जिलाधिकारी की जनसुनवाई में 89 शिकायतें दर्ज – 42 का मौके पर निस्तारण,, जनपदवासियों की समस्याओं को त्वरित समाधान का मिला भरोसा – अधिकारियों को सख्त निर्देश,, भूमि विवाद से लेकर पेयजल, विद्युत और स्कूल शुल्क तक उठीं विविध समस्याएँ

इन्तजार रजा हरिद्वार- जिलाधिकारी की जनसुनवाई में 89 शिकायतें दर्ज – 42 का मौके पर निस्तारण,,
जनपदवासियों की समस्याओं को त्वरित समाधान का मिला भरोसा – अधिकारियों को सख्त निर्देश,,
भूमि विवाद से लेकर पेयजल, विद्युत और स्कूल शुल्क तक उठीं विविध समस्याएँ
हरिद्वार, 29 सितम्बर 2025।
जनपदवासियों की समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान करने के उद्देश्य से हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित की अध्यक्षता में सोमवार को जिला कार्यालय सभागार में आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान कुल 89 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 42 मामलों का मौके पर ही निस्तारण किया गया। शेष मामलों को संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल कार्यवाही हेतु प्रेषित किया गया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि जनता की शिकायतें प्राथमिकता के आधार पर सुनी जाएँ और उनका समयबद्ध समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही या स्थिलता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जनसुनवाई में उठीं विविध समस्याएँ
इस जनसुनवाई में लोगों ने भूमि विवाद, अतिक्रमण, जलभराव, पेयजल, विद्युत, विभागीय संपत्ति की सुरक्षा, स्कूल ड्रेस की कीमत, ओवरहेड टैंक निर्माण जैसे मुद्दों पर अपनी शिकायतें और सुझाव दिए।
- राणा प्रताप पुत्र भारत सिंह ने अपने पोते का आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया।
- जगदीश पुत्र मस्तूराम ने अपनी भूमि की पैमाइश कार्य कराने को लेकर आवेदन प्रस्तुत किया।
- मो. खालिद अंसारी निवासी ग्राम मुस्तफाबाद ने अम्बुवाला स्थित एक निजी स्कूल द्वारा महंगे दाम पर यूनिफॉर्म बेचने और रसीद न देने की शिकायत की।
- ग्राम प्रधान पीली पड़ाव शशि पाल सिंह ने विभागीय संपत्ति की सुरक्षा कर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की।
- प्रार्थी मांगेराम ने भूमिधारी खसरा नंबर 403 म/494 म से अवैध कब्जा हटवाने की गुहार लगाई।
- छोटी पत्नी इंतजार निवासी ग्राम असफनगर ग्रांट ने अपनी कृषि भूमि खसरा नंबर 104 क की पैमाइश कराने का आवेदन दिया।
- ग्राम प्रधान बिसनपुर कुंडी सन्नी कुमार ने जल जीवन मिशन के तहत ओवरहेड टैंक का कार्य पूर्ण कराए जाने को लेकर प्रार्थना पत्र सौंपा।
इनके अलावा भी अनेक ग्रामीणों ने सड़क, बिजली, पेयजल आपूर्ति, भूमि संबंधी विवाद और अन्य जनसुविधाओं से जुड़ी शिकायतें दर्ज कराई।
जिलाधिकारी के निर्देश – समयबद्धता और पारदर्शिता पर जोर
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनसुनवाई में जनता द्वारा दर्ज कराई गई सभी शिकायतों को त्वरित और समयबद्धता के साथ निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य जनता को राहत और न्याय दिलाना है, इसलिए किसी भी प्रकार की ढिलाई अस्वीकार्य होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो मामले मौके पर हल नहीं हो पाए हैं, उन्हें संबंधित विभागों को प्रेषित किया गया है और उन पर नियमित फॉलोअप होगा।
अधिकारियों की मौजूदगी और समन्वय
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य वित्त अधिकारी अजय कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी अतुल प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता (लोनिवि) डी.पी. सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी नलिनी ध्यानी, मुख्य क्रीड़ा अधिकारी शैफाली गुरांग, डीएसओ तेजबल सिंह, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी मीरा रावत, परियोजना निदेशक उरेडा वाई.एस. बिष्ट, अपर निदेशक मत्स्य विभाग गरिमा मिश्रा, अधिशासी अभियंता यूपीसीएल दीपक सैनी सहित जिला स्तरीय संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे ने कहा –
“जनसुनवाई कार्यक्रम के माध्यम से हमें सीधे जनता से फीडबैक मिलता है। आज जिन समस्याओं को हमने सुना है, उन्हें समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से हल किया जाएगा। हमारी कोशिश है कि हर शिकायतकर्ता को उसकी समस्या का समाधान मिल सके और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर उनका भरोसा और मजबूत हो।”
उनकी इस टिप्पणी से साफ झलकता है कि जिला प्रशासन और विकास विभाग आमजन की शिकायतों को लेकर गंभीर और संवेदनशील हैं।
जनता को भरोसा – हर सोमवार को सुनवाई जारी
जिला प्रशासन द्वारा जनसुनवाई कार्यक्रम को प्रत्येक सोमवार को आयोजित करने से आमजन में यह विश्वास मजबूत हुआ है कि उनकी समस्याओं को बिना विलंब सुना और सुलझाया जाएगा। यह पहल न केवल लोगों को राहत देती है बल्कि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास और पारदर्शिता भी बढ़ाती है।
कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी/सीडीओ हरिद्वार ने अधिकारियों को पुनः निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी विभागीय समस्याओं पर गंभीरता से कार्य करें और जनता को समय पर रिपोर्ट उपलब्ध कराएं।इस प्रकार, हरिद्वार में आयोजित यह जनसुनवाई कार्यक्रम जिले की प्रशासनिक संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का एक उदाहरण बनकर सामने आया, जिसमें जनता को त्वरित न्याय और समाधान का भरोसा दिलाया गया।