पुलिस परिवार का बड़ा सहयोग,, मुख्यमंत्री राहत कोष में 14 लाख की धनराशि दी गई,, आपदा पीड़ितों के प्रति मानवता और संवेदनशीलता का संदेश

इन्तजार रजा हरिद्वार- पुलिस परिवार का बड़ा सहयोग,,
मुख्यमंत्री राहत कोष में 14 लाख की धनराशि दी गई,,
आपदा पीड़ितों के प्रति मानवता और संवेदनशीलता का संदेश
देहरादून। उत्तराखंड पुलिस परिवार ने एक बार फिर मानवता और सामाजिक जिम्मेदारी का परिचय देते हुए आपदा पीड़ितों के सहायतार्थ महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून की अगुवाई में कोतवाली डालनवाला में आयोजित विशेष कार्यक्रम के दौरान पुलिस परिवार की ओर से मुख्यमंत्री राहत कोष में 14 लाख रुपए की सहायता धनराशि प्रदान की गई। इस सहयोग से न केवल आपदा प्रभावित परिवारों को राहत मिलेगी बल्कि पुलिस विभाग की संवेदनशील छवि भी और मजबूत हुई है।
कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि जनता के सुख-दुख में हर कदम पर उनके साथ खड़ी है। उन्होंने पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों द्वारा जुटाई गई धनराशि की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम समाज में सकारात्मक संदेश देने वाला है।
एसएसपी देहरादून ने भी पुलिस बल के इस सामूहिक प्रयास को प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि राज्य आपदाओं से जूझता रहता है और ऐसे कठिन समय में सभी विभागों, संस्थाओं और समाज के लोगों को एकजुट होकर योगदान देना चाहिए। पुलिस परिवार का यह सहयोग अन्य संगठनों के लिए भी एक उदाहरण बनेगा।
इस मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने भी आपदा पीड़ितों के साथ एकजुटता जताई। कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह राशि पीड़ितों तक सही तरीके से पहुंचेगी और मुख्यमंत्री राहत कोष के माध्यम से राज्य सरकार इसे पारदर्शी ढंग से उपयोग में लाएगी।
पुलिस परिवार की ओर से की गई इस पहल को लेकर आम नागरिकों में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। लोगों का कहना है कि जब सुरक्षा बल अपने संसाधनों से आगे आकर योगदान देते हैं, तो समाज में सहयोग और विश्वास का माहौल और गहरा होता है।
यह सहयोग केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह संदेश भी है कि संकट की घड़ी में सभी को एक साथ खड़ा होना चाहिए। पुलिस परिवार ने जिस संवेदनशीलता के साथ यह राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में दी है, उसने यह साबित कर दिया कि वर्दी केवल सुरक्षा का प्रतीक नहीं, बल्कि सेवा और मानवता का भी प्रतीक है।
👉 यह पहल भविष्य में भी अन्य विभागों और समाज के विभिन्न वर्गों को प्रेरित करेगी कि वे आपदा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएं और राज्य की एकजुटता को और मजबूत बनाएं।