माणा रेस्क्यू अपडेट- राहत बचाव कार्य से 50 मजदूरों को निकाला गया, 23 का उपचार जारी

इन्तजार रजा हरिद्वार- माणा रेस्क्यू अपडेट- राहत बचाव कार्य से 50 मजदूरों को निकाला गया, जिसमें से 23 का उपचार किया जा रहा है।
भारत के पहले गांव माणा में बीते दिन एवलॉन्च ने भीषण तबाही मचाई है। 28 फरवरी को माणा पास के समीप आए एवलांच में बीआरओ के 54 मजदूर चपेट में आ गए थे। 50 मजदूरों को शनिवार की शाम तक रेस्क्यू किया जा चुका था। जिसमें से 27 मजदूरों को ज्योर्तिमठ लाया गया था। जबकि 4 मजदूर अभी भी मिसिंग हैं। जिनकी खोजबीन में आर्मी, आईटीबीपी,एनडीआरएफ तथा एसडीआरएफ की टीमें जद्दोजहद से लगी हुई हैं।
सर्च अभियान के दूसरे दिन 23 मजदूरों को ज्योर्तिमठ लाया गया है जिसमें से 20 घायल और 04 की मृत्यु हो चुकी है। इस तरह अभी तक रेस्क्यू किए गए 50 मजदूरों में से 04 की मृत्यु हो चुकी है वहीं गम्भीर रूप से घायल को 01 मजदूर को इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश भेजा गया है। बाकी घायलों का मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि इस रेस्क्यू अभियान में सेना के 07 और 01 निजी हैली की मदद से घायलों को ज्योर्तिमठ लाया गया है। लापता श्रमिकों में हरमेश चन्द हिमाचल प्रदेश, अशोक उत्तर प्रदेश, अनिल कुमार व अरविन्द उत्तराखण्ड के रहने वाले हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि देर रात डॉक्टरों ने चार मजदूरों को मृत्यु की पुष्टि की है। जिनमें हिमाचल के जितेंद्र सिंह व मोहीन्द्र पाल, उत्तर प्रदेश के मंजीत यादव, तथा उत्तराखण्ड के अलोक यादव शामिल हैं। उन्होंने बताया कि 55 में से 50 मजदूरों का रेस्क्यू किया गया है और चार अभी भी मिसिंग हैं। वहीं एक मजदूर अपने घर चला गया था। एनडीआरएफ की टीम थर्मल एमेजिंग कैमरा व स्नीपर डॉग की मदद से खोजबीन कर रही है। उन्होंने बताया कि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार पहुंचने वाले है जिनसे सतह के नीचे की छवियो को देखा जा सकता है। इससे सर्च अभियान में काफी मदद मिलेगी।
उत्तरकाशी निवासी मजदूर ने कहा कि वो मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने रेस्क्यू के लिए तत्परता दिखाई, साथ ही उन्होंने भारतीय सेना, आईटीबीपी,, पुलिस, एसडीआरएफ, व चमोली प्रसाशन को उनके सफल रेस्क्यू के लिए धन्यवाद दिया।
उत्तरप्रदेश के विजयपाल ने बताया कि सुबह साढ़े 8 बजे के करीब पहला गिलेशियर आया उसके बाद हमे आभास हुआ कि फिर से गिलेशियर आ सकता है। लेकिन जब दूसरा गिलेशियर आया तो हमे पता नहीं लग पाया और और हम सभी गिलेशियर में फंस गए। कहा कि बड़ी जदोजहद के बाद निकल पाये।
बेरीनाग पिथौरागढ़ जनपद के मजदूर ने बताया कि गिलेशियर टूटने का पता नहीं लग पाया,बताया कि रात को भारी बर्फबारी हुई थी जिस कारण यह घटना घटी।बताया कि जब हम लोग सोये हुए थे तब यह घटना घटी।उन्होंने बताया कि गेलिशियर की चपेट में आने से हमारा कंटेनर 50 से 60 मीटर नीचे गिर गया था। कहा कि सेना ने रेस्क्यू कर हमें बचाया।