अवैध मदरसों पर हरिद्वार जिला प्रशासन का एक्शन जारी, डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के निर्देशन में तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका रानी नवोदय नगर, सलेमपुर दादुपुर क्षैत्र में पांच मदरसे किए गए सीज

इन्तजार रजा हरिद्वार:-अवैध मदरसों पर हरिद्वार जिला प्रशासन का एक्शन जारी, डीएम हरिद्वार कर्मेन्द्र सिंह के आदेश पर एसडीएम सदर हरिद्वार अजयवीर सिंह के निर्देशन में तहसीलदार हरिद्वार प्रियंका रानी नवोदय नगर, सलेमपुर दादुपुर क्षैत्र में पांच मदरसे किए गए सीज,
प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन की सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। शुक्रवार को प्रशासन ने हरिद्वार के सिडकुल और रानीपुर थाना थाना क्षेत्र में पांच मदरसो को सील कर दिया। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, आज कुल सात मदरसों पर कार्रवाई की जानी है, जिनमें से अब तक पांच मदरसों पर कार्रवाई पूरी हो चुकी है। शेष दो मदरसों पर भी जल्द ही प्रशासनिक एक्शन लिया जाएगा। यह कार्रवाई प्रशासन द्वारा अवैध और बिना अनुमति के संचालित हो रहे मदरसों के खिलाफ की जा रही है।
प्रशासन ने यह कदम उन मदरसों के खिलाफ उठाया है, जिनके पास मान्यता या वैध दस्तावेज नहीं हैं। प्रशासन का कहना है कि यदि कोई मदरसा वैध दस्तावेज प्रस्तुत करता है और वह वैध तरीके से संचालित हो रहा है, तो उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। प्रशासन का यह स्पष्ट बयान है कि किसी भी वैध संस्थान को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। अधिकारियों का यह भी कहना है कि यदि कोई मदरसा बिना अनुमति के चल रहा है और उसके पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं, तो उसे सील किया जाएगा।
इस कार्रवाई के दौरान पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। प्रशासन की ओर से लगातार यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल अवैध और बिना मान्यता के मदरसों पर कार्रवाई हो, ताकि शिक्षा का अधिकार बनाए रखा जा सके और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।,इस प्रशासनिक कार्रवाई पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव आफाक ने नाराजगी जताई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार धार्मिक भेदभाव के तहत मदरसों को निशाना बना रही है। राव आफाक ने कहा कि इन मदरसों को अवैध बताकर सील करना गलत है। उनका कहना था कि इन मदरसों में से कोई भी मदरसा कब्जे की जमीन पर नहीं बना है और सभी शिक्षण संस्थान बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उनका आरोप था कि इस तरह की कार्रवाई से समुदाय में असंतोष बढ़ सकता है और शिक्षा के अधिकार पर भी प्रभाव पड़ेगा।
राव आफाक ने प्रशासन से अपील की कि मदरसों को बिना उचित जांच के बंद न किया जाए। उनका कहना था कि इस प्रकार की कार्रवाई से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो सकती है, जो कि समाज के भविष्य के लिए हानिकारक हो सकता है।,प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि उनकी कार्रवाई केवल अवैध और बिना अनुमति से चल रहे मदरसों तक सीमित है। अधिकारी ने कहा कि किसी भी वैध शिक्षण संस्थान को बंद नहीं किया जाएगा। यदि मदरसा संचालक अपनी वैधता के दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं, तो मामले की पुनः समीक्षा की जा सकती है।
इस मामले को लेकर प्रियंका रानी, तहसीलदार हरिद्वार ने भी बयान दिया। उन्होंने बताया कि प्रशासन की पूरी कोशिश यह है कि अवैध मदरसों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था में कोई गड़बड़ी न हो। प्रियंका रानी ने कहा कि मदरसों का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा प्रदान करना है, लेकिन यदि वे अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं, तो प्रशासन को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी होगी।
हरिद्वार में यह कार्रवाई प्रशासन की सख्त नीति का हिस्सा है, जो अवैध संस्थाओं के खिलाफ समय-समय पर की जाती है। इस कार्रवाई से यह संदेश दिया जा रहा है कि बिना उचित दस्तावेजों के संचालित संस्थाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।