तालाबों के पुनरुद्धार कार्यों में लाई जाएगी तेजी – सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे, नीति आयोग की जल संरक्षण योजना की गहन समीक्षा बैठक सम्पन्न, जलाशयों को संरक्षित कर भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित करना है उद्देश्य, सीडीओ आकांक्षा कोंडे के स्पष्ट निर्देश – सभी कार्य इस माह के अंत तक पूर्ण हों, ग्राम प्रधानों की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण, अधिकारियों को तालाबों का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश जारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- तालाबों के पुनरुद्धार कार्यों में लाई जाएगी तेजी – सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे,
नीति आयोग की जल संरक्षण योजना की गहन समीक्षा बैठक सम्पन्न,
जलाशयों को संरक्षित कर भविष्य की पीढ़ियों को सुरक्षित करना है उद्देश्य,
सीडीओ आकांक्षा कोंडे के स्पष्ट निर्देश – सभी कार्य इस माह के अंत तक पूर्ण हों,
ग्राम प्रधानों की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण,
अधिकारियों को तालाबों का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश जारी
हरिद्वार, 2 मई।
हरिद्वार जिले में जल संरक्षण को लेकर चल रहे प्रयासों को और गति देने के उद्देश्य से आज विकास भवन सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) हरिद्वार श्रीमती आकांक्षा कोंडे ने की। बैठक में नीति आयोग द्वारा प्रायोजित जलाशयों के पुनरुद्धार कार्यक्रम की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में ग्राम्य विकास विभाग, सिंचाई विभाग, कृषि विभाग, पंचायतीराज विभाग और लघु सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इन विभागों को जिले में स्थित कुल 50 तालाबों का पुनरुद्धार कार्य सौंपा गया है, जिसमें प्रत्येक विभाग को 10-10 तालाब आवंटित किए गए हैं।
सीडीओ आकांक्षा कोंडे के स्पष्ट निर्देश – सभी कार्य इस माह के अंत तक पूर्ण हों
सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे ने सभी विभागों को निर्धारित समय-सीमा के भीतर कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की यह योजना केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह एक जनहितकारी और पर्यावरणीय जिम्मेदारी है, जिसे पूरी ईमानदारी और प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “तालाब केवल पानी जमा करने के साधन नहीं हैं, बल्कि यह हमारे गांवों की जीवनरेखा हैं। हमें इन्हें पुनर्जीवित करके आने वाली पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा का मजबूत आधार तैयार करना है।”
गाद हटाने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दें – सीडीओ का निर्देश
सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने खंड विकास अधिकारी बहादराबाद को निर्देश दिए कि वे ऐसे तालाबों की सूची तैयार करें जिनमें गाद हटाने (Desilting) की आवश्यकता है। यह सूची कल शाम तक प्रस्तुत की जानी है, ताकि संबंधित विभाग त्वरित कार्रवाई कर सकें।
सीडीओ ने यह भी स्पष्ट किया कि तालाबों की वास्तविक स्थिति को देखते हुए कार्यों की तत्काल योजना बनाई जाए और बिना किसी देरी के कार्य प्रारंभ हो। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मौके पर जाकर निरीक्षण करें और कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करें।
ग्राम प्रधानों की भूमिका को बताया महत्वपूर्ण
सीडीओ हरिद्वार ने कहा कि जलाशयों के पुनरुद्धार में ग्राम पंचायतों की भागीदारी बेहद जरूरी है। उन्होंने जिला पंचायतीराज अधिकारी को निर्देश दिए कि वे संबंधित ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ बैठक आयोजित कर योजना की विस्तृत जानकारी साझा करें।
उन्होंने कहा, “जब तक स्थानीय नेतृत्व यानी ग्राम प्रधान और पंचायतें इस कार्य में भाग नहीं लेंगी, तब तक स्थायी परिणाम नहीं मिल पाएंगे। ग्राम स्तर पर जागरूकता और सहभागिता ही सफलता की कुंजी है।”
अधिकारियों को तालाबों का भौतिक निरीक्षण करने के निर्देश
सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण और जिला विकास अधिकारी को आदेश दिया कि वे सभी विभागों को आवंटित तालाबों में से कम से कम 2 से 3 तालाबों का स्थल निरीक्षण स्वयं करें और तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा कि “कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ज़मीनी स्तर पर निगरानी जरूरी है। केवल कागजों पर समीक्षा से परिणाम नहीं मिलते, बल्कि अधिकारियों को खुद जाकर देखना होगा कि कार्य किस स्थिति में है।”
योजना से होने वाले बहुआयामी लाभ
सीडीओ मैम आकांक्षा कोंडे ने बताया कि इस योजना से जिले में भूजल स्तर में सुधार, कृषि उपयोग के लिए जल की उपलब्धता, पशुओं के लिए पेयजल एवं वर्षा जल संचयन जैसे अनेक फायदे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि “यह योजना केवल वर्तमान की नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए है। हमें इसे अपनी जिम्मेदारी मानकर सफल बनाना है।”
उन्होंने सभी विभागों को मिलकर कार्य करने का संदेश देते हुए कहा कि आपसी समन्वय, पारदर्शिता और नियमित निगरानी ही इस योजना की सफलता का आधार हैं।
बैठक में शामिल प्रमुख अधिकारी
इस समीक्षा बैठक में परियोजना निदेशक के. एन. तिवारी, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, मुख्य कृषि अधिकारी पी. एस. भंडारी, एडीएसटीओ सुभाष सिंह शाक्य, खंड शिक्षा अधिकारी सोमांश गुप्ता, सहायक अभियंता सिंचाई वाई. एस. तोमर, सहायक अभियंता लघु सिंचाई विद्याधर पाण्डेय, सहायक पंचायतीराज अधिकारी आर. एस. चौहान, सहायक खंड विकास अधिकारी बहादराबाद सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
सीडीओ हरिद्वार आकांक्षा कोंडे का संदेश
बैठक के समापन पर सीडीओ आकांक्षा कोंडे ने सभी अधिकारियों से कहा,“हम सबकी संयुक्त जिम्मेदारी है कि हम नीति आयोग की इस योजना को न केवल समय पर पूरा करें, बल्कि इसे गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ सफल बनाएं। यह कार्य न केवल हरिद्वार की प्रतिष्ठा बढ़ाएगा, बल्कि अन्य जिलों के लिए प्रेरणा भी बनेगा।”