ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर हरिद्वार में गूंजा राष्ट्रभक्ति का स्वर, भारतीय सेना के सम्मान में निकाली गई भव्य तिरंगा यात्रा बनी एकता का प्रतीक, हरिद्वार पुलिस और आमजन ने वीर जवानों के सम्मान में तिरंगा लेकर किया नमन, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के दिशा-निर्देशन में एसपी क्राइम जितेन्द्र मेहरा ने पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना

इन्तजार रजा हरिद्वार- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर हरिद्वार में गूंजा राष्ट्रभक्ति का स्वर,
भारतीय सेना के सम्मान में निकाली गई भव्य तिरंगा यात्रा बनी एकता का प्रतीक,
हरिद्वार पुलिस और आमजन ने वीर जवानों के सम्मान में तिरंगा लेकर किया नमन, एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के दिशा-निर्देशन में एसपी क्राइम जितेन्द्र मेहरा ने पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना
भारतीय सेना द्वारा हाल ही में सफलता के साथ पूरा किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पूरे देश को गौरव और आत्मविश्वास से भर दिया। इस सैन्य अभियान की सफलता का प्रभाव देश के कोने-कोने में देखने को मिला, जहाँ नागरिकों ने अपने-अपने तरीकों से भारतीय सेना के पराक्रम को सलाम किया। इसी क्रम में उत्तराखंड के धार्मिक नगरी हरिद्वार में एक विशेष आयोजन हुआ, जहाँ हरिद्वार पुलिस और स्थानीय नागरिकों ने वीर जवानों के सम्मान में तिरंगा यात्रा निकाली।
इस यात्रा का आयोजन तत्कालीन एसएसपी हरिद्वार प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के दिशा-निर्देशन में किया गया। एसपी क्राइम जितेन्द्र मेहरा ने पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद से इस यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह तिरंगा यात्रा केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि देशप्रेम और एकजुटता का जीवंत प्रतीक बनी, जिसमें हर वर्ग के नागरिकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
सेना के सम्मान में हर कदम
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता और अद्वितीय पराक्रम को उजागर किया। इस सफलता ने पूरे देश में गर्व और आत्मबल की भावना को मजबूत किया। हरिद्वार में आयोजित तिरंगा यात्रा सेना के प्रति आमजन की भावनाओं का प्रत्यक्ष प्रमाण थी। यह यात्रा सेना के वीर सपूतों के प्रति सम्मान प्रकट करने के उद्देश्य से आयोजित की गई थी।
तिरंगे को हाथ में लेकर जब लोग सड़कों पर उतरे, तो वह दृश्य देशभक्ति और एकजुटता की मिसाल बन गया। यात्रा में युवा, महिलाएं, छात्र, व्यापारी, समाजसेवी और आमजन शामिल हुए। चारों ओर गूंजते ‘भारत माता की जय’, ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम्’ जैसे नारों ने हरिद्वार को राष्ट्रप्रेम के रंग में रंग दिया।
यात्रा का मार्ग और व्यवस्था
तिरंगा यात्रा की शुरुआत पुलिस मुख्यालय, रोशनाबाद से हुई, जहाँ एसपी क्राइम जितेन्द्र मेहरा ने सभी को संबोधित किया और देशभक्ति का आह्वान करते हुए यात्रा को रवाना किया। यह यात्रा ऋषिकुल, देवपुरा चौक, वाल्मीकि चौक, भीमगौड़ा और हरकी पैड़ी जैसे प्रमुख मार्गों से होती हुई आगे बढ़ी।
पूरे आयोजन के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की थी। पुलिस बल की तैनाती, यातायात प्रबंधन और एंबुलेंस जैसे सभी इंतजाम मुस्तैदी से मौजूद थे। यह सुनिश्चित किया गया कि यात्रा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो और सभी नागरिक सुरक्षित रहें।
तिरंगे के साथ एकजुट भारत
इस यात्रा का सबसे सुंदर पक्ष यह था कि हर धर्म, जाति और वर्ग के लोगों ने एक साथ कदम से कदम मिलाया। तिरंगे ने सबको एक सूत्र में बांध दिया। यह सिर्फ एक झंडा नहीं था, बल्कि देश की अस्मिता, बलिदान और गौरव का प्रतीक बन गया।
स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों ने हाथों में तिरंगा लेकर देशभक्ति के गीत गाए और रंगोलियों, पोस्टरों और नारों के माध्यम से अपने जज़्बात जाहिर किए। समाजसेवी संस्थाओं ने यात्रा में भाग लेकर प्रशासन का सहयोग किया और विभिन्न स्थानों पर जलपान व सहायता शिविर भी लगाए।
एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल की नेतृत्व क्षमता
इस पूरे आयोजन की सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि इसे हरिद्वार पुलिस ने आमजन के साथ मिलकर मिलजुल कर संपन्न किया। तत्कालीन एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के कुशल नेतृत्व में यह यात्रा न केवल सुरक्षित और अनुशासित रही, बल्कि एक आदर्श सामूहिक आयोजन बन गई।
एसएसपी डोबाल ने इस यात्रा को केवल एक प्रशासनिक दायित्व नहीं माना, बल्कि उन्होंने इसे एक भावनात्मक और राष्ट्रीय अभियान की तरह लिया। उनका यह प्रयास यह दर्शाता है कि प्रशासन भी सेना के सम्मान में जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है।
आमजन का उत्साह और व्यापक सहभागिता
हरिद्वार की जनता ने इस आयोजन को दिल से अपनाया। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं, छात्र—हर कोई हाथ में तिरंगा लेकर यात्रा का हिस्सा बना। कई स्थानों पर लोगों ने यात्रा का स्वागत पुष्पवर्षा से किया। घरों की बालकनियों और छतों से लोग तिरंगे लहराते दिखे।
व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद कर यात्रा में भाग लिया और कई सामाजिक संगठनों ने स्वागत द्वार बनाकर प्रतिभागियों का सम्मान किया। इस आयोजन में कोई दिखावा नहीं था, बस एक सच्ची भावना थी—देश के लिए कुछ कर दिखाने की।
मीडिया और सोशल मीडिया में रही चर्चा
इस आयोजन की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुए। स्थानीय समाचार चैनलों और अखबारों ने इस यात्रा को प्रमुखता से प्रकाशित किया। देशभर के लोगों ने हरिद्वार के इस प्रयास की सराहना की और अन्य शहरों में भी इसी प्रकार के आयोजन करने की प्रेरणा ली।
तिरंगा यात्रा के माध्यम से हरिद्वार ने यह संदेश पूरे देश को दिया कि सेना के सम्मान में आमजन भी एकजुट होकर सड़कों पर उतर सकता है—शांति से, अनुशासन से और पूरे गर्व के साथ।
निष्कर्ष : एक संदेश, एक भावना
हरिद्वार की यह तिरंगा यात्रा केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक सामूहिक राष्ट्रचेतना का स्वरूप थी। इसने साबित कर दिया कि सेना केवल सीमाओं पर ही नहीं, दिलों में भी बसती है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता ने जहां हमारे सैनिकों की क्षमता को दिखाया, वहीं यह यात्रा देशवासियों की भावना को दर्शाती है।
यह आयोजन हमें यह सिखाता है कि जब-जब देश को ज़रूरत होगी, आम नागरिक तिरंगे के नीचे एकजुट होकर खड़ा रहेगा। हरिद्वार की जनता और पुलिस प्रशासन ने मिलकर जो उदाहरण प्रस्तुत किया, वह न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि देश के हर शहर के लिए एक मॉडल है।
सेना के सम्मान में निकाली गई यह तिरंगा यात्रा आने वाली पीढ़ियों को यह याद दिलाती रहेगी कि देश की रक्षा केवल सैनिकों का दायित्व नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है।