो कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं रहेगा। लोगों ने प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।

न्यायालय के आदेश के बाद अब यह मामला पुलिस जांच के दायरे में आ गया है। मृत महंत के नाम पर फर्जी दस्तावेज बनाना केवल जमीन हड़पने की साजिश नहीं बल्कि धार्मिक आस्था से जुड़ा अपराध भी है। पीड़ित को उम्मीद है कि अब निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों को सजा मिलेगी।

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