उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में तबादलों की बड़ी लहर, CMO से लेकर निदेशक स्तर तक हुए फेरबदल, नौ जिलों में बदले स्वास्थ्य अधिकारी, स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम: सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार

इन्तजार रजा हरिद्वार- उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में तबादलों की बड़ी लहर,
CMO से लेकर निदेशक स्तर तक हुए फेरबदल, नौ जिलों में बदले स्वास्थ्य अधिकारी,
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम: सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार
देहरादून, 11 जून 2025 —
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में बुधवार को बड़े स्तर पर तबादलों का सिलसिला जारी करते हुए नौ वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों और निदेशक स्तर के पदाधिकारियों को इधर से उधर किया गया। यह फैसला राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावशाली, पारदर्शी और जनहितकारी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
कई जिलों में CMO बदले, अनुभव का मिला इनाम
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, डॉ. शिव मोहन शुक्ला को प्रेमनगर उप चिकित्सालय, देहरादून से स्थानांतरित कर पौड़ी का मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) बनाया गया है। वहीं, डॉ. नवीन चंद्र तिवारी को नैनीताल से स्थानांतरित कर अल्मोड़ा का प्रभारी CMO नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के अनुसार इन अधिकारियों का कार्यकाल उनके पिछले तैनाती क्षेत्रों में सकारात्मक रहा है, जिसके चलते उन्हें इस नई जिम्मेदारी के लिए चुना गया है।
निदेशक स्तर पर भी व्यापक फेरबदल
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 9 वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। इसके साथ ही, अपर निदेशक पदों पर पदोन्नत हुए 10 चिकित्सकों को भी नई तैनाती दी गई है। इसके अतिरिक्त, संयुक्त निदेशक के पदों पर पदोन्नत अधिकारियों को भी नई ज़िम्मेदारियों के साथ नियुक्त किया गया है।
यह बदलाव स्वास्थ्य विभाग के संगठनात्मक ढांचे को सुदृढ़ करने और अधिकारियों की क्षमता के अनुरूप जिम्मेदारियां सौंपने की नीति का हिस्सा हैं।
स्वास्थ्य सचिव का बयान: सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना लक्ष्य
राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने तबादलों को लेकर बयान देते हुए कहा,
“यह कदम उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुचारू और जनोपयोगी बनाने के लिए उठाया गया है। इन बदलावों से हर ज़िले में चिकित्सा सुविधाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। हमारी प्राथमिकता है कि प्रत्येक नागरिक को समय पर, पारदर्शी और कुशल स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों।”
उन्होंने यह भी कहा कि तैनात किए गए सभी अधिकारी अपने नए कार्यक्षेत्रों में पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ सेवा देंगे।
“हमारे डॉक्टर और अधिकारी जोश और संकल्प के साथ काम कर रहे हैं। यह स्थानांतरण उनकी मेहनत का सम्मान है और स्वास्थ्य तंत्र को नई ऊर्जा देने वाला कदम है।”
तबादलों की सूची से स्पष्ट हुआ सरकार का फोकस
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी तबादला सूची में जिन अधिकारियों के नाम हैं, उनमें अधिकांश वे हैं जिन्होंने हाल के वर्षों में कोविड प्रबंधन, मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण स्वास्थ्य योजनाओं और जिला स्तरीय चिकित्सा प्रबंधन में बेहतर कार्य किया है। इससे यह साफ़ है कि सरकार अब ‘परफॉर्मेंस-बेस्ड पोस्टिंग’ की दिशा में अग्रसर है।
इसके अलावा, लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे चिकित्सकों को भी नई ज़िम्मेदारियों के तहत दूसरी जगह भेजा गया है ताकि कार्यक्षमता और जवाबदेही में सुधार हो।
जनहित में लिया गया निर्णय, विपक्ष भी स्वागत में उतरा
हालांकि सरकारी तबादलों पर अक्सर विवाद होता है, लेकिन इस बार विपक्ष के कुछ नेताओं ने भी इस कदम की सराहना की है। उत्तराखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कहा,
“अगर यह फेरबदल जनहित में और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की नीयत से किया गया है, तो हम इसका समर्थन करते हैं। जरूरत है कि इन अधिकारियों को पर्याप्त संसाधन और सहयोग भी दिया जाए।”
आगे और भी होंगे सुधार: सूत्र
स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों के अनुसार, यह फेरबदल पहला चरण है। आगामी कुछ हफ्तों में ब्लॉक स्तर तक के चिकित्सकों और स्टाफ के तबादले और पदस्थापन भी किए जाएंगे। विशेषकर, जिन अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्टाफ की कमी है, वहां नए डॉक्टरों की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज की जाएगी।
इसके साथ ही, विभाग अस्पतालों के कामकाज की ऑडिट प्रणाली भी लागू करने जा रहा है, जिससे सरकारी चिकित्सालयों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।
उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने की पहल है। बड़ी संख्या में हुए अधिकारियों के तबादले केवल प्रशासनिक बदलाव नहीं, बल्कि कार्यक्षमता आधारित प्रणाली की ओर एक ठोस प्रयास भी हैं। अब देखना यह होगा कि नई तैनाती से स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी तस्वीर में कितना सुधार आता है। जनता को उम्मीद है कि नई व्यवस्था से सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधरेगी और प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था अधिक मानवीय और प्रभावशाली बनेगी।
(रिपोर्ट: डेली लाइव उत्तराखंड)