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गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी स्नान पर्व पर कडे सुरक्षा इंतजाम, हरिद्वार पुलिस ने संभाली कमान, ऋषिकुल ऑडिटोरियम में हुई हाई लेवल ब्रीफिंग, सुरक्षा, समन्वय और संवेदनशीलता—तीनों स्तंभों पर टिकी है स्नान मेले की रणनीति :

इन्तजार रजा हरिद्वार- गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी स्नान पर्व पर कडे सुरक्षा इंतजाम,

हरिद्वार पुलिस ने संभाली कमान, ऋषिकुल ऑडिटोरियम में हुई हाई लेवल ब्रीफिंग,

सुरक्षा, समन्वय और संवेदनशीलता—तीनों स्तंभों पर टिकी है स्नान मेले की रणनीति


📍 Daily Live Uttarakhand विशेष रिपोर्ट
🗓️ दिनांक: 04 जून 2025
🖋️ रिपोर्टर: विशेष संवाददाता, इन्तजार रजा हरिद्वार

हरिद्वार, 4 जून 2025 — धर्म, आस्था और परंपरा की पवित्र नगरी हरिद्वार एक बार फिर विशाल स्नान पर्व के लिए तैयार है। गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे शुभ पर्वों पर लाखों श्रद्धालु गंगा तटों की ओर उमड़ते हैं। इस विशाल जनसमूह की आस्था को सुरक्षा का कवच देने हेतु हरिद्वार पुलिस ने चाक-चौबंद योजना तैयार की है।

ऋषिकुल ऑडिटोरियम में मंगलवार को एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय ब्रीफिंग का आयोजन हुआ, जिसमें मेले के दौरान तैनात समस्त पुलिस बल को ड्यूटी की जिम्मेदारियों के प्रति संवेदनशील, सक्रिय और सजग रहने के निर्देश दिए गए। इस बार की रणनीति केवल तैनाती तक सीमित नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित सुरक्षा ढांचे के रूप में तैयार की गई है।

मेला क्षेत्र में बना सुरक्षा का किला: दो सुपर जोन, 11 जोन, 27 सेक्टर में बंटा हरिद्वार

हरिद्वार को मेले के लिए दो सुपर जोन, 11 जोन और 27 सेक्टर में विभाजित किया गया है। इस विभाजन के पीछे उद्देश्य है — प्रत्येक क्षेत्र में उच्च सतर्कता, तीव्र संवाद और समय पर कार्रवाई की सुविधा।

  • सुपर जोन के तहत बड़े संवेदनशील क्षेत्र जैसे हर की पौड़ी, मेला गेट, मुख्य मंदिर क्षेत्र आदि आते हैं।
  • जोन स्तर पर ट्रैफिक, सुरक्षा, इंटेलिजेंस और भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
  • सेक्टर स्तर पर जवानों की ड्यूटी निर्धारण, चेकिंग, और यातायात डायवर्जन की जिम्मेदारियां तय की गई हैं।

इस प्रणाली के तहत हर अधिकारी की जवाबदेही स्पष्ट है, जिससे किसी भी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश नहीं बचेगी।

पुलिस कमान में विशेष जिम्मेदारियां: ट्रैफिक से लेकर मंदिरों तक सुरक्षा कड़ी

इस मेले में एसपी क्राइम जितेन्द्र मेहरा को यातायात प्रबंधन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भीड़ के दबाव में यातायात व्यवस्था अक्सर चरमरा जाती है, लेकिन इस बार सड़कों को ब्लॉक किए बिना डायवर्जन और रूट मैनेजमेंट को वैज्ञानिक तरीके से लागू किया जाएगा।

श्री सुरजीत सिंह पवार, उपसेनानायक एटीसी को पूरे स्नान क्षेत्र की निगरानी और समन्वय की कमान दी गई है। वह सीधे तौर पर मेला नियंत्रण कक्ष से जुड़े रहेंगे और मौके पर जाकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेंगे।

सुरक्षा की त्रिस्तरीय परत: CCTV, सादे वस्त्रों में तैनात जवान और डॉग स्क्वॉड

हरिद्वार पुलिस ने इस बार त्रिस्तरीय सुरक्षा परत तैयार की है:

  1. CCTV निगरानी – पूरे मेला क्षेत्र में सैकड़ों कैमरे लगाए गए हैं, जिन्हें कंट्रोल रूम से लाइव मॉनिटर किया जाएगा। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई होगी।
  2. सादे वस्त्रों में पुलिसकर्मी – मेले में घूमने वाले आम श्रद्धालुओं की भीड़ में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात होंगे, जो भीड़ में घुलमिलकर हर गतिविधि पर नजर रखेंगे।
  3. BDS और डॉग स्क्वॉड टीम – रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, मुख्य गंगा घाटों और भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में ये टीमें लगातार गश्त करेंगी।

इन सभी इकाइयों को आपस में जोड़ा गया है ताकि सूचना साझा करते हुए तत्काल प्रतिक्रिया दी जा सके।


स्वास्थ्य और अनुशासन भी सुरक्षा का हिस्सा: जवानों को दिए गए विशेष निर्देश

एसएसपी डोबाल ने जवानों को केवल ड्यूटी नहीं, बल्कि मानवता और अनुशासन से जुड़कर कार्य करने की अपील की। उन्होंने निम्नलिखित अहम बिंदुओं पर बल दिया:

  • जलवायु के अनुसार तैयारी – जवानों को अपने साथ छाता, बरसाती, ORS, ग्लूकोज रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि वह गर्मी या वर्षा में ड्यूटी से न हटें।
  • स्वस्थ भोजन और हाइड्रेशन – ताजा, पौष्टिक भोजन और पर्याप्त जलपान लेने के लिए कहा गया ताकि ड्यूटी के दौरान कोई स्वास्थ्य समस्या न हो।
  • सहकर्मी से संपर्क – सभी जवानों को अपने नजदीकी अधिकारी और साथियों का नंबर रखने के निर्देश हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संवाद हो सके।

फर्जी खबरों और अफवाहों पर विशेष सतर्कता: एलआईयू की सतत निगरानी

ब्रीफिंग में यह साफ तौर पर कहा गया कि मेला जैसे आयोजनों में अफवाहें बड़े हादसों का कारण बन सकती हैं। ऐसे में LIU (लोकल इंटेलिजेंस यूनिट) को खास सतर्कता बरतने को कहा गया है। सादी वर्दी में नियुक्त कर्मी सोशल मीडिया और मेले के भीतर की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।

किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने या सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश को रोकने के लिए तेज एक्शन लेने की रणनीति बनाई गई है।

घाटों और मंदिरों पर विशेष फोकस: हर की पौड़ी, मनसा देवी, चंडी देवी पर कड़ी निगरानी

हरिद्वार के घाटों और मंदिरों पर भीड़ सबसे ज्यादा रहती है। हर की पौड़ी, मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर को विशेष संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया गया है। इन स्थलों पर:

  • भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए फोर्स की अतिरिक्त तैनाती की गई है।
  • घाटों को लगातार खाली कराया जाएगा ताकि श्रद्धालुओं का प्रवाह बना रहे।
  • भगदड़ जैसी कोई भी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए रूट क्लियरिंग और बैरिकेडिंग का प्रबंध किया गया है।

कर्मठता और संवेदनशीलता—हरिद्वार पुलिस की पहचान

एसएसपी डोबाल ने अपने संबोधन में कहा:

“हरिद्वार पुलिस श्रद्धालुओं का स्वागत करती है। हमारी प्राथमिकता है कि आस्था के इस पर्व को पूर्ण समन्वय, सुरक्षा और शांति के साथ सम्पन्न कराया जाए। ड्यूटी पर तैनात हर पुलिसकर्मी इस जिम्मेदारी को समझे और उसे पूरी निष्ठा से निभाए।”

उन्होंने यह भी कहा कि इस आयोजन में हर पुलिसकर्मी चाहे किसी भी रैंक का हो, उसकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। परिस्थिति के अनुसार उसे अपने विवेक का प्रयोग करते हुए कार्य करना होगा।


संख्याबल की ताकत: तैनात फोर्स का पूरा विवरण

श्रेणी संख्या
अपर पुलिस अधीक्षक 03
पुलिस उपाधीक्षक 09
निरीक्षक/थानाध्यक्ष 18
उप निरीक्षक / अपर उप निरीक्षक 60
महिला उपनिरीक्षक/अपरनिरीक्षक 10
हेड कांस्टेबल/ कांस्टेबल 243
महिला कांस्टेबल 46
ट्रैफिक इंस्पेक्टर (TI) 03
ट्रैफिक उप निरीक्षक 14
ट्रैफिक हेड कांस्टेबल/कांस्टेबल 26
BDS / डॉग स्क्वॉड 01 टीम
फायर टेंडर मय यूनिट 04
घुड़सवार पुलिस दल 02 टीमें
फ्लड कंपनी 01
जल पुलिस 16
PAC कंपनियां 04 प्लाटून

डिजिटल संचार और कंट्रोल रूम: सतत निगरानी और तेज कार्रवाई का मॉडल

मेला क्षेत्र में स्थापित कंट्रोल रूम को पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़ा गया है। यहां से:

  • सभी CCTV कैमरों की लाइव फीड देखी जाएगी।
  • प्रत्येक जोन और सेक्टर के अधिकारी से रेडियो कम्युनिकेशन होगा।
  • किसी भी प्रकार की आपदा, अफवाह या दुर्घटना पर तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैयार रखी गई है।
  •  समर्पण से सजगता तक—आस्था की सेवा में हरिद्वार पुलिस

हरिद्वार का स्नान पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और प्रशासनिक परीक्षा भी होता है। हरिद्वार पुलिस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। इस बार की व्यवस्था आधुनिक तकनीक, बेहतर मानव संसाधन और संवेदनशील नेतृत्व का अद्भुत मेल है।

श्रद्धालुओं के लिए यह विश्वास का संदेश है कि उनका यह धार्मिक अनुभव न केवल पवित्र होगा, बल्कि सुरक्षित और स्मरणीय भी।


“Daily Live Uttarakhand” के माध्यम से हरिद्वार पुलिस की ओर से श्रद्धालुओं को हार्दिक आमंत्रण — आपकी आस्था, हमारी सुरक्षा।”

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