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दिल्ली-हरिद्वार हाईवे बना धैर्य की परीक्षा: वीकेंड भीड़, पुलिस पसीने-पसीने, यात्री बेहाल, हर की पौड़ी से हाईवे तक जाम ही जाम, गर्मी में फंसे लोग बोले- ‘कब मिलेगा राहत?’, सीएम धामी की रैली ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता, यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई

इन्तजार रजा हरिद्वार- दिल्ली-हरिद्वार हाईवे बना धैर्य की परीक्षा: वीकेंड भीड़, पुलिस पसीने-पसीने, यात्री बेहाल,
हर की पौड़ी से हाईवे तक जाम ही जाम, गर्मी में फंसे लोग बोले- ‘कब मिलेगा राहत?’,
सीएम धामी की रैली ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता, यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमराई

हरिद्वार, 08 जून 2025 | संवाददाता: इन्तजार रजा

हरिद्वार में इस वीकेंड श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भारी भीड़ के कारण दिल्ली-हरिद्वार नेशनल हाईवे और शहर की मुख्य सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। शनिवार दोपहर से शुरू हुई भीड़ रविवार सुबह तक तांडव करती रही। हर की पौड़ी, चंडी चौक, भीमगोड़ा, रानीपुर मोड़, रोशनाबाद और हाईवे के कई हिस्सों पर वाहन रेंगते नजर आए। पुलिस प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद यातायात व्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा गई।

जाम में फंसे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं परेशान
गर्मी और उमस के बीच घंटों तक वाहन में फंसे यात्रियों की हालत खराब हो गई। कई गाड़ियों में छोटे बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं थीं जो लगातार पसीने से तरबतर और बेचैनी में दिखाई दिए। कुछ लोग पानी और छांव की तलाश में वाहन से उतरकर सड़क किनारे खड़े नजर आए। दिल्ली से हरिद्वार दर्शन के लिए आए एक श्रद्धालु ने बताया, “हम सुबह 9 बजे पहुंचे थे, लेकिन दोपहर 2 बजे तक गंगा स्नान भी नहीं कर पाए। सारा वक्त गाड़ी में फंसे रहे।”

हरिद्वार पुलिस के जवान सड़क पर, मगर व्यवस्था नाकाम
पुलिस कप्तान प्रमेन्द्र सिंह डोबाल के निर्देश पर यातायात पुलिस और सामान्य बल सड़कों पर उतरे हुए हैं। जवानों ने अपनी ड्यूटी में कोई कसर नहीं छोड़ी, मगर भीड़ का दबाव और सड़क की सीमित क्षमता व्यवस्था को नहीं संभाल पाई। कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों ने खुद हाथों से ट्रैफिक को डायवर्ट करने का प्रयास किया, लेकिन वाहनों की संख्या और लोगों की जल्दबाजी के आगे सब कुछ विफल होता दिखा।

सीएम धामी की रैली बनी प्रशासन की नई चुनौती
इसी बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हरिद्वार में प्रस्तावित रैली ने प्रशासन की टेंशन और बढ़ा दी है। सुरक्षा इंतजामों के लिए फोर्स का बड़ा हिस्सा सीएम की रैली की ओर मोड़ दिया गया, जिससे आम नागरिकों के लिए ट्रैफिक व्यवस्था और ज्यादा बिगड़ गई। प्रशासन के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, “सीएम की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन भीड़ और जाम के हालात ने हमें दोहरी चुनौती में डाल दिया है।”

नेशनल हाईवे पर किलोमीटरों लंबी कतारें
दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर खासतौर से मंगलौर, भगवानपुर, और रानीपुर के आसपास वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं। ट्रक, कार, बस, ऑटो और दोपहिया वाहन एक ही लेन में ठूंस-ठूंसकर खड़े थे। किसी को न आगे बढ़ने का रास्ता मिल रहा था, न ही पीछे हटने का। गर्मी और थकावट से बेहाल यात्रियों ने प्रशासन से अपील की कि ऐसे आयोजनों के दौरान अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जाएं।

स्थानीय दुकानदारों की भी बिक्री प्रभावित
हर की पौड़ी और आसपास के क्षेत्र में लगने वाली जाम की वजह से न सिर्फ श्रद्धालु परेशान हुए, बल्कि दुकानदारों का धंधा भी प्रभावित हुआ। एक फूल विक्रेता ने बताया, “लोग गाड़ी से उतर ही नहीं पाए, तो दुकान तक कैसे आते। जो आते भी हैं वो जल्दी-जल्दी में बस फोटो खींचकर निकल जाते हैं।” कई दुकानदारों ने प्रशासन पर व्यवस्था न करने का आरोप लगाया।

क्या कहता है प्रशासन?
एसपी ट्रैफिक ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हमें पहले से वीकेंड पर भारी भीड़ की आशंका थी, इसलिए अतिरिक्त फोर्स तैनात की गई थी। लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या में हुए इजाफे ने हालात को बिगाड़ दिया। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए बाईपास और वैकल्पिक मार्ग खोले गए हैं।”

स्थिति कब तक सुधरेगी?
प्रशासन के अनुसार अगले 24 घंटे हालात ऐसे ही बने रह सकते हैं, जब तक कि भीड़ का दबाव कम न हो जाए। वहीं, यात्रियों और आम नागरिकों ने शासन से मांग की है कि भविष्य में ऐसे आयोजनों से पहले समुचित प्लानिंग की जाए ताकि आम जनजीवन प्रभावित न हो।

हरिद्वार में वीकेंड पर श्रद्धालुओं की भीड़ और सीएम की रैली का संयोग शहर की ट्रैफिक व्यवस्था के लिए एक बड़ी परीक्षा बनकर सामने आया। जहां एक ओर पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी निभाने में पसीना बहा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आम लोग भीषण गर्मी और घंटों के जाम से त्रस्त हैं। सवाल यही है – क्या भविष्य में प्रशासन ऐसे हालात से निपटने को पहले से तैयार रहेगा?

रिपोर्ट: इन्तजार रजा, हरिद्वार
Daily Live Uttarakhand के लिए

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