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लूसेंट बायोटेक में बड़ी कार्रवाई: 325 किलो ट्रामाडोल एपीआई जब्त,, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में छापेमारी,, NDPS एक्ट में गिरफ्तारी,, फर्जी मार्केटिंग कंपनी के नाम पर बन रही थीं नशीली गोलियां,, सप्लाई से पहले ही पकड़ी गई 30 लाख टैबलेट्स की खेप,, गंभीर अनियमितताएं उजागर, प्लांट हेड गिरफ्तार,, नशीली दवाओं के खिलाफ निर्णायक कदम

इन्तजार रजा हरिद्वार- लूसेंट बायोटेक में बड़ी कार्रवाई: 325 किलो ट्रामाडोल एपीआई जब्त,,
वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती के नेतृत्व में छापेमारी,, NDPS एक्ट में गिरफ्तारी,,
फर्जी मार्केटिंग कंपनी के नाम पर बन रही थीं नशीली गोलियां,, सप्लाई से पहले ही पकड़ी गई 30 लाख टैबलेट्स की खेप,, गंभीर अनियमितताएं उजागर, प्लांट हेड गिरफ्तार,, नशीली दवाओं के खिलाफ निर्णायक कदम

हरिद्वार। वरिष्ठ औषधि निरीक्षक श्रीमती अनीता भारती की मुश्देदी और सक्रिय निगरानी के चलते एक बड़े नशीली दवा घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। मंगलवार, 30 जुलाई 2025 को हरिद्वार स्थित लूसेंट बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड (Lucent Biotech Pvt. Ltd., नलहेड़ा अनंतपुर, रुड़की) में छापेमारी कर 325 किलोग्राम ट्रामाडोल एपीआई जब्त की गई, जिससे करीब 30 लाख टैबलेट्स का निर्माण किया जा सकता था।

गंभीर अनियमितताएं उजागर, प्लांट हेड गिरफ्तार

औषधि विभाग की इस छापेमारी के दौरान लूसेंट बायोटेक में दवाओं के निर्माण व क्रय-विक्रय से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की गई। निरीक्षण के दौरान गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) के मानकों का स्पष्ट उल्लंघन पाया गया। प्लांट हेड हरीकिशोर दस्तावेज़ दिखाने में असमर्थ पाए गए और मौके पर ही उन्हें गिरफ्तार कर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू की गई।

छानबीन में यह भी सामने आया कि जिस कॉन्नेन्ड्रम फार्मास्युटिकल्स, मेरठ के नाम पर ट्रामाडोल बनाई जा रही थी, वह फर्म उत्तर प्रदेश में अस्तित्वहीन है। यानी लूसेंट एक फर्जी मार्केटिंग कंपनी के नाम पर दवा निर्माण कर रहा था।

पंजाब पुलिस की जब्ती से खुला राज़

इस संयुक्त कार्रवाई की शुरुआत पंजाब राज्य के अमृतसर में 70,000 ट्रामाडोल टैबलेट्स की जब्ती से हुई, जो लूसेंट बायोटेक द्वारा निर्मित पाई गई थीं। उसी केस में थाना ए-डिवीजन, अमृतसर कमिश्नरेट में पहले से मुकदमा दर्ज है। इसके बाद हरिद्वार की टीम को जानकारी मिली कि इतनी भारी मात्रा में ट्रामाडोल एपीआई (Active Pharmaceutical Ingredient) अब भी मौजूद है। तत्परता दिखाते हुए अनीता भारती के नेतृत्व में हरिद्वार टीम और पंजाब पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर पूरी खेप जब्त की।

30 लाख टैबलेट्स का निर्माण रुकवाया, सप्लाई चैन ध्वस्त

जब्त की गई 325 किलो API से लगभग 30 लाख टैबलेट्स बनाई जा सकती थीं। इस नशीली खेप को बाजार में पहुंचने से पहले ही रोककर औषधि विभाग ने एक बड़ी आपराधिक आपूर्ति श्रृंखला को नष्ट कर दिया। इससे न केवल हरिद्वार बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों में फैल रही नशीली दवाओं की आपूर्ति पर तत्काल रोक लगी है।

फरार आर्यन पंत और जांच में जुटी टीम

पूछताछ में प्लांट हेड हरीकिशोर ने आर्यन पंत और विक्रम सैनी के नामों का खुलासा किया, जो इस नशीली खेप का ऑर्डर देने कंपनी आए थे।

  • आर्यन पंत, जो रिकॉल लाइफसाइंसेज, रुड़की का मालिक बताया गया, फरार है।
  • वहीं, विक्रम सैनी से पूछताछ जारी है। दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

रिकॉल लाइफसाइंसेज़ के साथ एक वैध एग्रीमेंट दिखाया गया, जिसके तहत पंजाब में दवाओं की सप्लाई की जा रही थी। लेकिन जब इसकी पुष्टि की गई, तो सप्लाई के पीछे व्यापक अनियमितताएं और जालसाजी सामने आईं।

कई अहम दस्तावेज जब्त, लाइसेंस निरस्त की संस्तुति

छापेमारी में इनवॉइस, एग्रीमेंट और लेन-देन से जुड़े दस्तावेज़ जब्त किए गए हैं। लूसेंट बायोटेक द्वारा नशीली दवाओं के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है और विभाग द्वारा सभी स्वीकृत अनुमोदनों को निरस्त करने की संस्तुति कर दी गई है।

लाइसेंस की वैधता, निर्माण प्रक्रिया, स्टॉक रजिस्टर और बिक्री रिकॉर्ड में भारी विसंगतियां पाई गईं, जो नियमानुसार दवा निर्माण के लिए गंभीर उल्लंघन माने जाते हैं।

कार्यवाही में शामिल अधिकारीगण

यह कार्रवाई वरिष्ठ औषधि निरीक्षक श्रीमती अनीता भारती के नेतृत्व में की गई, जिनकी कर्मठता, सतर्कता और दृढ़ संकल्प की प्रशंसा पूरे औषधि विभाग में हो रही है।
टीम में शामिल अधिकारी:

  • श्रीमती अनीता भारती, वरिष्ठ औषधि निरीक्षक, हरिद्वार
  • सुश्री मेघा, औषधि निरीक्षक, हरिद्वार
  • पंजाब पुलिस एवं ड्रग्स कंट्रोल विभाग, पंजाब की संयुक्त टीम

नशीली दवाओं के खिलाफ निर्णायक कदम

यह कार्रवाई केवल एक छापेमारी नहीं, बल्कि नशीली दवाओं के अवैध कारोबार पर प्रभावी और निर्णायक प्रहार है। लूसेंट बायोटेक में पकड़ी गई खेप यदि बाजार में पहुँच जाती, तो यह युवाओं के जीवन को बर्बाद कर सकती थी

श्रीमती अनीता भारती की यह कार्रवाई अन्य राज्यों के औषधि निरीक्षकों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन रही है। उनके नेतृत्व में की गई यह संयुक्त छापेमारी यह साबित करती है कि जब प्रशासन, कानून और नैतिक दायित्व एक साथ काम करते हैं, तो किसी भी अपराध को रोका जा सकता है।


संपर्क सूत्र:
औषधि नियंत्रण विभाग, हरिद्वार
(अधिकारिक जानकारी हेतु विभागीय कार्यालय से संपर्क करें)

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