पुरोला को मिला विकास का तोहफा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 210 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास, सुराज, स्वरोजगार और सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा कार्यक्रम

इन्तजार रजा हरिद्वार- पुरोला को मिला विकास का तोहफा,
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया 210 करोड़ की 55 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास,
सुराज, स्वरोजगार और सशक्तिकरण पर केंद्रित रहा कार्यक्रम
उत्तरकाशी जनपद के पुरोला क्षेत्र में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता को बड़ी सौगात दी। उन्होंने 210 करोड़ रुपये से अधिक लागत की 55 विकास योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर आयोजित विशाल जनसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य सिर्फ योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारना है ताकि जनता को वास्तविक लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख योजनाओं का उद्घाटन किया उनमें सड़क, सिंचाई, पेयजल, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और ग्रामीण विकास से जुड़ी परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हर जिले, हर ब्लॉक और हर गांव तक विकास पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन, पलायन रोकने और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं के विस्तार की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास के साथ-साथ राज्य में ‘सुराज’ को स्थापित करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता, जवाबदेही और जनसहभागिता के सिद्धांतों पर काम किया जा रहा है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय जनता से संवाद भी किया और उनकी समस्याएं सुनीं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक जिला एक उत्पाद, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, होमस्टे योजना जैसे नवाचारों का उल्लेख करते हुए युवाओं से आह्वान किया कि वे खुद का व्यवसाय शुरू करें और दूसरों को भी रोजगार दें। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हर जिले के लिए नए निवेश और उद्योगों को आकर्षित करने के प्रयासों में जुटी है।
इसके साथ ही उन्होंने हाल के वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों का लेखा-जोखा भी रखा—चाहे वह मुफ्त एंबुलेंस सेवा हो, महिलाओं के लिए 50% आरक्षण हो या तीर्थ यात्रा अनुदान योजना।
इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक, जिला अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जनता का विश्वास ही है जो सरकार को प्रेरणा देता है, और यही भरोसा राज्य को ‘सर्वोत्तम उत्तराखंड’ की ओर ले जाएगा।
कार्यक्रम का समापन जय उत्तराखंड और जय भारत के नारों के साथ हुआ, जो जनसभा में उत्साह और विश्वास का प्रतीक बनकर गूंजता रहा।