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हरिद्वार से जम्मू के लिए सन्नाटा, पहुलगाम आतंकी हमले के बाद रोडवेज बसों में यात्रियों की भारी कमी, डर के साए में सफर, कई बार बीच रास्ते से लौट रही हैं बसें

इन्तजार रजा हरिद्वार-  हरिद्वार से जम्मू के लिए सन्नाटा,
पहुलगाम आतंकी हमले के बाद रोडवेज बसों में यात्रियों की भारी कमी,
डर के साए में सफर, कई बार बीच रास्ते से लौट रही हैं बसें

हरिद्वार से जम्मू-कश्मीर जाने वाली रोडवेज बसें इन दिनों लगभग खाली जा रही हैं। पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने यात्रियों के मन में भय का वातावरण पैदा कर दिया है। हालात ऐसे हैं कि हरिद्वार से जम्मू के लिए रवाना होने वाली बसों में इक्का-दुक्का यात्री ही सफर कर रहे हैं, वो भी मजबूरी में। इसका सीधा असर रोडवेज के संचालन पर पड़ा है और आय में भी भारी गिरावट आई है।

यात्रियों का भरोसा टूटा, डर का माहौल

पहलगाम में हुआ आतंकी हमला एक बार फिर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर गया है। रोडवेज के अधिकारी और स्टाफ बताते हैं कि हमले के बाद से ही लोगों ने जम्मू की यात्रा करना लगभग बंद कर दिया है। कुछ यात्री तो टिकट बुक करवाने के बाद भी बस पकड़ने नहीं पहुंचे। रोडवेज ड्राइवर कपिल का कहना है कि—
“पहले हरिद्वार से जम्मू की बसें लगभग फुल जाती थीं। लेकिन अब हालत यह है कि दो से चार यात्री भी मिल जाएं तो बहुत है। कई बार हमें बस को बीच रास्ते से लौटाना पड़ता है या फिर ट्रिप ही रद्द करनी पड़ती है।”

यात्रियों की मजबूरी बन रही यात्रा की वजह

ऐसे माहौल में केवल वही लोग सफर कर रहे हैं जिन्हें किसी जरूरी काम से जम्मू जाना होता है। इनमें कुछ सरकारी कर्मचारी, विद्यार्थी या परिवार में किसी आपात स्थिति के कारण यात्रा करने वाले शामिल हैं। अन्यथा आम यात्री अब जम्मू की ओर रुख नहीं कर रहे हैं। लोगों को डर है कि कहीं रास्ते में फिर कोई अप्रिय घटना न हो जाए। इस डर ने यात्रियों के मन में गहरी जगह बना ली है।

रोडवेज पर असर, बस संचालन में असमंजस

रोडवेज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बसों की संख्या में कटौती करने के बावजूद भी स्थिति में खास सुधार नहीं हो पाया है। डीजल और कर्मचारियों की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। विभाग अब यह विचार कर रहा है कि कुछ समय के लिए हरिद्वार-जम्मू रूट को सीमित कर दिया जाए। इससे संसाधनों की बर्बादी रोकी जा सकेगी।

सुरक्षा एजेंसियों और प्रशासन की ओर से हालांकि यह कहा गया है कि सभी यात्रियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं, लेकिन आम जनता का मनोबल गिरा हुआ है। जब तक यात्रियों का विश्वास बहाल नहीं होता, तब तक इस रूट पर सामान्य स्थिति लौट पाना मुश्किल नजर आ रहा है।

आतंकी हमले का सीधा असर अब पर्यटन और परिवहन पर दिखने लगा है। पहलगाम की घटना ने न सिर्फ जम्मू-कश्मीर में भय फैलाया है, बल्कि उत्तर भारत के राज्यों में भी इसका असर महसूस किया जा रहा है। हरिद्वार जैसे तीर्थ नगरी से जम्मू जैसे संवेदनशील इलाके के लिए बस संचालन में आई यह गिरावट इस बात का संकेत है कि डर का साया अब भी बना हुआ है। यात्रियों की सुरक्षा और विश्वास बहाली के ठोस कदम उठाना अब प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।

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