उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर जमकर बवाल,प्रदर्शनकारी हुए उग्र, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रशासन ने मस्जिद को दिया था वैध करार,प्रदर्शनकारी मस्जिद को अवैध बताते हुए हटाने की मांग अडे.प्रदर्शन के दौरान सात पुलिसकर्मियों समेत 27 लोग घायल
इन्तजार रजा हरिद्वार-उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर जमकर बवाल,प्रदर्शनकारी हुए उग्र, पुलिस ने किया लाठीचार्ज,,प्रशासन ने मस्जिद को दिया था वैध करार,प्रदर्शनकारी मस्जिद को अवैध बताते हुए हटाने की मांग अडे
जिला प्रशासन ने साफ किया कि मस्जिद पुरानी है और मुस्लिम समुदाय के लोगों की जमीन पर बनी है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक मस्जिद गिराने की मांग को लेकर प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में सात पुलिसकर्मियों समेत 27 लोग घायल हो गए प्रदर्शनकारियों का आरोप था बाड़ाहाट इलाके में बनी मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी है।
उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर जमकर बवाल हो गया है। सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों के उग्र होने पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। जिसके बाद भीड़ का तितर बितर किया गया। इस बीच पूरे शहर में तनाव की स्थिति बनी हुई है। जगह जगह पुलिस बल को तैनात किया गया है।एक समुदाय संगठन की और से आज जनाक्रोश रैली का आयोजन किया गया। इसके साथ ही बाजार भी बंद किए गए। शहर में जय श्री राम के नारों के साथ रैली निकालकर मस्जिद को हटाने की मांग की गई।
पुलिस से तीखी झड़प
इसके बाद नारेबाजी करते हुए जनाक्रोश रैली भटवाड़ी रोड बैरिकेड के पास पहुंची, जहां काफी देर तक उनकी पुलिस से तीखी झड़प हुई। इस दाैरान भीड़ ने पथराव कर दिया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। लाठीचार्ज के बाद शहर में तनाव का माहौल हो गया है। जिसे देखते हुए जगह-जगह पुलिस बल तैनात किया गया है।
तीन जगह पर बैरियर
पुलिस ने रैली को रोकने के लिए तीन जगह पर बैरियर लगाए। सिंगल तिराहा सहित भटवाड़ी रोड ओर भैरव चौक में बैरियर के साथ भारी पुलिस बल तैनात रही। इस बीच जब हालात काबू में नहीं आए तो एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
मस्जिद को अवैध करार दिया
हालांकि प्रदर्शनकारी डीएम को बुलाने की मांग करते रहे। प्रदर्शनकारियों में स्वामी दर्शन भारती भी शामिल हुए और मस्जिद को अवैध बताते हुए हटाने की मांग करते रहे। उन्होंने प्रशासन से इसको लेकर एक समिति भी बनाने की मांग की।
क्यों है विवाद
उत्तरकाशी में पुरानी मस्जिद है। एक समुदाय के धार्मिक संगठन की ओर से इसे अवैध बताया जा रहा है। हालांकि जिला प्रशासन इसे सरकारी भूमि पर अवैध रूप से नहीं बने होने को लेकर जानकारी सार्वजनिक कर चुका है। लेकिन संगठन इसे नहीं मान रहा है। प्रशासन पर भी मिलीभगत होने का आरोप लगाया जा रहा है। संगठन की और से प्रशासन पर अतिक्रमण हटाने का दबाव बनाया जा रहा है।