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बुलडोज़र एक्शन के बाद तारागढ़ का रास्ता बाधित,, जगह-जगह फैला मलबा बना राह का रोड़ा, जायरीनों को हो रही भारी परेशानी,, प्रशासन से अपील: रास्ता शीघ्र साफ कर आवागमन को बनाया जाए सुचारू

इन्तजार रजा हरिद्वार- बुलडोज़र एक्शन के बाद तारागढ़ का रास्ता बाधित,,
जगह-जगह फैला मलबा बना राह का रोड़ा, जायरीनों को हो रही भारी परेशानी,,
प्रशासन से अपील: रास्ता शीघ्र साफ कर आवागमन को बनाया जाए सुचारू

राजस्थान के अजमेर में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल तारागढ़ पहाड़ी पर शनिवार को हुई बड़ी बुलडोज़र कार्रवाई के बाद अब एक और समस्या सामने आ गई है। कार्रवाई में अवैध दुकानों को ढहाने के बाद जो मलबा बचा, वह तारागढ़ जाने वाले पैदल मार्ग पर जगह-जगह फैला हुआ है, जिससे श्रद्धालुओं और जायरीनों को पहाड़ी पर चढ़ने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बाधित मार्ग बना श्रद्धालुओं की श्रद्धा की राह में अड़चन
जहां एक ओर सरकार की ओर से वन भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त संदेश दिया गया, वहीं दूसरी ओर अचानक और व्यापक कार्रवाई के बाद मलबे को हटाने की त्वरित व्यवस्था न होने से आमजन को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

तारागढ़ के पैदल मार्ग पर अभी भी सैकड़ों दुकानें ढहाने के बाद बिखरा पड़ा मलबा पूरी तरह से हटाया नहीं जा सका है। कच्चे-पक्के ढांचे, लोहे की चादरें, लकड़ियां और टूटे शटर अब रास्ता जाम कर रहे हैं। विशेषकर बुजुर्ग श्रद्धालुओं और बच्चों के लिए यह मार्ग बेहद जोखिम भरा हो गया है।

स्थानीय नागरिकों और श्रद्धालुओं की आवाज़: “कृपया रास्ता साफ करें”
स्थानीय निवासियों, दुकानदारों और श्रद्धालुओं का कहना है कि सरकार की कार्रवाई यदि सही है, तो उसे उसके परिणामों से भी निपटने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। “रास्ता साफ होना चाहिए ताकि श्रद्धालु दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ सकें। हमें कानून से कोई शिकायत नहीं, लेकिन श्रद्धालुओं की आस्था का ख्याल रखा जाना चाहिए,” – एक बुजुर्ग जायरीन ने कहा।

प्रशासन से त्वरित सफाई की मांग
तारागढ़ की पहाड़ियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए जितनी तत्परता दिखाई गई, उतनी ही तेजी अब रास्ता बहाल करने की दिशा में भी अपेक्षित है। यदि यही स्थिति बनी रही, तो न सिर्फ आमजन नाराज होंगे बल्कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या में गिरावट आ सकती है, जिससे तारागढ़ की धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

मीडिया कवरेज न होने से समस्या और बढ़ी
प्रशासन ने मौके पर मीडिया कवरेज पर रोक लगाई थी, जिससे वास्तविक हालातों की जानकारी आम लोगों तक तुरंत नहीं पहुंच सकी। हालांकि, प्रशासन द्वारा जारी की गई तस्वीरें कार्रवाई की सख्ती तो दिखा रही हैं, लेकिन मलबा हटाने और रास्ता बहाल करने के प्रयासों की तस्वीरें नदारद हैं।

जहां एक ओर सरकार ने अवैध अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई कर मिसाल पेश की है, वहीं दूसरी ओर अब उसकी नैतिक जिम्मेदारी है कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रास्ते की तत्काल सफाई कराई जाए। क्योंकि कानून और आस्था – दोनों का संतुलन ही प्रशासन की सबसे बड़ी परीक्षा है।

अब अपील है – बुलडोज़र के बाद ब्रश चलाएं, ताकि आस्था की राह सुगम हो सके।

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